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हरियाणा में सुस्त और लापरवाह कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, तय वक्त से पहले रिटायर करेगी सरकार - FORCED RETIREMENT IN HARYANA

हरियाणा में सुस्त और लापरवाह कर्मचारियों के लिए बड़ी ख़बर है. ऐसे कर्मचारियों को हरियाणा सरकार ने जबरन रिटायर करने की तैयारी कर ली है.

Lazy and careless employees of Haryana will retire the state government will review the decisions of the committee
सुस्त और लापरवाह कर्मचारियों को वक्त से पहले रिटायर करेगी हरियाणा सरकार (प्रतीकात्मक फोटो)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 16, 2025, 9:31 PM IST

पंचकूला: हरियाणा सरकार आलसी और लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों को फिर एक बार जबरन रिटायरमेंट देने की तैयारी में है. इस दिशा में सरकार ने 25 साल नौकरी पूरी कर चुके 50-55 वर्ष की आयु के अधिकारियों और कर्मचारियों के संबंध में रिकॉर्ड मांगा है.

कमेटी के फैसलों को रिव्यू करेगी सरकार: प्रदेश सरकार ने बीते तीन वर्षों में समय से पहले रिटायर किए गए सभी कर्मचारियों का रिकॉर्ड भी मांग लिया है. क्योंकि प्रदेश सरकार बीते 3 वर्षों में कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा कर उनके रिटायरमेंट संबंधी फैसले लेने वाली कमेटी के फैसलों को रिव्यू करेगी. इस संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों से रिकॉर्ड मांगा है.

Lazy and careless employees of Haryana will retire the state government will review the decisions of the committee
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Etv Bharat)

आदेश में दिया प्रोफार्मा: मुख्य सचिव द्वारा भेजे गए आदेश के एक प्रोफार्मा में विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और उपायुक्तों को सेवानिवृत्त कर्मचारी का नाम और पदनाम बताना होगा. साथ ही उनके मामलों की समीक्षा संबंधी तारीख भी बतानी होगी. ये भी बताना होगा कि किस तारीख को मामले में अंतिम फैसला लिया गया है. इससे पहले संबंधित कर्मचारी की सेवाएं जारी रखी गई या समय से पहले ही सेवानिवृत्ति दी गई, ये भी बताना होगा.

पूर्व सीएम ने बनाई नीति: राज्य के सरकारी विभागों में संतोषजनक कार्य नहीं करने वाले 50-55 वर्ष के अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति के लिए पूर्व सीएम मनोहर लाल की सरकार ने वर्ष 2019 में संबंधित नीति में बदलाव किया था. संशोधित नीति के अनुसार बीते दस साल के सेवाकाल में एसीआर में कम से कम सात बार अच्छा या काफी अच्छा की टिप्पणी पर ही काम को संतोषजनक माना जाएगा. इससे कम के स्तर पर 25 साल की सेवा पूरी कर चुके अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने का प्रावधान है.

Lazy and careless employees of Haryana will retire the state government will review the decisions of the committee
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Etv Bharat)
अलग-अलग ग्रुप के लिए अलग आयु सीमा: हरियाणा में ग्रुप ए और बी कैटेगरी के 50 साल से ज्यादा आयु वाले अधिकारियों और ग्रुप सी में 55 साल की आयु वाले कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा की जिम्मेदारी विभागाध्यक्षों को दी गई है. दस साल की समीक्षा में कर्मचारी की एसीआर में सात बार अच्छा या बहुत अच्छा से कम टिप्पणी मिलने पर उसे रिटायर किया जाएगा.

अपीलेट कमेटी करेगी दोबारा विचार: जबरन रिटायरमेंट के मामलों की समीक्षा के लिए सभी विभाग और बोर्ड-निगमों में कमेटियां बनाई जाएंगी. एक अपीलेट कमेटी का गठन भी किया जाएगा, जहां जबरन सेवानिवृत्त किए गए कर्मचारी अपना पक्ष रख सकेंगे. मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी निर्देश दे चुके हैं कि जबरन सेवानिवृत्ति संबंधी मामलों की समीक्षा के लिए कमेटियां बनाई जानी चाहिए.

