रेवाड़ी: अपनी कई मांगों को लेकर मिड डे मील वर्कर्स ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान मिड डे मील वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. मिड डे मील वर्कर्स ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते सभी स्कूलों में बच्चों का आना बंद है, लेकिन सरकार और विभाग के निर्देशों के बाद वो लाभार्थी बच्चों को घर-घर जाकर राशन पहुंचा रही हैं, लेकिन फिर भी सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है.
बता दें कि मिड-डे-मील वर्कर्स ज्ञापन सौंपने के बाद नगर के महाराणा प्रताप चौक स्थित नेहरु पार्क में एकत्रित हुई. जहां यूनियन की राज्य प्रधान सरोज दुजाना ने सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. मिड डे मील वर्कर्स नेहरु पार्क से प्रदर्शन करते हुए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचीं. जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपा.
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सरोज दुजाना ने कहा कि राज्य के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 30,000 के करीब मिड डे मील वर्कर कार्य कर रही हैं, जिन्हें वेतन के नाम पर अभी भी बहुत ही कम मानदेय 3500 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है. जो गुजारे लायक नहीं हैं. जो मानदेय उन्हें दिया जा रहा है वो भी साल के 10 महीनों का ही मिलता है, जबकि साल में 12 महीने होते हैं इसलिए 12 महीने का मानदेय दिया जाना चाहिए.
मिड डे मील वर्कर्स की मांगें
- सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं होने तक न्यूनतम वेतन 18000 हजार दिया जाए.
- कर्मचारियों को पक्का किया जाए.
- शेल्टर होम का खाना बनाने के लिए अलग से दिए जाएं प्रतिदिन 600 रुपये.
- ड्रेस का पैसा 600 से बढ़ाकर 1200 रुपये किया जाए.
- सभी वर्कर्स को बीपीएल की श्रेणी में मानते हुए सस्ता राशन दिया जाए.