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आवारा पशुओं के आतंक से परेशान हैं रेवाड़ी के किसान

दस एकड़ में फैले झाबुआ बीहड़ के जंगलों से आवारा पशु जैसे नीलगाय, जंगली सुअर और अन्य मवेशी रात के समय उनके खेतों में घुस जाते हैं और खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. जिसको लेकर कई बार किसानों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है.

farmers are worried about stray animals in rewari
आवारा पशुओं के आतंक से परेशान है रेवाड़ी के किसान
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Published : Jan 23, 2020, 5:18 PM IST

रेवाड़ी: बावल क्षेत्र के दर्जनों गावों के किसान आवारा पशुओं के आतंक से परेशान हैं. इस संबंध में गुरुवार को किसानों ने जिला उपायुक्त से मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा. जिसमें किसानों ने उपायुक्त से मांग की कि उन्हें आवारा पशुओं के आतंक से प्रशासन निजात दिलाए.

आवारा पशु फसलों को पहुंचाते हैं भारी नुकसान
किसानों ने बताया कि दस एकड़ में फैले झाबुआ बीहड़ के जंगलों से आवारा पशु जैसे नीलगाय, जंगली सुअर और अन्य मवेशी रात के समय उनके खेतों में घुस जाते हैं और खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. जिसको लेकर कई बार किसानों ने प्रशासन से मांग की कि इसे रोकने के लिए कोई उपाय किया जाए. किसान सत्येंद्र बताते हैं कि कई बार प्रशासन और सीएम से इस संबंध में शिकायत की जा चुकी है. लेकिन प्रशासन ने आजतक कोई कार्रवाई नहीं की है.

आवारा पशुओं के आतंक से परेशान है रेवाड़ी के किसान

इसे भी पढ़ें: रेवाड़ी की सड़कों से हटाए जाएंगे बेसहारा गौवंश, जयपुर की टीम को दिया गया कॉन्ट्रैक्ट

अपनी मांगों को लेकर किसानों ने दिया उपायुक्त को ज्ञापन
किसान मीर सिंह बताते हैं कि झाबुआ, खीजुरी और बिदावास समेत एक दर्जन गांवों में आवारा पशुओं की समस्या पिछले कई सालों से है. जिसको लेकर सरकार और प्रशासन को कई बार शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. मीर सिंह बताते हैं कि उनकी मांग है कि प्रशासन इन आवारा पशुओं को पकड़ कर किसानों की मदद करे. उन्होंने कहा कि उनकी एक और मांग है कि इस बीहड़ के चारों ओर दस फीट ऊंचा जाल लगाया जाए ताकि आवारा पशु उनके खेतों में नहीं आ पाए. इन्हीं सब मांगों को लेकर आज उपायुक्त रवि हुड्डा को ज्ञापन दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन किसानों को समस्या से निजात नहीं दिलाता है तो किसान मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगा.

रेवाड़ी: बावल क्षेत्र के दर्जनों गावों के किसान आवारा पशुओं के आतंक से परेशान हैं. इस संबंध में गुरुवार को किसानों ने जिला उपायुक्त से मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा. जिसमें किसानों ने उपायुक्त से मांग की कि उन्हें आवारा पशुओं के आतंक से प्रशासन निजात दिलाए.

आवारा पशु फसलों को पहुंचाते हैं भारी नुकसान
किसानों ने बताया कि दस एकड़ में फैले झाबुआ बीहड़ के जंगलों से आवारा पशु जैसे नीलगाय, जंगली सुअर और अन्य मवेशी रात के समय उनके खेतों में घुस जाते हैं और खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. जिसको लेकर कई बार किसानों ने प्रशासन से मांग की कि इसे रोकने के लिए कोई उपाय किया जाए. किसान सत्येंद्र बताते हैं कि कई बार प्रशासन और सीएम से इस संबंध में शिकायत की जा चुकी है. लेकिन प्रशासन ने आजतक कोई कार्रवाई नहीं की है.

आवारा पशुओं के आतंक से परेशान है रेवाड़ी के किसान

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अपनी मांगों को लेकर किसानों ने दिया उपायुक्त को ज्ञापन
किसान मीर सिंह बताते हैं कि झाबुआ, खीजुरी और बिदावास समेत एक दर्जन गांवों में आवारा पशुओं की समस्या पिछले कई सालों से है. जिसको लेकर सरकार और प्रशासन को कई बार शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. मीर सिंह बताते हैं कि उनकी मांग है कि प्रशासन इन आवारा पशुओं को पकड़ कर किसानों की मदद करे. उन्होंने कहा कि उनकी एक और मांग है कि इस बीहड़ के चारों ओर दस फीट ऊंचा जाल लगाया जाए ताकि आवारा पशु उनके खेतों में नहीं आ पाए. इन्हीं सब मांगों को लेकर आज उपायुक्त रवि हुड्डा को ज्ञापन दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन किसानों को समस्या से निजात नहीं दिलाता है तो किसान मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगा.

Intro:आवारा पशुओं के आतंक से परेशान है दर्जनों दर्जन गावों के किसान
सचिवालय पहुंच सौंपा ज्ञापन, की समाधान की मांग
रेवाड़ी, 23 जनवरी।Body:रेवाड़ी के बावल क्षेत्र के दर्जनों गावों के किसान आवारा पशुओ के आतंक से परेशान है। गुरुवार को रेवाड़ी जिला उपायुक्त से मिलने आए किसानो ने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाई. झाबुआ, खीजुरी और बिदावास समेत करीब एक दर्जन गावों के किसानो ने कहा कि दस एकड़ में फैले झाबुआ बीहड़ के जंगलों से आवारा पशु जैसे नीलगाय, जंगली सुअर और अन्य मवेशी रात के समय उनके खेतों में घुस जाते हैं और खेतों में खड़ी उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते है। इसकी शिकायत वे कई बार कर चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। इसलिए झाबुआ बीहड़ के जंगलों में दस फीट ऊंचा जाल लगाने की मांग करते हुए आज इस सम्बंध दोबारा एक मांग पत्र एडीसी रवि हुड्डा को दिया है। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसानो को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।
बाइट--सत्येंद्र झाबुआ किसान।
बाइट--मीर सिंह, पीड़ित किसान।
Conclusion:अब देखना होगा की देश के अनदाता पर छाया यह संकट कब तक मंडराता रहेगा या फिर सरकार इनकी समस्या का समाधान का इससे छुटकारा दिला पाएगी।
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