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सरपंचों ने ई टेंडरिंग में बदलाव को नकारा, 17 मार्च को करेंगे हरियाणा विधानसभा का घेराव

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Published : Mar 16, 2023, 4:24 PM IST

सीएम मनोहर लाल ने ई टेंडरिंग के मामले को लेकर कुछ बदलाव किए हैं. जिससे सरपंच अभी भी खफा नजर आ रहे हैं. सिरसा में हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने प्रेस वार्ता के दौरान सीएम के फैसले का बहिष्कार किया है और 17 मार्च को चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा घेराव करने का ऐलान किया है.

Haryana Sarpanch Association in Sirsa
सरपंचों ने सरकार के फैसले का किया बहिष्कार

सिरसा: ई टेंडरिंग को लेकर सरकार और सरपंचों के बीच विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि 15 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसी कड़ी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जिसमे सीएम ने ऐलान किया है कि सरपंचों का मानदेय बढ़ा दिया गया है. साथ ही उन्होंने सरपंचों के काम करने की राशि को भी 2 से 5 लाख कर दिया है. इसके बावजूद भी सरपंच सीएम मनोहर लाल के फैसले से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं.

सीएम के इन फैसलों से खफा हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने सिरसा में आज यानी 16 मार्च को प्रेस वार्ता की. जिसमे एसोसिएशन की उपप्रधान संतोष बेनीवाल ने मुख्यमंत्री द्वारा सरपंच को दी गई राहत का बहिष्कार किया है. उन्होंने कहा कि जब तक सरपंचों को उनके पूरे अधिकार नहीं मिलते तब तक उनका ये आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की उपप्रधान संतोष बेनीवाल ने कहा कि ई टेंडरिंग को लेकर सरकार के साथ पहले भी बातचीत की गई है. लेकिन इस दौरान उनके और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई.

वहीं, कल मुख्यमंत्री द्वारा प्रेसवार्ता कर सरपंचों के कार्य को 5 लाख तक बढ़ाया गया है. जिसका वो बहिष्कार करते हैं. संतोष बेनीवाल ने कहा कि सरकार अपना तानाशाही रवैया अपना रही है. जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कल 17 मार्च को उनका चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा घेराव का कार्यक्रम पूर्वनिर्धारित था. जो कि वो कल बड़ी संख्या में चंडीगढ़ पहुंचेगे और विधानसभा का घेराव करेंगे. बेनीवाल ने कहा कि जब तक सरकार सरपंचों को उनके पूर्ण अधिकार नहीं देती उनका ये आंदोलन चलता रहेगा.

15 मार्च को सीएम ने प्रेसवार्ता में क्या कहा: गौरतलब है कि सीएम मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में 15 मार्च को प्रेस वार्ता की थी. सीएम ने कहा कि सरपंचों की मांगों को ध्यान में रखते हुए उनकी लिमिट बढ़ाकर 2 लाख से 5 लाख रुपये की गई है. इससे कुछ सरपंच संतुष्ट भी नजर आ रहे हैं. जो सरपंच सरकार के इस फैसले से संतुष्ट हैं, वो काम करना शुरू कर चुके हैं. कुछ सरपंच अभी भी संतुष्ट नहीं है.

सीएम ने कहा कि हमने हिसार में कृषि मेले के आयोजन में सरपंचों से इस विषय में बात की थी, कि ई टेंडरिंग से किसको क्या परेशानी आ रही है. तो बहुत से सरपंच ऐसे थे, जिन्होंने हाथ उठाकर सरकार के फैसले से सहमति जताई थी. सरपंचों ने कहा था कि हमें कोई परेशानी नहीं है. ई टेंडरिंग के माध्यम से भ्रष्टाचार रुकेगा और ई टेंडरिंग सभी के फायदे के लिए सरकार का सही फैसला है.

