सोनीपत: गोहाना के गांव हसनगढ़ निवासी सतबीर यादव की बेटी संतोष की डोली की विदाई हेलीकॉप्टर के जरिए हुई. गांव में हेलीकॉप्टर उतारने के बाद उसे देखने वालों का तांता लग गया.
संतोष जब हेलीकॉप्टर में बैठकर उड़ी, तो लोग आखिरी नजर तक हेलीकॉप्टर को ही देखते रहे.बहरहाल गांव में संतोष की शादी चर्चा का विषय बन गई है. इस शादी की बड़ी बात ये रही कि इसमें वर पक्ष ने दहेज में मात्र एक रुपये का शगुन लिया.
गौतलब है की हसनगढ़ निवासी सतबीर का परिवार बीपीएल श्रेणी में आता है. उसकी बेटी संतोष राजस्थान की राजधानी जयपुर में अपने ताऊ के बेटे के पास बीए तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है. सतबीर ने हांसी जिले के गांव रामपुरा में सतबीर के बेटे संजय के साथ शादी तय कर रखी थी. संतोष व संजय दोनों ही विवाह सूत्र में बंध गए. संजय अपनी विवाहिता संतोष को लेने के लिए हेलीकॉप्टर में बारात लेकर आया. संजय के अलावा उनके साथ पिता के अलावा तीन सदस्य और मौजूद रहे.
संजय के पिता सतबीर के पास मात्र तीन एकड़ जमीन थी, जिसमें से आधा एकड़ जमीन दिल्ली-हांसी सड़क के चौड़ीकरण में चली गई थी, जिसमें सरकार ने आधा एकड़ अधिग्रहण कर उसका 35 लाख रुपये मुआवजा सतबीर को दिया था. सतबीर ने उसी दिन मन बना लिया था कि वह अपने बेटे की दुल्हन को हेलीकॉप्टर में लेकर आएगा. उन्होंने अपने इकलौते बेटे के लिए एक बीपीएल परिवार की लड़की देखकर रिश्ता तय किया और हेलीकॉटर बुक करने के लिए उसने करीब तीन महीने तक कड़ी मशक्कत की.
सतबीर ने हिसार में उच्च अधिकारियों से लेकर फायर बिग्रेड व पुलिस की अनुमति लेनी पड़ी, जिसके लिए उनके करीब तीन लाख रुपये खर्च हो गए. परमिशन मिलने के बाद उसने एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर को एक लाख रुपए प्रति घंटे के हिसाब से बुक किया था.
वहीं संतोष के पिता सतबीर ने बताया कि वो और उसकी पत्नी गोहाना में मेहनत-मजदूरी का काम करते हैं. कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी की इस तरहे से शादी होगी और उनकी बेटी हेलीकॉप्टर में बैठकर विदा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गांव में पहली बार हेलीकॉप्टर आया है, उनकी बेटी की शादी को देखने के लिए उनके गांव के साथ-साथ आस-पास के कई गांव के लोग पहुंचे हैं और शादी का सारा खर्च लड़के वालों ने किया है.