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गांव में कमेटियों का गठन कर नियमित रूप से आंदोलन में शामिल हों किसान: अभय चौटाला

मंगलवार को इनेलो नेता अभय चौटाला गन्नौर के पुगथला गांव में पहुंचे. यहां उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को समाप्त करने पर तुली है. लेकिन ऐसा हम नहीं होने देंगे.

abhay chautala farmers protest
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Published : Feb 2, 2021, 7:39 PM IST

सोनीपत: इनेलो नेता अभय चौटाला मंगलवार को पुगथला गांव (गन्नौर) में पहुंचे. उन्होंने किसानों की एक बैठक को संबोधित किया. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों का आंदोलन समाप्त करने पर तुली है.

क्लिक कर देखें वीडियो.

अभय चौटाला ने कहा कि सरकार को ये आभास नहीं है कि किसान बेवजह अपनी खेती छोड़ कर किसी आंदोलन में हिस्सा नहीं लेते. इस कानून के लागू होने के बाद किसानों को अपनी जमीन बेचने को मजबूर होना पड़ेगा. कॉरपोरेट घराने किसानों की जमीन के मालिक होंगे.

ये भी पढे़ं- आने वाले समय में बीजेपी की तीन पीढ़ियों में भी नहीं बन पाएगा कोई पंचायत मेंबर: अभय चौटाला

उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए बजट को भी किसान विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि इस बार पेश किए गए बजट में कृषि क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की अपेक्षा डेढ़ प्रतिशत की कटौती की गई है. पिछले वर्ष कुल बजट का 5.7 प्रतिशत कृषि क्षेत्र के लिए रखा गया था, जबकि इस बार इसे घटा कर 4.3 प्रतिशत कर दिया गया है.

उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वो ग्राम स्तर पर कमेटियों का गठन करें और नियमित रूप से किसानों को आंदोलन में शामिल होने के लिए भेजें. जिससे ये साफ हो जाए कि हरियाणा के किसान सबसे ज्यादा मजबूती के साथ आंदोलन में शामिल होकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: किसानों को रोकने के लिए कांटेदार तार लगाना शर्मनाक- अभय

सोनीपत: इनेलो नेता अभय चौटाला मंगलवार को पुगथला गांव (गन्नौर) में पहुंचे. उन्होंने किसानों की एक बैठक को संबोधित किया. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों का आंदोलन समाप्त करने पर तुली है.

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अभय चौटाला ने कहा कि सरकार को ये आभास नहीं है कि किसान बेवजह अपनी खेती छोड़ कर किसी आंदोलन में हिस्सा नहीं लेते. इस कानून के लागू होने के बाद किसानों को अपनी जमीन बेचने को मजबूर होना पड़ेगा. कॉरपोरेट घराने किसानों की जमीन के मालिक होंगे.

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उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए बजट को भी किसान विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि इस बार पेश किए गए बजट में कृषि क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की अपेक्षा डेढ़ प्रतिशत की कटौती की गई है. पिछले वर्ष कुल बजट का 5.7 प्रतिशत कृषि क्षेत्र के लिए रखा गया था, जबकि इस बार इसे घटा कर 4.3 प्रतिशत कर दिया गया है.

उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वो ग्राम स्तर पर कमेटियों का गठन करें और नियमित रूप से किसानों को आंदोलन में शामिल होने के लिए भेजें. जिससे ये साफ हो जाए कि हरियाणा के किसान सबसे ज्यादा मजबूती के साथ आंदोलन में शामिल होकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं.

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