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रोहतक में अमित शाह का योगा कार्यक्रम हो जाता बर्बाद, रामपाल की संस्था ने बचाई लाज!

20 जून को रोहतक में भी ऐसा ही हुआ. रोहतक में गृह मंत्री अमित शाह का योग दिवस को लेकर दौरा था. प्रशासन ने फुल फ्लैश तैयारी कर ली थी, लेकिन बारिश ने सारा खेल बिगाड़ दिया.

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Published : Jun 21, 2019, 5:44 PM IST

अमित शाह का योगा कार्यक्रम हो जाता बर्बाद!

रोहतक: कहते हैं कि 'खोटा सिक्का' भी कभी-कभी काम आ जाता है. 20 जून को रोहतक में भी ऐसा ही हुआ. रोहतक में गृह मंत्री अमित शाह का योग दिवस को लेकर दौरा था. प्रशासन ने फुल फ्लैश तैयारी कर ली थी, लेकिन बारिश ने सारा खेल बिगाड़ दिया.

amit shah and cm khattar
योग करते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम खट्टर

कार्यक्रम वाली जगह पानी से लबालब हो गई. ऐसे में प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. कम समय में नई जगह ढ़ूंडना और पूरे कार्यक्रम की तैयारी करना बड़ा टास्क था. इसी बीच जेल में बंद रामपाल की संस्था की तरफ से की गई व्यवस्था प्रशासन के काम आई.

आनन-फानन में बदला कार्यक्रम स्थल

आनन-फानन में कार्यक्रम स्थल बदलने पर प्रशासन को राहत ये रही कि 17 जून को रामपाल के अनुयायियों ने यहां भंडारा किया था. जो शामियाना उन्होंने लगाया था, प्रशासन ने उसी का प्रयोग योगा कार्यक्रम के लिए किया. प्रशासनिक अधिकारियों ने भी रामपाल की संस्था को धन्यवाद किया होगा. जिसकी वजह से उन्हें पहले से करवाई हुई व्यवस्था मिल गई.

yoga program
इसी पंडाल में हो रहा है योग का कार्यक्रम

रामपाल वही है जिसकी वजह से प्रदेश में हुई थी हिंसा
हिसार में 18 नवम्बर 2014 में रामपाल से जुड़े बरवाला के सतलोक आश्रम में हत्‍या के दो अलग-अलग मामले सामने आए थे. उस समय रामपाल को कोर्ट में पेश करने के लिए दस हजार सिपाहियों की पलटन लगानी पड़ी थी. सरकार, प्रशासन के पसीने छूट गए थे. रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर हिंसा भी हुई थी. कड़ी मशक्कत के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने रामपाल को दोषी भी करार कर दिया था.

रोहतक: कहते हैं कि 'खोटा सिक्का' भी कभी-कभी काम आ जाता है. 20 जून को रोहतक में भी ऐसा ही हुआ. रोहतक में गृह मंत्री अमित शाह का योग दिवस को लेकर दौरा था. प्रशासन ने फुल फ्लैश तैयारी कर ली थी, लेकिन बारिश ने सारा खेल बिगाड़ दिया.

amit shah and cm khattar
योग करते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम खट्टर

कार्यक्रम वाली जगह पानी से लबालब हो गई. ऐसे में प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. कम समय में नई जगह ढ़ूंडना और पूरे कार्यक्रम की तैयारी करना बड़ा टास्क था. इसी बीच जेल में बंद रामपाल की संस्था की तरफ से की गई व्यवस्था प्रशासन के काम आई.

आनन-फानन में बदला कार्यक्रम स्थल

आनन-फानन में कार्यक्रम स्थल बदलने पर प्रशासन को राहत ये रही कि 17 जून को रामपाल के अनुयायियों ने यहां भंडारा किया था. जो शामियाना उन्होंने लगाया था, प्रशासन ने उसी का प्रयोग योगा कार्यक्रम के लिए किया. प्रशासनिक अधिकारियों ने भी रामपाल की संस्था को धन्यवाद किया होगा. जिसकी वजह से उन्हें पहले से करवाई हुई व्यवस्था मिल गई.

yoga program
इसी पंडाल में हो रहा है योग का कार्यक्रम

रामपाल वही है जिसकी वजह से प्रदेश में हुई थी हिंसा
हिसार में 18 नवम्बर 2014 में रामपाल से जुड़े बरवाला के सतलोक आश्रम में हत्‍या के दो अलग-अलग मामले सामने आए थे. उस समय रामपाल को कोर्ट में पेश करने के लिए दस हजार सिपाहियों की पलटन लगानी पड़ी थी. सरकार, प्रशासन के पसीने छूट गए थे. रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर हिंसा भी हुई थी. कड़ी मशक्कत के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने रामपाल को दोषी भी करार कर दिया था.

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रोहतक में अमित शाह का योगा कार्यक्रम हो जाता बर्बाद! रामपाल की संस्था ने बचाई लाज

amit shah yoga program in rampal's tent





रोहतक: कहते हैं कि 'खोटा सिक्का' भी कभी-कभी काम आ जाता है. 20 जून को रोहतक में भी ऐसा ही हुआ. रोहतक में गृह मंत्री अमित शाह का योग दिवस को लेकर दौरा था. प्रशासन ने फुल फ्लैश तैयारी कर ली थी, लेकिन बारिश ने सारा खेल बिगाड़ दिया. कार्यक्रम वाली जगह पानी से लबालब हो गई. ऐसे में प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. कम समय में नई जगह ढ़ूंडना और पूरे कार्यक्रम की तैयारी करना बड़ा टास्क था. इसी बीच जेल में बंद रामपाल की संस्था की तरफ से की गई व्यवस्था प्रशासन के काम आई.



आनन-फानन में कार्यक्रम स्थल बदलने पर प्रशासन को राहत ये रही कि 17 जून को रामपाल के अनुयायियों ने यहां भंडारा किया था. जो शामियाना उन्होंने लगाया था, प्रशासन ने उसी का प्रयोग योगा कार्यक्रम के लिए किया. प्रशासनिक अधिकारियों ने भी रामपाल की संस्था को धन्यवाद किया होगा. जिसकी वजह से उन्हें पहले से करवाई हुई व्यवस्था मिल गई. 



रामपाल वही है जिसकी वजह से प्रदेश में हुई थी हिंसा

हिसार में 18 नवम्बर 2014 में रामपाल से जुड़े बरवाला के सतलोक आश्रम में हत्‍या के दो अलग-अलग मामले सामने आए थे. उस समय रामपाल को कोर्ट में पेश करने के लिए दस हजार सिपाहियों की पलटन लगानी पड़ी थी. सरकार, प्रशासन के पसीने छूट गए थे. रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर हिंसा भी हुई थी. कड़ी मशक्कत के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था.   कोर्ट ने रामपाल को दोषी भी करार दिया था.  

 


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