रोहतक: परिवहन विभाग में तैनात मोटर व्हीकल ऑफिसर की सरकारी गाड़ी में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम (GPS tracker in officer car in Rohtak) करने का बड़ा मामला सामने आया है. जिसके माध्यम से ऑफिसर की गाड़ी की लोकेशन हर समय पता चलती रहे. ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से चेकिंग पर पहुंचने से पहले टीम की लोकेशन ट्रेस हो जाती थी और वाहन चालक वहां से निकल जाते थे. ट्रैकिंग सिस्टम के अंदर एक मोबाइल सिम भी बरामद हुई है. मामला सामने आने के बाद शिवाजी कॉलोनी पुलिस स्टेशन ने मोटर व्हीकल ऑफिसर की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
मिली जानकारी के अनुसार रोहतक के कन्हेली गांव के निवासी इंस्पेक्टर लायक राम बतौर मोटर व्हीकल ऑफिसर परिवहन विभाग में कार्यरत हैं. उनकी ड्यूटी कमर्शियल वाहनों को चेक करने की है. परिवहन विभाग के द्वारा उन्हें महेंद्रा बुलेरो गाड़ी मिली है. पुलिस को शिकायत में लायक राम ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जहां भी उनकी चेकिंग टीम जाती थी. सड़क पर वाहनों की आवाजाही कम मिलती. लगातार इस तरह के मामले सामने आने के बाद उन्हें शक हुआ कि गाड़ी में कोई इलेक्ट्रोनिक उपकरण तो नहीं लगा हुआ हैं. जिससे की उनकी लोकेशन तो ट्रेस नहीं की जा रही.
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इसके बाद उन्होंने ड्राइवर विष्णु दत्त से गाड़ी को सर्विस स्टेशन में चेक कराया. चेकिंग के दौरान गाड़ी की छत पर लगी लाल लाइट में ट्रैकिंग सिस्टम लगा हुआ मिला जिसके अंदर एक सिम भी मिली. उन्होंने कहा कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने धोखाधड़ी करने की नीयत से बिना किसी अनुमति के सरकारी गाड़ी में जीपीएस लगाकर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया है. शिवाजी कॉलोनी थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 186, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है. गौरतलब है कि हरियाणा में आरटीए टीम की लोकेशन ट्रेस करने के लिए सरकारी गाड़ी में जीपीएस सिस्टम लगाने का ये पहला मामला नहीं है इससे पहले पंचकूला में भी इस तरह का केस सामने आया था.
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