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कोरोना के चलते 50 साल पीछे लौटा हरियाणा, किसानों ने शुरू की डंगवारा खेती

लॉकडाउन में मजदूर नहीं मिलने पर कृषि कार्य में 50 साल पहले तक हरियाणा में प्रचलित रही डंगवारा प्रथा को कई किसानों ने एक बार फिर अपनाया है. एक बार फिर किसानों ने फसल कटाई के लिए डंगवारा का सहारा लिया है. जानिए डंगवारा प्रथा क्या होती है?

farmers of rohtak using dangwara pratha for harvesting crops
हरियाणा के किसानों ने फिर अपनाई डंगवारा प्रथा, जानिए क्या होती है?
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Published : Apr 13, 2020, 2:24 PM IST

Updated : Apr 13, 2020, 4:27 PM IST

रोहतक: कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होने की कगार पर थी. सरकार और किसान लगातार इस चिंता में थे की लॉकडाउन के कारण उनकी पकी फसल खराब ना हो जाए, लेकिन संकट की इस घड़ी में विपदा से निपटने के लिए किसानों ने ही फसल काटने के लिए पुरानी खेती का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.

हरियाणा के किसानों ने फिर अपनाई डंगवारा प्रथा, जानिए क्या होती है?

दरअसल, रोहतक के किसान वर्षों पुरानी डंगवारा खेती के तहत फसल काट रहे हैं. इस खेती में किसान एक दूसरे की फसल काटने में मदद कर रह रहे हैं. इससे फायदा ये होगा कि किसान एक दूसरे की फसल भी काट पाएंगे और नुकसान से भी बच जाएंगे.

डंगवारा खेती कर रहे दिनेश नाम के किसान ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे थे. जो मजदूर थे भी वो घर से बाहर नहीं आ रहे थे. ऐसे में हमने डंगवारा खेती करनी शुरू की है.

वहीं रोहतक के एक दूसरे किसान ने बताया कि डंगवारा खेती सालों में पहले हरियाणा में की जाती थी. उस वक्त मजदूर नहीं मिला करते थे. तब ऐसे ही किसान एक दूसरे की मदद करते थे. लॉकडाउन की वजह से आज एक भी हमें डंगवारा का सहारा लेना पड़ रहा है, ताकि बिना मजदूरों के हमारी फसल को खराब होने से बचाया जा सके.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में फेस मास्क पहनना हुआ जरूरी, नहीं पहनने पर लगेगा जुर्माना

farmers of rohtak using dangwara pratha for harvesting crops
हरियाणा के किसानों ने फिर अपनाई डंगवारा प्रथा, जानिए क्या होती है?

क्या है डंगवारा खेती ?

लॉकडाउन में मजदूर नहीं मिलने पर कृषि कार्य में 50 साल पहले तक हरियाणा में प्रचलित रही डंगवारा खेती को कई किसानों ने एक बार फिर अपनाया है. इस खेती में एक परिवार के लोग दूसरे परिवार के लोगों के साथ मिलकर कभी उसके तो कभी अपने खेत में काम करते हैं. इसी को डंगवारा देना और लेना कहा जाता है. ये खेती हरियाणा में पहले काफी चलन में थी, लेकिन बाद में मजदूरों और मशीनों के आने के बाद डंगवारा का अस्तिव खत्म हो गया था.

पूर्व सीएम भी कर चुके हैं अपील

नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी प्रदेशवासियों खासकर किसानों से डंगवारा अपनाने की पहल कर चुके हैं. उन्होंने अपील की है कि महामारी के इस दौर में किसान फसल कटाई और ढुलाई में एक-दूसरे की मदद करें, क्योंकि आज लेबर और मशीनों की कमी है.

रोहतक: कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण खेतों में खड़ी फसल बर्बाद होने की कगार पर थी. सरकार और किसान लगातार इस चिंता में थे की लॉकडाउन के कारण उनकी पकी फसल खराब ना हो जाए, लेकिन संकट की इस घड़ी में विपदा से निपटने के लिए किसानों ने ही फसल काटने के लिए पुरानी खेती का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.

हरियाणा के किसानों ने फिर अपनाई डंगवारा प्रथा, जानिए क्या होती है?

दरअसल, रोहतक के किसान वर्षों पुरानी डंगवारा खेती के तहत फसल काट रहे हैं. इस खेती में किसान एक दूसरे की फसल काटने में मदद कर रह रहे हैं. इससे फायदा ये होगा कि किसान एक दूसरे की फसल भी काट पाएंगे और नुकसान से भी बच जाएंगे.

डंगवारा खेती कर रहे दिनेश नाम के किसान ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे थे. जो मजदूर थे भी वो घर से बाहर नहीं आ रहे थे. ऐसे में हमने डंगवारा खेती करनी शुरू की है.

वहीं रोहतक के एक दूसरे किसान ने बताया कि डंगवारा खेती सालों में पहले हरियाणा में की जाती थी. उस वक्त मजदूर नहीं मिला करते थे. तब ऐसे ही किसान एक दूसरे की मदद करते थे. लॉकडाउन की वजह से आज एक भी हमें डंगवारा का सहारा लेना पड़ रहा है, ताकि बिना मजदूरों के हमारी फसल को खराब होने से बचाया जा सके.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में फेस मास्क पहनना हुआ जरूरी, नहीं पहनने पर लगेगा जुर्माना

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हरियाणा के किसानों ने फिर अपनाई डंगवारा प्रथा, जानिए क्या होती है?

क्या है डंगवारा खेती ?

लॉकडाउन में मजदूर नहीं मिलने पर कृषि कार्य में 50 साल पहले तक हरियाणा में प्रचलित रही डंगवारा खेती को कई किसानों ने एक बार फिर अपनाया है. इस खेती में एक परिवार के लोग दूसरे परिवार के लोगों के साथ मिलकर कभी उसके तो कभी अपने खेत में काम करते हैं. इसी को डंगवारा देना और लेना कहा जाता है. ये खेती हरियाणा में पहले काफी चलन में थी, लेकिन बाद में मजदूरों और मशीनों के आने के बाद डंगवारा का अस्तिव खत्म हो गया था.

पूर्व सीएम भी कर चुके हैं अपील

नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी प्रदेशवासियों खासकर किसानों से डंगवारा अपनाने की पहल कर चुके हैं. उन्होंने अपील की है कि महामारी के इस दौर में किसान फसल कटाई और ढुलाई में एक-दूसरे की मदद करें, क्योंकि आज लेबर और मशीनों की कमी है.

Last Updated : Apr 13, 2020, 4:27 PM IST
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