भिवानी: हरियाणा में शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार देर शाम प्रमोशन की लिस्ट जारी की गई. लिस्ट के मुताबिक 15 डिप्टी सुपरिटेंडेंट को सुपरिटेंडेंट बनाया गया है. जबकि शिक्षा विभाग में 30 पद सुपरिटेंडेंट के खाली थे. हैरत वाली बात तो ये है कि प्रमोशन की बाट जोह रहे तीन डिप्टी सुपरिटेंडेंट रिटायर भी हो चुके हैं. वहीं, जारी की गई प्रमोशन लिस्ट में भी एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट रिटायर हो गए हैं. कर्मचारी संघ इसे आधा अधूरा लिस्ट करार दे रहे हैं. साथ ही 30 जनवरी को विरोध प्रदर्शन की बात कह रहे हैं.
प्रमोशन लिस्ट जारी करने पर बनी थी सहमति: दरअसल, सर्व कर्मचारी संघ की राज्य प्रधान संदीप सांगवान की अध्यक्षता में पिछले 24 दिसंबर को डायरेक्टर के साथ शिक्षा सदन पंचकूला में मीटिंग के दौरान सहमति बनी थी. मीटिंंग में तय हुआ था कि 31 दिसंबर तक डिप्टी सुपरिटेंडेंट और सुपरिटेंडेंट के सभी खाली पदों पर प्रमोशन लिस्ट जारी कर दी जाएगी. साथ ही कोई भी पद खाली नहीं रहेगा.
30 जनवरी को करेंगे विरोध: इस बीच मंगलवार को देर शाम लिस्ट जारी कर दिया गया. कर्मचारी संघ इस लिस्ट को आधा-अधूरा मान रहे हैं. साथ ही इसे शिक्षा विभाग की मनमानी बता रहे हैं.संघ का कहना है कि ये आधी अधूरी प्रमोशन है. कर्मचारी संघ मांगपत्र में शामिल सभी मांगों को पूरा करवाने के लिए 30 जनवरी को डायरेक्टर दफ्तर पर हल्ला बोल विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसकी तैयारियां व्यापक स्तर पर संघ कर रही है.
शिक्षा विभाग में 32 साल नौकरी करने के बाद एक क्लर्क असिस्टेंट बनता है. फिर पांच साल बाद डिप्टी सुपरिटेंडेंट, तीन साल बाद सुपरिटेंडेंट पद पर प्रमोट होता है. अगर क्लर्क से असिस्टेंट की प्रमोशन ठीक समय पर कर दी जाए तो प्रमोशन के अवसर बढ़ सकते है. हमारी मांग है कि सीनियर सेकेंडरी स्कूल में असिस्टेंट, बीईओ दफ्तर में स्टेटिकल असिस्टेंट और डिप्टी सुपरिटेंडेंट, डीईईओ दफ्तर में सुपरिटेंडेंट और डीईओ दफ्तर में एस्टेब्लिशमेंट ऑफिसर का पद स्वीकृत किया जाए. ताकि पदोन्नति के अवसर बढ़ सके. साथ ही इनके काम में भी पारदर्शिता आए. -हितेंद्र सिंहाग, महासचिव, कर्मचारी संघ
सालों तक खाली पड़े रहते हैं पद: संघ का कहना है कि अगर समय रहते प्रमोशन सभी खाली पदों पर की जाती तो रिटायर होने वाले कर्मियों को भी इसका लाभ मिल सकता था. शिक्षा विभाग में असिस्टेंट, स्टेटिकल असिस्टेंट, डिप्टी सुपरिटेंडेंट, सुपरिटेंडेंट के आज भी 50 फीसद पद खाली पड़े हैं. इससे बीईओ, डीईईओ और डीईओ दफ्तर में काम पेंडिंग रहता है. शिक्षा सदन में काम करने वाले मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मियों की प्रमोशन तो समय पर की जाती है. एक पद खाली होने पर भी उसी पद को जल्द भर दिया जाता है, लेकिन शिक्षा विभाग क्षेत्र में सालों से पद खाली पड़े रहते हैंं.
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