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आंदोलनकारी आंगनवाड़ी वर्कर्स ने मानव श्रृखंला बनाकर किया विरोध प्रदर्शन, एक दूसरे का थामा हाथ

हरियाणा में पिछले दो महीनों से चला आ रहा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्पर्स का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा (Aanganwadi workers Protest in Rohtak) है. गुरूवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्पर्स ने मानव श्रृंखला बनाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

Aanganwadi workers Protest in Rohtak
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने रोहतक में विरोध प्रदर्शन किया.
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Published : Feb 3, 2022, 8:00 PM IST

रोहतक: आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने वीरवार को रोहतक में मानव श्रृंखला बनाकर भाजपा सरकार का विरोध किया. इन वर्कर्स ने करीब एक किलोमीटर तक एक दूसरे का हाथ थामकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए दिखाई (Aanganwadi workers Protest in Rohtak) दिए. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा के बैनर तले जारी आंदोलन के तहत सभी वर्कर्स पहले मानसरोवर पार्क में इक्कठा हुए. इसके बाद इन्होंने तय किया कि अपनी मांगों को लेकर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज किया जाएगा.

इसके बाद आंगनवाड़ी वर्कर्स अशोक चौक पहुंची और एक दूसरे का हाथ पकड़ कर अंबेडकर चौक तक मानव श्रृंखला बनाई. यह आंदोलन काफी दिनों से लगातार चल रहा है. सरकार से वार्ता भी हो चुकी है लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बनी. यूनियन के प्रदेश महासचिव पुष्पा दलाल का कहना है कि वर्ष 2018 में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आंगनवाड़ी कर्मियों को कुशल और अर्धकुशल का दर्जा देने की घोषणा की थी लेकिन आज तक यह घोषणा लागू नहीं हुई है.

वहीं, इस आंदोलन का कर्मचारी संगठन-एआईयूटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष ईश्वर सिंह राठी और छात्र संगठन-एआईडीएसओ के नेता उमेश मौर्य ने भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सरकार को 5 फरवरी तक का समय दिया गया है. अगर तय समय तक उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए जा चुके हैं लेकिन समाधान नहीं हुआ। ऐसे में अब आम नागरिकों को भी इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा.

क्या हैं आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांग: आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग. जब तक सरकारी कर्मचारी नहीं बनाया जाता, तब तक न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये लागू करने की मांग. साल 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भत्ते की तमाम किस्तें मानदेय में जोड़कर दी जाएं. महंगाई भते का बकाया ऐरियर भी तुरंत दिया जाए. इसके साथ ही हेल्पर के पदनाम को बदला जाए. आंगनवाड़ी वर्कर्स का ये भी कहना है कि विभाग की ओर से फोन या दूसरे संसाधन देकर वर्कर्स पर ऑनलाइन काम का दबाव बनाना बंद किया जाए. इस बारे में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न की जाए. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा सिंतबर 2018 में की गई वर्कर्स और हेल्पर्स की 1500 और 750 रुपये की बढ़ोत्तरी को ऐरियर समेत दिया जाए.

आंगनवाड़ी वर्कर्स को 5 लाख और हेल्पर्स को 3 लाख रुपये रिटायरमेंट लाभ दिया जाए. आंगनवाड़ी वर्कर्स ने मांग की कि रिटायरमेंट पेंशन लागू की जाए. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति को तुंरत लागू किया जाए. आंगनवाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया ग्रामीण क्षेत्र का 2000, छोटे कस्बों में शहर का 3000 और बड़े शहरों का 5000 रुपये लागू किया जाए. किराया कम देने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाए.

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रोहतक: आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने वीरवार को रोहतक में मानव श्रृंखला बनाकर भाजपा सरकार का विरोध किया. इन वर्कर्स ने करीब एक किलोमीटर तक एक दूसरे का हाथ थामकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए दिखाई (Aanganwadi workers Protest in Rohtak) दिए. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा के बैनर तले जारी आंदोलन के तहत सभी वर्कर्स पहले मानसरोवर पार्क में इक्कठा हुए. इसके बाद इन्होंने तय किया कि अपनी मांगों को लेकर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज किया जाएगा.

इसके बाद आंगनवाड़ी वर्कर्स अशोक चौक पहुंची और एक दूसरे का हाथ पकड़ कर अंबेडकर चौक तक मानव श्रृंखला बनाई. यह आंदोलन काफी दिनों से लगातार चल रहा है. सरकार से वार्ता भी हो चुकी है लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बनी. यूनियन के प्रदेश महासचिव पुष्पा दलाल का कहना है कि वर्ष 2018 में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आंगनवाड़ी कर्मियों को कुशल और अर्धकुशल का दर्जा देने की घोषणा की थी लेकिन आज तक यह घोषणा लागू नहीं हुई है.

वहीं, इस आंदोलन का कर्मचारी संगठन-एआईयूटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष ईश्वर सिंह राठी और छात्र संगठन-एआईडीएसओ के नेता उमेश मौर्य ने भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सरकार को 5 फरवरी तक का समय दिया गया है. अगर तय समय तक उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए जा चुके हैं लेकिन समाधान नहीं हुआ। ऐसे में अब आम नागरिकों को भी इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा.

क्या हैं आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांग: आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग. जब तक सरकारी कर्मचारी नहीं बनाया जाता, तब तक न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये लागू करने की मांग. साल 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भत्ते की तमाम किस्तें मानदेय में जोड़कर दी जाएं. महंगाई भते का बकाया ऐरियर भी तुरंत दिया जाए. इसके साथ ही हेल्पर के पदनाम को बदला जाए. आंगनवाड़ी वर्कर्स का ये भी कहना है कि विभाग की ओर से फोन या दूसरे संसाधन देकर वर्कर्स पर ऑनलाइन काम का दबाव बनाना बंद किया जाए. इस बारे में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न की जाए. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा सिंतबर 2018 में की गई वर्कर्स और हेल्पर्स की 1500 और 750 रुपये की बढ़ोत्तरी को ऐरियर समेत दिया जाए.

आंगनवाड़ी वर्कर्स को 5 लाख और हेल्पर्स को 3 लाख रुपये रिटायरमेंट लाभ दिया जाए. आंगनवाड़ी वर्कर्स ने मांग की कि रिटायरमेंट पेंशन लागू की जाए. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति को तुंरत लागू किया जाए. आंगनवाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया ग्रामीण क्षेत्र का 2000, छोटे कस्बों में शहर का 3000 और बड़े शहरों का 5000 रुपये लागू किया जाए. किराया कम देने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाए.

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