पानीपत: पानीपत पुलिस की कार्यप्रणाली का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पुलिस ने 13 वर्षीय नाबालिग युवती को बालिग दिखाकर केस को रफा-दफा कर (Minor girl as adult in Panipat) दिया. युवती के पिता द्वारा दोबारा शिकायत देने और उम्र के दस्तावेज देने पर बाल विवाह निषेध अधिकारी ने मामले की पड़ताल की तो लड़की नाबालिग पाई गई. जिसके बाद बाल विवाह निषेध अधिकारी ने दोबारा उसी थाने में मामला दर्ज करने के लिए भेज दिया.
दरअसल मामला पानीपत की एक कॉलोनी का है. जहां दिसंबर में जोगिंदर नाम के व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दी थी कि उसकी 13 वर्षीय बेटी को पड़ोस में ही रहने वाला 20 वर्षीय युवक बहला-फुसलाकर ले गया है. जिसके बाद पुलिस ने युवक व युवती दोनों को पकड़कर बालिग साबित कर दिया और दोनों को प्रोटेक्शन हाउस में भिजवा दिया. इसके बाद युवती के पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. युवती के पिता का कहना है कि उनकी बेटी 13 साल की थी, जिसे पुलिस द्वारा 18 साल की दर्शाया गया है. साथ ही युवती के पिता ने पुलिस पर भगाने वाले युवक से पैसे लेकर सारे मामले में झूठी रिपोर्ट तैयार करने का आरोप भी लगाया है.
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वहीं जब यह मामला प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता के पास पहुंचा तो रजनी गुप्ता ने लड़का-लड़की को दोबारा अपने पास बुलवाया और सारे मामले की शिनाख्त की. इसके साथ ही युवती के पिता द्वारा भेजे गए डॉक्यूमेंट को वेरीफाई करने के बाद यह पता चला कि किशोरी 13 वर्ष की ही है. साथ ही आरोपी युवक ने भी पुलिस को 50 हजार रूपये देकर लड़की को बालिग प्रमाणित करवाने की बात कबूल ली है. पूरे मामले पर प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता ने कहा कि चाइल्ड मैरिज में साथ देने वाले को भी दोषी माना जाता है. अभी उसी थाने में दोबारा इस मामले को दर्ज कराया जाएगा और इस विवाह में साथ देने वाले पंडित और पुलिसकर्मियों का भी कोर्ट से नोटिस भेजा जाएगा.
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