Lazy and careless employees of Haryana will retire the state government will review the decisions of the committee
हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी (Etv Bharat)

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पंचकूला: हरियाणा सरकार आलसी और लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों को फिर एक बार जबरन रिटायरमेंट देने की तैयारी में है. इस दिशा में सरकार ने 25 साल नौकरी पूरी कर चुके 50-55 वर्ष की आयु के अधिकारियों और कर्मचारियों के संबंध में रिकॉर्ड मांगा है.

कमेटी के फैसलों को रिव्यू करेगी सरकार: प्रदेश सरकार ने बीते तीन वर्षों में समय से पहले रिटायर किए गए सभी कर्मचारियों का रिकॉर्ड भी मांग लिया है. क्योंकि प्रदेश सरकार बीते 3 वर्षों में कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा कर उनके रिटायरमेंट संबंधी फैसले लेने वाली कमेटी के फैसलों को रिव्यू करेगी. इस संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों से रिकॉर्ड मांगा है.

Lazy and careless employees of Haryana will retire the state government will review the decisions of the committee
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Etv Bharat)

आदेश में दिया प्रोफार्मा: मुख्य सचिव द्वारा भेजे गए आदेश के एक प्रोफार्मा में विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और उपायुक्तों को सेवानिवृत्त कर्मचारी का नाम और पदनाम बताना होगा. साथ ही उनके मामलों की समीक्षा संबंधी तारीख भी बतानी होगी. ये भी बताना होगा कि किस तारीख को मामले में अंतिम फैसला लिया गया है. इससे पहले संबंधित कर्मचारी की सेवाएं जारी रखी गई या समय से पहले ही सेवानिवृत्ति दी गई, ये भी बताना होगा.

पूर्व सीएम ने बनाई नीति: राज्य के सरकारी विभागों में संतोषजनक कार्य नहीं करने वाले 50-55 वर्ष के अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति के लिए पूर्व सीएम मनोहर लाल की सरकार ने वर्ष 2019 में संबंधित नीति में बदलाव किया था. संशोधित नीति के अनुसार बीते दस साल के सेवाकाल में एसीआर में कम से कम सात बार अच्छा या काफी अच्छा की टिप्पणी पर ही काम को संतोषजनक माना जाएगा. इससे कम के स्तर पर 25 साल की सेवा पूरी कर चुके अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने का प्रावधान है.

Lazy and careless employees of Haryana will retire the state government will review the decisions of the committee
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Etv Bharat)
अलग-अलग ग्रुप के लिए अलग आयु सीमा: हरियाणा में ग्रुप ए और बी कैटेगरी के 50 साल से ज्यादा आयु वाले अधिकारियों और ग्रुप सी में 55 साल की आयु वाले कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा की जिम्मेदारी विभागाध्यक्षों को दी गई है. दस साल की समीक्षा में कर्मचारी की एसीआर में सात बार अच्छा या बहुत अच्छा से कम टिप्पणी मिलने पर उसे रिटायर किया जाएगा.

अपीलेट कमेटी करेगी दोबारा विचार: जबरन रिटायरमेंट के मामलों की समीक्षा के लिए सभी विभाग और बोर्ड-निगमों में कमेटियां बनाई जाएंगी. एक अपीलेट कमेटी का गठन भी किया जाएगा, जहां जबरन सेवानिवृत्त किए गए कर्मचारी अपना पक्ष रख सकेंगे. मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी निर्देश दे चुके हैं कि जबरन सेवानिवृत्ति संबंधी मामलों की समीक्षा के लिए कमेटियां बनाई जानी चाहिए.

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हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी (Etv Bharat)

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