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रेवाड़ी: लॉकडाउन में काम ठप, प्रवासी मजदूर घरों के लिए पैदल निकले

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Published : Mar 28, 2020, 9:04 AM IST

कोरोना के कारण देश 21 दिनों के लिए बंद है. ऐसे में मजदूरों के लिए बड़ा संकट आ गया. काम नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों के लिए पैदल निकल रहे हैं.

coronavirus people are moving on the streets
प्रवासी मजदूर घरों के लिए पैदल निकले

रेवाड़ी: कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए बड़ा संकट बन गया है. घर से हजारों किलोमीटर दूर मजदूरी करने वाले मजदूरों के सामने 2 जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

मजबूरी के समय ठेकेदारों ने उन्हें नौकरी तो दी लेकिन अब संकट की घड़ी में उनको अकेला छोड़ दिया है. यही कारण है कि अब उनके पास राशन खरीदने तक का पैसा नहीं है. घर जाने के अलावा कोई दूसरा चारा भी बचा नहीं है.

लॉकडाउन में काम ठप, प्रवासी मजदूर घरों के लिए पैदल निकले

लॉकडाउन में ट्रांसपोर्ट व जीवन की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल भी बंद है. ऐसे में इन लोगों ने पैदल ही मीलों का सफर तय करने की ठान ली है. नारनौल रेवाड़ी सड़क मार्ग से होते हुए ये मजदूर अपने घरों के लिए पैदल जा रहे हैं.

नारनौल में मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पालने वाले इन मजदूरों ने बताया कि वो आज सुबह 5:00 बजे नारनौल से भूखे प्यासे चले थे और रास्ते में कुछ भी खाने को नहीं मिला. रास्ते में बीच बीच में कोई नजर आया तो वो थी हरियाणा की स्मार्ट पुलिस जिसने पूछताछ कर आपस में एक दूसरे से दूरी बनाकर चलने को तो कहा, लेकिन किसी ने भी ये नहीं पूछा कि तुमने खाना खाया है या नहीं.

मजदूरों ने कहा कि आपदा के समय इंसान ही इंसान के काम आता है लेकिन यहां तो सब सिर्फ अपनी ड्यूटी के अलावा सब कुछ भूल चुके थे. अब ऊपर वाले की मर्जी जैसे वो उन्हें उनके घर तक पहुंचाएगा. आपको बता दें कि ये सब मजदूर नारनौल से यूपी के बिजनौर जा रहे हैं. नारनौल से रेवाड़ी की दूरी तय करने में इन्हें 7 घंटे का समय लग गया.

ये भी पढ़ें- 57 लोगों से मिला था चंडीगढ़ का कोरोना पॉजिटिव 8वां मरीज

रेवाड़ी: कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए बड़ा संकट बन गया है. घर से हजारों किलोमीटर दूर मजदूरी करने वाले मजदूरों के सामने 2 जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

मजबूरी के समय ठेकेदारों ने उन्हें नौकरी तो दी लेकिन अब संकट की घड़ी में उनको अकेला छोड़ दिया है. यही कारण है कि अब उनके पास राशन खरीदने तक का पैसा नहीं है. घर जाने के अलावा कोई दूसरा चारा भी बचा नहीं है.

लॉकडाउन में काम ठप, प्रवासी मजदूर घरों के लिए पैदल निकले

लॉकडाउन में ट्रांसपोर्ट व जीवन की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल भी बंद है. ऐसे में इन लोगों ने पैदल ही मीलों का सफर तय करने की ठान ली है. नारनौल रेवाड़ी सड़क मार्ग से होते हुए ये मजदूर अपने घरों के लिए पैदल जा रहे हैं.

नारनौल में मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पालने वाले इन मजदूरों ने बताया कि वो आज सुबह 5:00 बजे नारनौल से भूखे प्यासे चले थे और रास्ते में कुछ भी खाने को नहीं मिला. रास्ते में बीच बीच में कोई नजर आया तो वो थी हरियाणा की स्मार्ट पुलिस जिसने पूछताछ कर आपस में एक दूसरे से दूरी बनाकर चलने को तो कहा, लेकिन किसी ने भी ये नहीं पूछा कि तुमने खाना खाया है या नहीं.

मजदूरों ने कहा कि आपदा के समय इंसान ही इंसान के काम आता है लेकिन यहां तो सब सिर्फ अपनी ड्यूटी के अलावा सब कुछ भूल चुके थे. अब ऊपर वाले की मर्जी जैसे वो उन्हें उनके घर तक पहुंचाएगा. आपको बता दें कि ये सब मजदूर नारनौल से यूपी के बिजनौर जा रहे हैं. नारनौल से रेवाड़ी की दूरी तय करने में इन्हें 7 घंटे का समय लग गया.

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