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पर्वतरोही रवि के परिजनों की मदद के लिए सरकार ने बढ़ाया हाथ, बॉडी रिकवरी के लिए सरकार देगी पैसा

माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले रवि के घर पर अब मातम पसर चुका है. रवि के परिजन अब भी ये बात मानने को तैयार नहीं है कि रवि अब उनके बीच नहीं है. वहीं रवि के शव को भारत लाने के लिए कोशिशें तेज कर दी गई हैं.

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Published : May 20, 2019, 9:12 PM IST

रवि के परिजनों की मदद के लिए सरकार ने बढ़ाया हाथ

सोनीपत: विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन करने वाले रवि ठाकुर का शव वापस लाने के लिए हरियाणा सरकार मदद करेगी. हरियाणा सरकार की ओर से नेपाल सरकार को ई-मेल कर कहा गया है कि रवि की बॉडी रिकवर करने के दौरान जो भी खर्चा होगा वो हरियाणा सरकार की ओर से दिया जाएगा.

रवि के परिवार की हरियाणा सरकार करेगी मदद
नेपाल सरकार को हरियाणा सरकार की ओर से भेजे ई-मेल की कॉपी.

16 मई को फतह किया था एवरेस्ट
तारा नगर के रहने वाले रवि सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. रवि 7 अप्रैल को घर से एवरेस्ट फतह करने के लिए निकले थे. ट्रेनिंग लेने के बाद रवि और उनके दल ने 11 मई को एवरेस्ट पर चढ़ना शुरू किया. हालांकि अचानक मौसम खराब होने के चलते उनका अभियान दो दिन के लिए रोक दिया गया. उसके बाद चढ़ाई करते हुए रवि ठाकुर और उनके दल ने 16 मई को एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराया .

बॉडी रिकवरी का खर्च उठाएगी हरियाणा सरकार

रवि के परिवार ने लगाई थी मदद की गुहार
रवि एवरेस्ट से लौटते वक्त खराब मौसम की चपेट में आ गए. वही नेपाल सरकार ने रवि के शव की रिकवरी के लिए करीब 30 लाख रुपए की बिल डिमांड भेजी. जिसके बाद परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई थी.

सोनीपत: विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन करने वाले रवि ठाकुर का शव वापस लाने के लिए हरियाणा सरकार मदद करेगी. हरियाणा सरकार की ओर से नेपाल सरकार को ई-मेल कर कहा गया है कि रवि की बॉडी रिकवर करने के दौरान जो भी खर्चा होगा वो हरियाणा सरकार की ओर से दिया जाएगा.

रवि के परिवार की हरियाणा सरकार करेगी मदद
नेपाल सरकार को हरियाणा सरकार की ओर से भेजे ई-मेल की कॉपी.

16 मई को फतह किया था एवरेस्ट
तारा नगर के रहने वाले रवि सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. रवि 7 अप्रैल को घर से एवरेस्ट फतह करने के लिए निकले थे. ट्रेनिंग लेने के बाद रवि और उनके दल ने 11 मई को एवरेस्ट पर चढ़ना शुरू किया. हालांकि अचानक मौसम खराब होने के चलते उनका अभियान दो दिन के लिए रोक दिया गया. उसके बाद चढ़ाई करते हुए रवि ठाकुर और उनके दल ने 16 मई को एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराया .

बॉडी रिकवरी का खर्च उठाएगी हरियाणा सरकार

रवि के परिवार ने लगाई थी मदद की गुहार
रवि एवरेस्ट से लौटते वक्त खराब मौसम की चपेट में आ गए. वही नेपाल सरकार ने रवि के शव की रिकवरी के लिए करीब 30 लाख रुपए की बिल डिमांड भेजी. जिसके बाद परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई थी.

NEWS BY : SANJEET CHOUDHARY, SONIPAT
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रवि के एवरेस्ट फतह करने से खुश था परिवार, मौत का पता लगने पर गम में डूबा 
सुबह परिवार को अखबार में मिली थी बेटे की उपलब्धि की जानकारी, तीसरे पहर दोस्त ने मौत होने के बारे में बताया 
-देश का नाम रोशन करना चाहते थे तारा नगर निवासी रवि ठाकुर, उपलब्धि पाने के बाद चली गई जान 
आयरलैंड के पर्वतारोही एन रिचर्ड हन्ना के आठ सदस्यीय दल के सदस्य थे रवि 
-गुरुग्राम स्थित पॉवर-2 एसएमई में थे साफ्टवेयर इंजीनियर 
-चार भाई बहनों में तीसरे नंबर के रवि की मौत से परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, 22 मई को सोनीपत आएगा शव 
परिवार ने प्रशासन से लगाई गुहार लेकिन मदद नहीं करने का भी लगाया आरोप 
शव को लाने के लिए आएगा 30 लाख रुपये का खर्च


