रोहतक: हरियाणा के जिन तीन खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुना गया है. उनमें रोहतक के चमारिया गांव के रहने वाले कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा भी हैं. अर्जुन अवॉर्ड मिलने पर दीपक हुड्डा ने खुशी जाहिर की है. साथ ही उन्हें इस बात का मलाल भी है कि इतने संघर्ष के बाद भी उन्हें सरकारी नौकरी और किसी तरह की सहायता नहीं मिली है.
दीपक हुड्डा ने कहा कि अर्जुन अवॉर्ड के लिए नाम चुने जाने की दिल से खुशी है. अवॉर्ड की हर खिलाड़ी को चाहत होती है. ये राष्ट्रीय सम्मान है. मुझे भी ये सम्मान मिल रहा है. भविष्य में भी देश के लिए बेहतर प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल लाने का प्रयास रहेगा.
इस दौरान दीपक हुड्डा सरकारी मदद नहीं मिलने से निराश भी नजर आए. उन्होंने कहा कि वैसे तो हरियाणा सरकार की खेल नीति ठीक है, लेकिन पिछले पांच साल से अभी तक सरकार ने ना तो कोई कैश अवॉर्ड उन्हें दिया और ना ही घोषणा की हुई राशि मिली. इसके अलावा खेल नीति के तहत उन्हें नौकरी भी नहीं मिली है. जबकि वो इस सिलसिले में खेल मंत्री से भी मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है.
जानिए दीपक हुड्डा के बारे में-
भारतीय कबड्डी टीम के स्टार खिलाड़ी दीपक निवास हुड्डा मूलरूप से रोहतक के चमारिया गांव के रहने वाले हैं. जब वो चार साल के थे तो मां का निधन हो गया. पिता छोटे किसान थे, दिनभर खेतों में मेहनत मजदूरी कर जैसे-तैसे परिवार का पेट पालते थे.
परिवार में पिता के अलावा एक शादीशुदा बहन अपने दो बच्चों के साथ रहती थी. जैसे तैसे जिंदगी चल ही रही थी कि 12वीं कक्षा में सिर से पिता का साया उठ गया. जिसके बाद घर में कमाने वाला कोई नहीं रहा. बहन के बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ी और अच्छी नौकरी के लिए कबड्डी खेलना शुरू किया.
ये भी पढ़िए: अर्जुन अवॉर्ड की हुई घोषणा, हरियाणा के इन 3 खिलाड़ियों को मिलेगा ये पुरस्कार
रात भर स्टेडियम और गली में कुर्सी रखकर, डंडा गाड़कर, दीपक उन्हें खिलाड़ी समझ अभ्यास करते थे. आज दीपक की गिनती दुनिया में कबड्डी के बेहतरीन खिलाड़ियों में होती है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को पांच गोल्ड और एक ब्रांज मेडल दिलाने में दीपक का अहम योगदान रहा है.