सोनीपत: रोहतक डिस्ट्रीब्यूटर नहर पर सफाई का काम करने वाले मनरेगा मजदूरों का आरोप है कि उन्हें पिछले दो महीने से मजदूरी नहीं मिली है. इसके अलावा उन्हें किसी भी तरह के कोई सेफ्टी उपकरण नहीं दिए गए हैं. जिससे वो कभी भी किसी हादसे का शिकार हो सकते हैं.
मजदूर दलबीर ने बताया कि वो मनरेगा के तहत मजदूरी करते हैं, लेकिन मजदूरी में से ही 30 रुपये किराये के लिए काट लिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि मजदूरों की सुविधा के लिए कुछ भी सेफ्टी किट नहीं दी जाती. साथ ही समय पर मजदूरी भी नहीं आ रही है. जिससे वो काफी परेशान हैं.
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वहीं एक दूसरे मनरेगा मजदूर ने कहा कि वो लगातार दो महीने से यहां पर काम कर रहे हैं. प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई सहायता नहीं मिलती है. अगर हमारे साथ कोई हादसा हो जाए तो भी प्रशासन हमारी कोई मदद नहीं करेगा.
कैमरे से बचते नजर आए अधिकारी
बता दें कि लॉकडाउन के बाद प्रशासन की तरफ से ज्यादातर काम मनरेगा के तहत किए गए हैं. गांव की सफाई का काम हो या नहर की सफाई का काम हो सभी जगहों पर मनरेगा मजदूरी के तहत ही काम किया गया है, लेकिन मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं दी गई. हालांकि प्रशासन और ठेकेदार ईटीवी भारत के कैमरे से बचते नजर आए और किसी भी अधिकारी ने इस मामले पर कैमरे के आगे कुछ नहीं बोला.