रोहतकः किसानों की पराली पर मचे हाहाकार के बीच में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया आई है. उनका कहना है कि सरकार पराली का स्थाई समाधान करें, लेकिन प्रदूषण के लिए अकेली पराली ही जिम्मेदार नहीं, बल्कि उद्योग और निर्माण कार्य भी जिम्मेदार है. हुड्डा ने कहा कि अकेला किसान इस प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नहीं है. हुड्डा का कहना है कि सरकार किसानों की पराली पर एमएसपी फिक्स करे और खरीदें.
प्रदूषण के लिए केवल किसान नहीं जिम्मेदार- हुड्डा
पराली से फैले प्रदूषण को लेकर बार-बार किसानों पर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार को घेरने की कोशिश की है. हुड्डा का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण का एक कारण पराली जरूर हो सकती है, लेकिन प्रदूषण के लिए केवल प्रराली ही जिम्मेदार नहीं. उन्होंने कहा कि प्रदूषण के लिए केवल किसानों को जिम्मेदार ठहराना बिलकुल ठीक नहीं है. क्योंकि निर्माण कार्य और उद्योग भी उतने ही प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं.
किसानों के साथ हो रहा है भेदभाव-हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि सरकार किसानों के साथ भेदभाव कर रही है क्योंकि पंजाब में किसानों को पराली के लिए ढाई हजार रुपये प्रति एकड़ दिया जा रहा है, जबकि हरियाणा में सरकार 1 हजार रुपये प्रति एकड़ पराली के लिए किसानों को दे रही है. ऐसे में किसानों के साथ ये भेदभाव क्यों. उन्होंने कहा कि सरकार पराली पर एमएसपी फिक्स करें और किसानों की पराली खरीदें क्योंकि किसानों के पास पराली को रखने की जगह नहीं है.
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हुड्डा की सरकार को नसीहत
सरकार को सलाह देते हुए हुड्डा ने कहा कि पराली को अनेक प्रयोगों में लाया जा सकता है. उद्योग खाद और अलग-अलग कामों में पराली काम आ सकती है. इसलिए सरकार किसानों की पराली खरीदें. उन्होंने कहा कि प्रदूषण का दोष केवल किसानों पर नहीं लगाया जा सकता इसलिए अब समय आ गया है कि सरकार पराली के लिए स्थाई समाधान करें और किसानों पर आरोप लगाना बंद करे.