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वैकुंठ एकादशी आज, बस कर लें ये काम, संतान के साथ मिलेगी अपार धन और सफलता - VAIKUNTH EKADASHI 2025

वैकुंठ एकादशी एकादशी के डेट को लेकर लोगों में असमंजस है. सही तारीख जानने के लिए आगे पढ़ें...

Vaikunth Ekadashi 2025
वैकुंठ एकादशी 2025 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 10 hours ago

करनाल: हिंदू धर्म में एकादशी का काफी महत्व है. एकादशी का व्रत रखने वालों पर भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है. हर माह दो एकादशी पड़ती है. एक शुक्ल पक्ष की एकादशी तो दूसरा कृष्ण पक्ष की एकादशी. इस समय पौष माह चल रहा है. पौष महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वैकुंठ एकादशी या फिर पुत्रदा एकादशी कहा जाता है. इस दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत रखना काफी लाभकारी होता है. इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस व्रत को करने से पुत्र धन की प्राप्ति होती है.

कब है वैकुंठ एकादशी: पंडित विश्वनाथ ने बतया, "वैकुंठ एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. पौष माह के शुक्ल पक्ष में यह एकादशी पड़ती है. इस बार वैकुंठ एकादशी की शुरुआत 9 जनवरी को दोपहर बाद 12:22 बजे से हो रही है, जबकि इसका समापन 10 जनवरी की रात 10:19 बजे होगा. हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत-त्योहार को उदया तिथि के साथ मनाया जाता है. ऐसे में वैकुंठ एकादशी का व्रत 10 जनवरी के दिन रखा जाएगा."

वैकुंठ एकादशी का महत्व: वैकुंठ एकादशी के दिन पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है. इस व्रत को रखने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. इंसान को मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से घर में आर्थिक संकट दूर होता है. सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन दान करने से कई गुणा फल मिलता है. साथ ही पितरों के आत्मा की शांति के लिए इस दिन तिल का दान करना लाभकारी माना जाता है.

वैकुंठ एकादशी पर इन कामों को करने से मिलेगी सफलता:

  • वैकुंठ एकादशी के दिन विधिवत व्रत रखें. अगर किसी दंपति के संतान नहीं है तो वह संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत कर सकते हैं. पूरी निष्ठा से ये व्रत रखने से पुत्र धन की प्राप्ति होती है.
  • वैकुंठ एकादशी पितरों के लिए भी खास माना जाता है. अगर जल में तिल डालकर दक्षिण दिशा में मुंह करके पितरों का नाम लेकर जल अर्पित करें तो उनकी आत्मा को शांति मिलती है.
  • वैकुंठ एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना जरूर करें. विष्णु पुराण का पाठ करें. इससे इंसान को वैकुंठ की प्राप्ति होती है. सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं. घर में सुख समृद्धि आती है.
  • वैकुंठ एकादशी व्रत सब व्रतों में महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही कई जन्मों का पाप दूर हो जाता है.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन दान करने से घर के सभी आर्थिक संकट दूर होते हैं.
  • वैकुंठ एकादशी करने से कुंडली में बृहस्पति ग्रह को मजबूती मिलती है. साथ ही जातक को वैभव के साथ ही सफलता की प्राप्ति होती है.
  • वैकुंठ एकादशी पर गरीबों को भोजन देने के बाद वस्त्र या अन्य चीजों का दान करें, इसे आर्थिक संकट दूर होता है.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख समृद्धि आती है.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु के आगे देसी घी का दीपक जलाएं. उनको पीले रंग के फल-फूल, वस्त्र अर्पित करें.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन नारायण कवच का पाठ करे.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें, इससे आपको तरक्की मिलेगी. साथ ही व्यापार में वृद्धि होगी.

ये भी पढ़ें: पौष पुत्रदा एकादशी पर भद्रा और राहु का पड़ा साया, नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, कहीं गलती ना कर बैठें

करनाल: हिंदू धर्म में एकादशी का काफी महत्व है. एकादशी का व्रत रखने वालों पर भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है. हर माह दो एकादशी पड़ती है. एक शुक्ल पक्ष की एकादशी तो दूसरा कृष्ण पक्ष की एकादशी. इस समय पौष माह चल रहा है. पौष महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वैकुंठ एकादशी या फिर पुत्रदा एकादशी कहा जाता है. इस दिन विधिवत भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत रखना काफी लाभकारी होता है. इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस व्रत को करने से पुत्र धन की प्राप्ति होती है.

कब है वैकुंठ एकादशी: पंडित विश्वनाथ ने बतया, "वैकुंठ एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. पौष माह के शुक्ल पक्ष में यह एकादशी पड़ती है. इस बार वैकुंठ एकादशी की शुरुआत 9 जनवरी को दोपहर बाद 12:22 बजे से हो रही है, जबकि इसका समापन 10 जनवरी की रात 10:19 बजे होगा. हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत-त्योहार को उदया तिथि के साथ मनाया जाता है. ऐसे में वैकुंठ एकादशी का व्रत 10 जनवरी के दिन रखा जाएगा."

वैकुंठ एकादशी का महत्व: वैकुंठ एकादशी के दिन पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है. इस व्रत को रखने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. इंसान को मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से घर में आर्थिक संकट दूर होता है. सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन दान करने से कई गुणा फल मिलता है. साथ ही पितरों के आत्मा की शांति के लिए इस दिन तिल का दान करना लाभकारी माना जाता है.

वैकुंठ एकादशी पर इन कामों को करने से मिलेगी सफलता:

  • वैकुंठ एकादशी के दिन विधिवत व्रत रखें. अगर किसी दंपति के संतान नहीं है तो वह संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत कर सकते हैं. पूरी निष्ठा से ये व्रत रखने से पुत्र धन की प्राप्ति होती है.
  • वैकुंठ एकादशी पितरों के लिए भी खास माना जाता है. अगर जल में तिल डालकर दक्षिण दिशा में मुंह करके पितरों का नाम लेकर जल अर्पित करें तो उनकी आत्मा को शांति मिलती है.
  • वैकुंठ एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना जरूर करें. विष्णु पुराण का पाठ करें. इससे इंसान को वैकुंठ की प्राप्ति होती है. सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं. घर में सुख समृद्धि आती है.
  • वैकुंठ एकादशी व्रत सब व्रतों में महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही कई जन्मों का पाप दूर हो जाता है.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन दान करने से घर के सभी आर्थिक संकट दूर होते हैं.
  • वैकुंठ एकादशी करने से कुंडली में बृहस्पति ग्रह को मजबूती मिलती है. साथ ही जातक को वैभव के साथ ही सफलता की प्राप्ति होती है.
  • वैकुंठ एकादशी पर गरीबों को भोजन देने के बाद वस्त्र या अन्य चीजों का दान करें, इसे आर्थिक संकट दूर होता है.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख समृद्धि आती है.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु के आगे देसी घी का दीपक जलाएं. उनको पीले रंग के फल-फूल, वस्त्र अर्पित करें.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन नारायण कवच का पाठ करे.
  • वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें, इससे आपको तरक्की मिलेगी. साथ ही व्यापार में वृद्धि होगी.

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