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हरियाणा में किसानों पर दोहरी मार, रोहतक में फसल बीमा के लिए कृषि विभाग पर लगी लंबी कतार

हरियाणा के किसानों को इस समय दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. एक तरफ बारिश में उनकी फसल चौपट हो गई तो दूसरी तरफ फसल बीमा (Crop Insurance in Rohtak) के लिए उन्हें कृषि विभाग के काउंटर पर लाइन में लगकर धक्के खाने पड़ रहे हैं. काउंटर विंडो पर कोई कर्मचारी नहीं होने के चलते कई घंटे तक उन्हें लाइन में खड़े रहना पड़ रहा है.

Crop Insurance in Rohtak
रोहतक में फसल मुआवजा
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Published : Mar 23, 2023, 1:40 PM IST

Updated : Mar 23, 2023, 2:50 PM IST

रोहतक में फसल बीमा के लिए कृषि विभाग पर लगी लंबी कतार

रोहतक: हरियाणा में बेमौसम बारिश से किसानों की फसल लगभग बर्बाद हो गई तो दूसरी तरफ अपनी फसल के नुकसान की भरपाई के लिए किसान को फसल बीमा के बाद भी कृषि विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. यही नहीं 72 घंटे के अंदर फसलों के नुकसान का ब्योरा किसानों को खुद कृषि विभाग में देना होता है. जहां उन्हें कई-कई घंटे लाइन में खड़े रहना पड़ रहा है.

पिछले कई दिन से हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि तेज हवा के कारण रोहतक जिले में भी सरसों और गेहूं की फसल लगभग बर्बाद हो गई है. मौसम की इस मार से किसानों को 50 से 100 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है. अपनी फसल के नुकसान की भरपाई के लिए किसान पिछले 2 दिनों से रोहतक कृषि विभाग के चक्कर काट रहे हैं क्योंकि फसलों के नुकसान का ब्योरा 72 घंटे के अंदर विभाग को देना होता है, तब जाकर मुआवजे की उम्मीद लगाई जाती है. रोहतक में पिछले दो दिनों के दौरान कृषि विभाग के पास 1000 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं. अब केवल एक दिन बचा है. ज्यादातर किसान ऐसे हैं जिन्हें फार्म ही भरना नहीं आता.

Crop ruined due to rain in Rohtak
कृषि विभाग के बाहर लगी किसानों की लाइन.

ये भी पढ़ें- रोहतक में बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल हुई बर्बाद, किसानों ने की मुआवजे की मांग

मुआवजा लेने के लिए पुरुषों के साथ ही महिला किसान भी लाइन में लगी हुई नजर आ रही हैं. गौरतलब है कि पिछले कई दिन से पूरे प्रदेश में बेमौसम बारिश के साथ तेज हवाएं चल रही हैं. जिससे किसानों की सरसों और गेहूं की फसल लगभग खराब हो गई है. किसानों का कहना है कि उन्हें लाइन में 2 से ढाई घंटे तक लगना पड़ता है. कृषि विभाग के कई काउंटर बंद मिलते हैं. किसानों का आरोप है कि जब उन्होंने अपनी फसल का इंश्योरेंस करवाया है तो यह जिम्मेदारी बीमा कंपनी की बनती है कि वो खेत में आए और नुकसान का आंकलन करे. लेकिन यहां तो खुद किसान को ही परेशान होना पड़ रहा है.

Crop ruined due to rain in Rohtak
रोहतक में 1000 से ज्यादा बीमा क्लेम के फॉर्म आ चुके हैं.

कृषि अधिकारी महावीर सिंह का कहना है कि 72 घंटे के अंदर ही नुकसान की जानकारी किसानों को विभाग को देनी पड़ती है. ऐसे में वो लाइन में खड़े अंतिम व्यक्ति का फॉर्म भी जमा करवाएंगे चाहे उसके लिए कितना भी वक्त क्यों ना हो जाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने गिरदावरी के भी आदेश दिए हैं लेकिन कृषि विभाग में इंश्योरेंस कंपनी ही क्लेम देगी.

ये भी पढ़ें- बेमौसम बरसात से खराब हुई गेहूं और सरसों की फसल, किसानों की चिंता बढ़ी

रोहतक में फसल बीमा के लिए कृषि विभाग पर लगी लंबी कतार

रोहतक: हरियाणा में बेमौसम बारिश से किसानों की फसल लगभग बर्बाद हो गई तो दूसरी तरफ अपनी फसल के नुकसान की भरपाई के लिए किसान को फसल बीमा के बाद भी कृषि विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. यही नहीं 72 घंटे के अंदर फसलों के नुकसान का ब्योरा किसानों को खुद कृषि विभाग में देना होता है. जहां उन्हें कई-कई घंटे लाइन में खड़े रहना पड़ रहा है.

पिछले कई दिन से हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि तेज हवा के कारण रोहतक जिले में भी सरसों और गेहूं की फसल लगभग बर्बाद हो गई है. मौसम की इस मार से किसानों को 50 से 100 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है. अपनी फसल के नुकसान की भरपाई के लिए किसान पिछले 2 दिनों से रोहतक कृषि विभाग के चक्कर काट रहे हैं क्योंकि फसलों के नुकसान का ब्योरा 72 घंटे के अंदर विभाग को देना होता है, तब जाकर मुआवजे की उम्मीद लगाई जाती है. रोहतक में पिछले दो दिनों के दौरान कृषि विभाग के पास 1000 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं. अब केवल एक दिन बचा है. ज्यादातर किसान ऐसे हैं जिन्हें फार्म ही भरना नहीं आता.

Crop ruined due to rain in Rohtak
कृषि विभाग के बाहर लगी किसानों की लाइन.

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मुआवजा लेने के लिए पुरुषों के साथ ही महिला किसान भी लाइन में लगी हुई नजर आ रही हैं. गौरतलब है कि पिछले कई दिन से पूरे प्रदेश में बेमौसम बारिश के साथ तेज हवाएं चल रही हैं. जिससे किसानों की सरसों और गेहूं की फसल लगभग खराब हो गई है. किसानों का कहना है कि उन्हें लाइन में 2 से ढाई घंटे तक लगना पड़ता है. कृषि विभाग के कई काउंटर बंद मिलते हैं. किसानों का आरोप है कि जब उन्होंने अपनी फसल का इंश्योरेंस करवाया है तो यह जिम्मेदारी बीमा कंपनी की बनती है कि वो खेत में आए और नुकसान का आंकलन करे. लेकिन यहां तो खुद किसान को ही परेशान होना पड़ रहा है.

Crop ruined due to rain in Rohtak
रोहतक में 1000 से ज्यादा बीमा क्लेम के फॉर्म आ चुके हैं.

कृषि अधिकारी महावीर सिंह का कहना है कि 72 घंटे के अंदर ही नुकसान की जानकारी किसानों को विभाग को देनी पड़ती है. ऐसे में वो लाइन में खड़े अंतिम व्यक्ति का फॉर्म भी जमा करवाएंगे चाहे उसके लिए कितना भी वक्त क्यों ना हो जाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने गिरदावरी के भी आदेश दिए हैं लेकिन कृषि विभाग में इंश्योरेंस कंपनी ही क्लेम देगी.

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Last Updated : Mar 23, 2023, 2:50 PM IST
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