ETV Bharat / state

PTI टीचर्स ने गोहाना एसडीएम ऑफिस में दिया सांकेतिक धरना - गोहाना एसडीएम ऑफिस

दोबारा बहाली को लेकर गोहाना मंडल परिसर पीटीआई टीचर्स ने धरना दिया, साथ ही सरकार को मांग ना मानने पर भूख हड़ताल की चेतावनी भी दी.

pti teachers protest in sdm office gohana sonipat
गोहाना एसडीएम ऑफिस में धरना
author img

By

Published : Jun 12, 2020, 5:56 PM IST

सोनीपत: हटाए गए पीटीआई टीचर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. टीचर्स ने गोहाना मंडल परिसर में एक दिन का सांकेतिक धरना दिया और सरकार से दोबारा बहाली की मांग की. इस दौरान टीचर ने कहा कि सन 2010 में 1983 पीटीआई टीचर लगे थे, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद बिना नोटिस दिए ही बीजेपी सरकार ने हमें हटा दिया. अगर सरकार ने उनकी फिर से बहाली नहीं की तो वो भूख हड़ताल पर चले जाएंगे.

सरकार पर लगाए भेदभाव के आरोप

साथ ही टीचर्स ने सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस मामले में राजनीति कर रही है. उनका सवाल है कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के बहुत से आदेश आ चुके हैं. क्या सरकार ने सबको माना है? गेस्ट टीचर के मामले में भी पोस्ट के आदेश आए थे. एसवाईएल पर फैसला भी कोर्ट दे चुकी है. क्या सरकार उसे मान रही है? तो फिर हमारे साथ भेदभाव क्यों?

क्या है पूरा मामला

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.

ये भी पढ़ें:-हटाए गए पीटीआई शिक्षकों के बीच पहुंचा ईटीवी भारत, शिक्षकों ने कैमरे के सामने बयां किया दर्द

याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.

सोनीपत: हटाए गए पीटीआई टीचर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. टीचर्स ने गोहाना मंडल परिसर में एक दिन का सांकेतिक धरना दिया और सरकार से दोबारा बहाली की मांग की. इस दौरान टीचर ने कहा कि सन 2010 में 1983 पीटीआई टीचर लगे थे, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद बिना नोटिस दिए ही बीजेपी सरकार ने हमें हटा दिया. अगर सरकार ने उनकी फिर से बहाली नहीं की तो वो भूख हड़ताल पर चले जाएंगे.

सरकार पर लगाए भेदभाव के आरोप

साथ ही टीचर्स ने सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस मामले में राजनीति कर रही है. उनका सवाल है कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के बहुत से आदेश आ चुके हैं. क्या सरकार ने सबको माना है? गेस्ट टीचर के मामले में भी पोस्ट के आदेश आए थे. एसवाईएल पर फैसला भी कोर्ट दे चुकी है. क्या सरकार उसे मान रही है? तो फिर हमारे साथ भेदभाव क्यों?

क्या है पूरा मामला

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.

ये भी पढ़ें:-हटाए गए पीटीआई शिक्षकों के बीच पहुंचा ईटीवी भारत, शिक्षकों ने कैमरे के सामने बयां किया दर्द

याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.