रोहतक: नूंह हिंसा पर एक बार फिर से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उनका कहना है जिस प्रदेश के गृहमंत्री को मामले की जानकारी ना हो और मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को सुरक्षा देने में सक्षम ना हो, उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. हुड्डा शनिवार को अपने गृह जिले रोहतक में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे.
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि नूंह हिंसा में कौन साजिशकर्ता है, इसके बारे में उन्हें कुछ कहने की जरूरत नहीं है. भाजपा के नेता राव इंदरजीत ने ही सबकुछ बता दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में प्रदेश में कौन निवेश करेगा. जब गुरुग्राम जैसे शहर में डर के चलते एमएनसी कंपनियों को 1 महीने की छुट्टी करनी पड़ी. सरकार को चाहिए कि प्रदेश में अमन और शांति कायम करे. इसके लिए कांग्रेस पार्टी के जिस भी सहयोग की जरूरत होगी वह करने को तैयार हैं.
हुड्डा ने कहा, जहां तक प्रदेश की पुलिस की बात है तो हमारी पुलिस किसी भी चीज को नियंत्रण करने में पूरी तरह से सक्षम है लेकिन उनको उचित दिशा निर्देश नहीं दिए गए. हुड्डा ने सवाल उठाया कि जब सरकार के पास खुफिया विभाग की रिपोर्ट थी तो तैयारियां क्यों नहीं की गई. अगर बेहतर तैयारी होती तो इस तरह के घटनाक्रम को रोका जा सकता था. हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को कांग्रेस पार्टी जोर-शोर से उठाएगी.
प्रदेश में फिलहाल Non-Performing सरकार है. यहां तो अपने स्वार्थ के लिए नेवले और सांप का गठबंधन हो गया है. तो प्रदेश की व्यवस्थाएं कैसे बेहतर होंगी. जहां तक राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की बात है तो एक वकील होने के नाते उन्होंने पहले ही बता दिया था कि निचली अदालत का फैसला सुप्रीम कोर्ट में टिक नहीं पाएगा और अब राहुल गांधी की सदस्यता दोबारा बहाल होगी. वो 2024 में चुनाव भी लड़ पाएंगे. यह सच्चाई की जीत हुई है.
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