ETV Bharat / state

सवालों की गुत्थी में उलझा शराब घोटाला, जांच से दूर बड़ी मछलियां

सोनीपत शराब घोटाला सवालों की गुत्थी में उलझता जा रहा है. एक तरफ विपक्ष एसईटी को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा तो दूसरी तरफ, बड़ी मछलियां जांच से कोसों दूर हैं.

sonipat liquor scam update
sonipat liquor scam update
author img

By

Published : Jun 12, 2020, 8:29 AM IST

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाले में सरकारी मुलाजिमों की संलिप्तता को लेकर जांच एजेंसी अभी तक छोटे मोहरों की ही चाल में फंसी हुई है. एसईटी, एसआईटी और अन्य एजेंसियों की जांच छोटे मुलाजिमों से आगे नहीं बढ़ पा रही है. मामले में आबकारी विभाग के जिस चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर घोटाले में संलिप्तता का आरोप है. उसे पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

आरोपी कर्मचारी सुनील कुमार अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका लगा चुका है. मामले में सुनील की संलिप्तता आबकारी विभाग के कई बड़े अधिकारियों के इस पूरे मामले में संलिप्त होने की ओर इशारा कर रही है. मामले में सवाल उठ रहा है कि जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शराब चोरी करवा रहा था तो उस वक्त जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे थे? इसका जवाब आबकारी विभाग का मूवमेंट रजिस्टर खोल सकता है.

मूवमेंट रजिस्टर के जरिए पता चल सकता है कि अधिकारियों ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा का कितना पालन किया है. अधिकारी कब-कब शराब गोदाम की स्थिति देखने के लिए मौके पर गए. मामले पर नजर रख रहे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो एजेंसियां फिलहाल छोटे कर्मचारियों की भूमिका की जांच में ही अटकी हुई हैं. हर कोई लॉकडाउन को जिम्मेदार बता रहे हैं.

यहां जानें कि क्या है शराब घोटाला मामला- शराब घोटाले में SIT की जांच तेज, डिप्टी एक्साइज कमिश्नर कार्यालय में खंगाला रिकॉर्ड

गोदामों से शराब की चोरी सालो से की जा रही थी. ऐसा प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हो चुका है, लेकिन आबकारी विभाग के कई अधिकारी इस पूरे मामले में लॉकडाउन को ही जिम्मेदार बनाने में जुटे हैं. अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से वो गोदामों का निरीक्षण नहीं कर पाए बस यहीं चूक हो गई. हालांकि इससे पहले भी शराब चोरी होने के सवाल पर अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं.

अधिकारियों के मुताबिक गोदामों की लगातार निगरानी की जा रही थी. लॉकडाउन से पहले 22 मार्च तक निरीक्षण किया जा रहा था, लेकिन बाद में अधिकारियों की ड्यूटी इधर-उधर लग गई थी. वहीं, कई क्वारंटाइन हो गए थे. ऐसे में निगरानी नहीं हो पाई.

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाले में सरकारी मुलाजिमों की संलिप्तता को लेकर जांच एजेंसी अभी तक छोटे मोहरों की ही चाल में फंसी हुई है. एसईटी, एसआईटी और अन्य एजेंसियों की जांच छोटे मुलाजिमों से आगे नहीं बढ़ पा रही है. मामले में आबकारी विभाग के जिस चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर घोटाले में संलिप्तता का आरोप है. उसे पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

आरोपी कर्मचारी सुनील कुमार अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका लगा चुका है. मामले में सुनील की संलिप्तता आबकारी विभाग के कई बड़े अधिकारियों के इस पूरे मामले में संलिप्त होने की ओर इशारा कर रही है. मामले में सवाल उठ रहा है कि जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शराब चोरी करवा रहा था तो उस वक्त जिम्मेदार अधिकारी क्या कर रहे थे? इसका जवाब आबकारी विभाग का मूवमेंट रजिस्टर खोल सकता है.

मूवमेंट रजिस्टर के जरिए पता चल सकता है कि अधिकारियों ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा का कितना पालन किया है. अधिकारी कब-कब शराब गोदाम की स्थिति देखने के लिए मौके पर गए. मामले पर नजर रख रहे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो एजेंसियां फिलहाल छोटे कर्मचारियों की भूमिका की जांच में ही अटकी हुई हैं. हर कोई लॉकडाउन को जिम्मेदार बता रहे हैं.

यहां जानें कि क्या है शराब घोटाला मामला- शराब घोटाले में SIT की जांच तेज, डिप्टी एक्साइज कमिश्नर कार्यालय में खंगाला रिकॉर्ड

गोदामों से शराब की चोरी सालो से की जा रही थी. ऐसा प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हो चुका है, लेकिन आबकारी विभाग के कई अधिकारी इस पूरे मामले में लॉकडाउन को ही जिम्मेदार बनाने में जुटे हैं. अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से वो गोदामों का निरीक्षण नहीं कर पाए बस यहीं चूक हो गई. हालांकि इससे पहले भी शराब चोरी होने के सवाल पर अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं.

अधिकारियों के मुताबिक गोदामों की लगातार निगरानी की जा रही थी. लॉकडाउन से पहले 22 मार्च तक निरीक्षण किया जा रहा था, लेकिन बाद में अधिकारियों की ड्यूटी इधर-उधर लग गई थी. वहीं, कई क्वारंटाइन हो गए थे. ऐसे में निगरानी नहीं हो पाई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.