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सोनीपत: किसानों ने रागनी के माध्यम से किया कृषि कानूनों का विरोध

कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. आंदोलन के 14वें दिन किसानों ने रागनी गाकर कृषि कानूनों का विरोध किया.

Farmers protest agricultural laws
Farmers protest agricultural laws
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Published : Dec 9, 2020, 4:49 PM IST

सोनीपत: कृषि कानून के विरोध में 14 दिन से किसान सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं. खाने-पीने की व्यवस्था के बीच किसान रागनियों को जरिए वक्त बिता रहे हैं. गोहाना के शामड़ी गांव के किसान रागनी गा कर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी बात नहीं मानेगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि रागनी हरियाणावी संस्कृति को संजोए हुए हैं. इसके जरिए वो बुराई को लोगों के सामने रखते हैं.

किसानों ने रागनी के माध्यम से किया कृषि कानूनों का विरोध

ये भी पढ़ें- सरकार ने किसानों को भेजा संशोधन प्रस्ताव, ईटीवी भारत पर देखें किन-किन मांगों को मानने को तैयार है सरकार

किसानों ने कहा कि अब कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज रागनी के जरिए उठा रहे हैं. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि जल्द ही उनकों किसानों की बात मान लेनी चाहिए और तीनों कानूनों को रद्द कर देना चाहिए.

सोनीपत: कृषि कानून के विरोध में 14 दिन से किसान सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं. खाने-पीने की व्यवस्था के बीच किसान रागनियों को जरिए वक्त बिता रहे हैं. गोहाना के शामड़ी गांव के किसान रागनी गा कर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी बात नहीं मानेगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि रागनी हरियाणावी संस्कृति को संजोए हुए हैं. इसके जरिए वो बुराई को लोगों के सामने रखते हैं.

किसानों ने रागनी के माध्यम से किया कृषि कानूनों का विरोध

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किसानों ने कहा कि अब कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज रागनी के जरिए उठा रहे हैं. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि जल्द ही उनकों किसानों की बात मान लेनी चाहिए और तीनों कानूनों को रद्द कर देना चाहिए.

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