ये भी पढ़ें: ई टेंडरिंग में बड़ा बदलाव, सरकार ने पंचों और सरपंचों का बढ़ाया मानदेय, 5 लाख तक करा सकेंगे काम

सीएम ने कहा कि 5 लाख तक के कार्य सरपंच खुद करवाएंगे और 5 लाख के ऊपर के काम पारदर्शिता से किए जाएंगे. वहीं, सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सरपंचों की दूसरी मांग थी उनका मानदेय बढ़ाया जाए. तो अप्रैल से जो सरपंचों को मानदेय मिलेगा, उसको 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया है. पंचों का मानदेय बढ़ाकर 1 हजार रुपये से 1600 रुपये कर दिया है और उसे डीए के साथ जोड़ा गया है. डीए के हिसाब से हर 6 महीने में ये राशि बढ़ती जाएगी. जिससे पंचों और सरपंचों को फायदा होगा.

सिरसा: ई टेंडरिंग को लेकर सरकार और सरपंचों के बीच विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि 15 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसी कड़ी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जिसमे सीएम ने ऐलान किया है कि सरपंचों का मानदेय बढ़ा दिया गया है. साथ ही उन्होंने सरपंचों के काम करने की राशि को भी 2 से 5 लाख कर दिया है. इसके बावजूद भी सरपंच सीएम मनोहर लाल के फैसले से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं.

सीएम के इन फैसलों से खफा हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने सिरसा में आज यानी 16 मार्च को प्रेस वार्ता की. जिसमे एसोसिएशन की उपप्रधान संतोष बेनीवाल ने मुख्यमंत्री द्वारा सरपंच को दी गई राहत का बहिष्कार किया है. उन्होंने कहा कि जब तक सरपंचों को उनके पूरे अधिकार नहीं मिलते तब तक उनका ये आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की उपप्रधान संतोष बेनीवाल ने कहा कि ई टेंडरिंग को लेकर सरकार के साथ पहले भी बातचीत की गई है. लेकिन इस दौरान उनके और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई.

वहीं, कल मुख्यमंत्री द्वारा प्रेसवार्ता कर सरपंचों के कार्य को 5 लाख तक बढ़ाया गया है. जिसका वो बहिष्कार करते हैं. संतोष बेनीवाल ने कहा कि सरकार अपना तानाशाही रवैया अपना रही है. जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कल 17 मार्च को उनका चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा घेराव का कार्यक्रम पूर्वनिर्धारित था. जो कि वो कल बड़ी संख्या में चंडीगढ़ पहुंचेगे और विधानसभा का घेराव करेंगे. बेनीवाल ने कहा कि जब तक सरकार सरपंचों को उनके पूर्ण अधिकार नहीं देती उनका ये आंदोलन चलता रहेगा.

15 मार्च को सीएम ने प्रेसवार्ता में क्या कहा: गौरतलब है कि सीएम मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में 15 मार्च को प्रेस वार्ता की थी. सीएम ने कहा कि सरपंचों की मांगों को ध्यान में रखते हुए उनकी लिमिट बढ़ाकर 2 लाख से 5 लाख रुपये की गई है. इससे कुछ सरपंच संतुष्ट भी नजर आ रहे हैं. जो सरपंच सरकार के इस फैसले से संतुष्ट हैं, वो काम करना शुरू कर चुके हैं. कुछ सरपंच अभी भी संतुष्ट नहीं है.

सीएम ने कहा कि हमने हिसार में कृषि मेले के आयोजन में सरपंचों से इस विषय में बात की थी, कि ई टेंडरिंग से किसको क्या परेशानी आ रही है. तो बहुत से सरपंच ऐसे थे, जिन्होंने हाथ उठाकर सरकार के फैसले से सहमति जताई थी. सरपंचों ने कहा था कि हमें कोई परेशानी नहीं है. ई टेंडरिंग के माध्यम से भ्रष्टाचार रुकेगा और ई टेंडरिंग सभी के फायदे के लिए सरकार का सही फैसला है.

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सीएम ने कहा कि 5 लाख तक के कार्य सरपंच खुद करवाएंगे और 5 लाख के ऊपर के काम पारदर्शिता से किए जाएंगे. वहीं, सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सरपंचों की दूसरी मांग थी उनका मानदेय बढ़ाया जाए. तो अप्रैल से जो सरपंचों को मानदेय मिलेगा, उसको 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया है. पंचों का मानदेय बढ़ाकर 1 हजार रुपये से 1600 रुपये कर दिया है और उसे डीए के साथ जोड़ा गया है. डीए के हिसाब से हर 6 महीने में ये राशि बढ़ती जाएगी. जिससे पंचों और सरपंचों को फायदा होगा.

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