करनाल: नगर निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज होती हुई नजर आ रही है. जहां बीजेपी ने नगर निकाय चुनाव को लेकर बैठकों का दौर पहले ही शुरू कर दिया, वहीं आज कांग्रेस पार्टी ने भी चुनाव अभियान की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं. पार्टी ने जिला संयोजकों की नियुक्ति कर दी है. आज करनाल पहुंचे हरियाणा सह प्रभारी प्रफुल्ल विनोद राव ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बैठक ली और अहम मुद्दों पर चर्चा की. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कहा है कि हरियाणा में निकाय चुनाव बैलेट पेपर पर करवाने के लिए कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयुक्त से मुलाकात करेगा.
17 फरवरी तक चलेंगे नामांकन : दरअसल, नगर निकाय चुनाव सिर पर है. हरियाणा में 2 मार्च को नगर निकाय चुनाव के लिए वोटिंग होगी और 12 मार्च को नतीजे घोषित होंगे. इसके लिए मंगलवार से नॉमिनेशन का दौर शुरू होगा. 17 फरवरी तक नॉमिनेशन फाइल किए जाएंगे. जहां एक तरफ बीजेपी ने सिंबल पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, तो वहीं कांग्रेस में भी ये मांग उठी, इसके तहत अब कांग्रेस ने भी पार्टी सिंबल पर ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
कांग्रेस की मांग- बैलेट पेपर पर हो चुनाव : हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए जहां बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी तैयारियों को जोर शोर से जारी रखा है, वहीं कांग्रेस फिर से एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा लेकर सामने आई है. हरियाणा कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल इसी मुद्दे पर राज्य चुनाव आयुक्त से पंचकुला में मुलाकात करेगा. कांग्रेस पार्टी की मांग है कि निकाय चुनाव बैलेट पेपर से करवाए जाएं.
ईवीएम की क्रेडिबिलिटी पर उठ रहे प्रश्न चिन्ह : इस मुद्दे को लेकर मीडिया से बात करते हुए हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान का कहना है कि ईवीएम से जिस तरह के नतीजे आ रहे हैं, उसी की वजह से इसको लेकर विभिन्न संस्थाओं और राजनीतिक दलों ने हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इसका मुद्दा उठाया है. जिसका विभिन्न कोर्ट में मामला चल रहा है. उनका कहना है कि ईवीएम की क्रेडिबिलिटी पर प्रश्न चिन्ह लगे हुए हैं.
अगर उत्तराखंड में बैलेट पेपर पर चुनाव हो सकते हैं तो हरियाणा में क्यों नहीं ? : उदयभान का कहना है कि निकाय चुनाव छोटा होता है, अभी उत्तराखंड में निकाय चुनाव हुए हैं, वहां पर बैलेट पेपर से चुनाव हुए हैं. जब उत्तराखंड में बैलेट पेपर से चुनाव हो सकते हैं तो हरियाणा में क्या दिक्कत है. हमारी मांग है कि हरियाणा में भी बैलेट पेपर से चुनाव किए जाएं. जिससे कि चुनाव की विश्वसनीयता कायम रहे. चुनाव फ्री एंड फेयर हो, अगर राज्य चुनाव आयुक्त ऐसा करते हैं तो इसका बहुत अच्छा संदेश जाएगा. इसके साथ ही लोकल बॉडी में हम देख रहे हैं कि अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व सही नहीं है उनके साथ भेदभाव किया गया है उस पर भी आयुक्त ध्यान दे, ताकि उनको सही न्याय मिले.
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"अगर 'आप' गठबंधन करती तो नतीजे कुछ ओर होते" : दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी स्थिति खराब नहीं है, ठीक है, हालांकि हमें जो सीटें जीतने की उम्मीद की थी वह नहीं मिली, लेकिन वोट प्रतिशत पहले से पार्टी का बढ़ा है. जो कमी रही, वो तो आम आदमी पार्टी की रही है, जो केजरीवाल का अहंकार था, जिस तरह उन्होंने कहा कि हम किसी गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि कांग्रेस आप के साथ गठबंधन में दिल्ली में चुनाव लड़ने को तैयार थी. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसलिए कांग्रेस को सभी सीटों पर मजबूरी में चुनाव लड़ना पड़ा. अगर आप कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ती तो निश्चित तौर पर नतीजे दूसरे होते. आप के नेतृत्व में सरकार बनती.
जल्द घोषित होगा नेता प्रतिपक्ष : वहीं उन्होंने उम्मीद जताई कि हाईकमान जल्द से जल्द नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान करेगा उन्हें इसकी उम्मीद है. पार्टी ने हाईकमान एक लाइन का प्रस्ताव भेजा हुआ है. उन्होंने उम्मीद जताई कि हरियाणा के बजट सत्र से पहले कभी भी नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है. क्योंकि दिल्ली का चुनाव भी हो चुका है.
करनाल नगर निगम में हम लाएंगे सुशासन : करनाल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सह प्रभारी पर प्रफुल्ल विनोद राव ने बताया कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी नगर निगम चुनाव सिंबल पर लड़ेगी. निकाय चुनाव के लिए अभी शुरुआत हुई है. कल से नॉमिनेशन शुरू है. जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आएगा, सरगर्मियां भी तेज होती जाएंगी. हम यहां पर कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए ही पहुंचे हैं. हम नगर परिषद का चुनाव भी सिंबल पर लड़ने जा रहे हैं. स्थानीय मुद्दों को लेकर निकाय चुनाव लड़ा जाएगा. नगर निगम में फैल रहे भ्रष्टाचार को हटाकर हम सुशासन देने का प्रयास करेंगे.
भाजपा 'वन नेशन वन पार्टी' की ओर बढ़ रही : उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का एजेंडा लोकतंत्र के लिए खतरा है. भाजपा वन नेशन वन पार्टी की ओर बढ़ रही है. डेमोक्रेसी में पक्ष विपक्ष रहने चाहिए. देश के हालात ऐसी ही दिख रहे हैं कि लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है.
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