एंकर-सोनीपत  शहर के तारा नगर में रहने वाले बीएसएनएल कर्मी महेश को शुक्रवार सुबह बेटे रवि ठाकुर के एवरेस्ट फतह की सूचना अखबार पढक़र मिली थी। जानकारी मिलते ही पूरा परिवार खुशी से झूम रहा था। अभी परिवार के सदस्य खुशियों की खुमारी में थे इसी बीच रवि ठाकुर के दोस्त ने फोन कर उसकी हादसे में मौत होने की जानकारी दी। जिसके बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ ही टूट गया। परिवार के सदस्य अभी तक पूरी तरह से स्तब्ध है। उन्हें इस सच्चाई पर यकीन नहीं हो रहा है। परिजनों को बताया गया है वहीं मदद के लिए सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है..लेकिन कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है.. परिजनों का आरोप है  की सांसद रमेश कौशिक ने तो यहां तक कह दिया कि रवि वहां क्या करने गया था... कि 22 मई को नेपाल से रवि का शव सोनीपत लाया जाएगा लेकिन जितने पैसे नेपाल  के द्वारा मांगे गए हैं.. वह  कहां से दें उनके द्वारा 30 लाख बताया गया है।
वीओ-1-सोनीपत के तारा नगर निवासी महेश टेलीकॉम कंपनी में तकनीशियन है। मेहश ने बताया कि उसके साफ्टवेयर इंजीनियर बेटे रवि ठाकुर को बचपन से ही देश का नाम रोशन करने का जुनून था। इसी के चलते वह 7 अप्रैल को घर से एवरेस्ट फतह करने की बात कहकर गया था। इसके लिए उसने पर्वतारोही एन रिचर्ड हन्ना के ग्रुप को चुना था। उनके साथ ट्रेनिंग लेेने के बाद रवि व उनके दल ने 11 मई को चढ़ाई शुरू की थी। हालांकि अचानक मौसम खराब होने के चलते उनका अभियान दो दिन के लिए रोक दिया गया था। उसके बाद चढ़ाई करते हुए रवि ठाकुर व उनके दल ने 16 मई को डेढ़ बजे एवरेस्ट चोटी पर झंडा फहराया था। उसने 10 मई को उनसे बातचीत की थी। साथ ही कहा था कि अब एवरेस्ट फतह कर वापस आने के बाद ही बातचीत करुंगा। उन्हें क्या पता था कि अब उन्हें कभी अपने बेटे की आवाज सुनाई नहीं देगी। महेश ने बताया कि बेटे के एवरेस्ट फतह करने के बाद से पूरा परिवार खुशी में डूबा था। दोपहर बाद तीन बजे रवि के दोस्त कर्मेंद्र ने उन्हें रवि के बारे में बुरी खबर दी। जिसके बाद से परिवार के सदस्यों का रोकर बुरा हाल है। सभी एक-दूसरे को ढांढस बंधाने में लगे हैं। वही उसके पिता महेश ने बताया कि वह सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है लेकिन कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है... वहीं रमेश कौशिक पर भी आरोप लगाते हुए बताया कि  सांसद रमेश कौशिक ने उन्हें कुछ मदद करने की वजह यह कह कर टाल दिया कि रवि वहां क्या करने गया था और अभी इलेक्शन इलेक्शन के बाद ही देखेंगे।
बाइट-महेश -रवि का पिता 
वीओ-2-महेश ने बताया कि उनके परिवार में पत्नी के अलावा उसके चार बच्चे थे। जिसमें सबसे बड़ा बेटा प्रदीप है। उससे छोटी बेटी मीनू, फिर तीसरे नंबर का रवि था। सबसे छोटी बेटी शालू है। रवि बचपन से ही काफी होनहार था। उसने सोनीपत के शंभू दयाल स्कूल से 12वीं कक्षा की पढ़ाई की थी। उसके बाद बीएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रायपुर से बीटेक की थी। उसके बाद वह साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की जॉब करने लगा। वह डेढ़ साल से गुरुग्राम के उद्योग विहार के फेस-4 स्थित पॉवर-2 एसएमई कंपनी में काम कर रहा था। कंपनी प्रबंधन की तरफ से उनके बेटे को 
काफी मदद की थी।  रवि की बहन मिनी ने बताया कि उसके भाई को कुछ नहीं हुआ है अगर प्रशासन और सरकार उनके मदद करें और उसे ढूंढो तो वह ठीक-ठाक आ सकता है लेकिन हमारी सरकार कुछ नहीं कर रही है परिजनों ने सरकार से जल्द से जल्द मदद की मांग की है
बाइट-मीनू-रवि की बहन 

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