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पानीपतः करोड़ों आय के बावजूद गांव नैन बदहाल, ग्राम सचिवालय बना सफेद हाथी - पानीपत में बदहाल गांव नैन न्यूज

पानीपत के इसराना विधानसभा का गांव नैन अपनी हालत पर आंसू बहा रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक सिर्फ पंचायत की जमीन की बोली से सलाना 1 करोड़ से ज्यादा की आय होती है. लेकिन गांव आज भी विकास को तरस रहा है. वहीं ग्राम सचिवालय में गांव वालों को कोई कर्मचारी नहीं मिलता.

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Published : Jan 24, 2020, 6:59 AM IST

पानीपतः करोड़ों रुपये की सालाना आय होने के बावजूद भी इसराना विधानसभा का गांव नैन आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. ग्रामीणों की मानें तो हर साल एक करोड़ से ज्यादा रुपया ग्राम पंचायत की जमीन की बोली से आता है.

इनकम जबरदस्त, गांव की हालत पस्त
ईटीवी भारत की टीम गांव का जायजा लेने पहुंची तो गांव वालों की जुबानी गांव की दास्तां सुनकर हम भी हैरान थी. क्योंकि करोड़ों रुपये की आय वाला गांव इतना बदहाल कैसे हो सकता है, गांव वालों ने बताया कि उन्हें सरकार से ग्रांट की जरूरत नहीं है. अगर ग्राम पंचायत जमीन की बोली से आए हुए पैसे ऐसे ही विकास में लगा दे तो गांव हरियाणा का नंबर वन गांव बन सकता है.

विकास को तरस रहा गांव
लेकिन गांव की हालत देखकर लगता है कि गांव आज भी विकास की बाट जोह रहा है. गांव में हर तरफ गंदगी और अवैध कब्जे का बोलबाला है. साफ-सफाई ना होने के चलते कच्ची गलियां बदहाल हैं.

पानीपतः करोड़ों आय के बावजूद बदहाल गांव नैन, ग्राम सचिवालय में नहीं बैठता कोई कर्मचारी.

ग्राम सचिवालय में नहीं बैठता कोई कर्मचारी
कहने को तो गांव में ग्राम सचिवालय भी बना दिया गया था, लेकिन लाखों रुपये की लागत से बने ग्राम सचिवालय में आज तक न तो कोई पटवारी बैठा है और ना ही कोई सरपंच, ना कोई ग्राम सचिव और ना ही चौकीदार और नंबरदार. लाखों रुपये की लागत से बना सचिवालय बदहाल है.

ये भी पढ़ेंः- सीएए का विरोध करने वालों पर संदीप सिंह का वार, कहा-राजनीति चमका रहे विरोधी

कर्मचारियों से मिलने मतलौडा जाना पड़ता है ग्रामीणों को
वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम सचिवालय में गांव के सचिव को बैठना होता है, लेकिन जब भी वो ग्राम सचिव को सचिवालय में बैठने के लिए कहते हैं तो वह गांव वालों से अभद्र भाषा में बात करता है. प्रशासन ने दावा किया था कि सचिवालय में पटवारी, ग्राम सचिव, चौकीदार, नंबरदार और सरपंच सभी बैठेंगे. लेकिन गांव वालों का आरोप है कि पिछले लंबे समय से सचिवालय पर ताला लगा हुआ है और गांव वाले कर्मचारियों से मिलने के लिए काफी दूर मतलौडा में चक्कर काटते हैं.

ग्राम सचिवालय में अवैध कब्जा
कर्मचारियों के सचिवालय में ना बैठने की वजह से उसकी हालत बदतर हो गई है. सचिवालय के अंदर गांव के लोगों ने अपना खेती बाड़ी का सामान रख कर कब्जा किया हुआ है, साथ ही टेंट का सामना रखा है. सचिवालय के आसपास भी गंदगी की अंबार है. जिसके चलते ग्रामीणों में खासा रोष है.

लीपापोती करते नजर आए सरपंच
गांव के मौजूदा सरपंच का दावा है कि जब से उनका कार्यकाल शुरू हुआ है तब से गांव में विकास कार्य हो रहे हैं. सड़कें बन रही हैं, गलियां पक्की हो चुकी हैं, बस अड्डा बनाया जा रहा है. सरपंच के मुताबिक गांव में जितना पैसा आता है. एक-एक पैसे का हिसाब उनके पास है. लेकिन गांव की जो हालत है उससे सरपंच को दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः- SYL का पानी देने से पंजाब ने किया साफ इनकार, अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी निगाहें

पानीपतः करोड़ों रुपये की सालाना आय होने के बावजूद भी इसराना विधानसभा का गांव नैन आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. ग्रामीणों की मानें तो हर साल एक करोड़ से ज्यादा रुपया ग्राम पंचायत की जमीन की बोली से आता है.

इनकम जबरदस्त, गांव की हालत पस्त
ईटीवी भारत की टीम गांव का जायजा लेने पहुंची तो गांव वालों की जुबानी गांव की दास्तां सुनकर हम भी हैरान थी. क्योंकि करोड़ों रुपये की आय वाला गांव इतना बदहाल कैसे हो सकता है, गांव वालों ने बताया कि उन्हें सरकार से ग्रांट की जरूरत नहीं है. अगर ग्राम पंचायत जमीन की बोली से आए हुए पैसे ऐसे ही विकास में लगा दे तो गांव हरियाणा का नंबर वन गांव बन सकता है.

विकास को तरस रहा गांव
लेकिन गांव की हालत देखकर लगता है कि गांव आज भी विकास की बाट जोह रहा है. गांव में हर तरफ गंदगी और अवैध कब्जे का बोलबाला है. साफ-सफाई ना होने के चलते कच्ची गलियां बदहाल हैं.

पानीपतः करोड़ों आय के बावजूद बदहाल गांव नैन, ग्राम सचिवालय में नहीं बैठता कोई कर्मचारी.

ग्राम सचिवालय में नहीं बैठता कोई कर्मचारी
कहने को तो गांव में ग्राम सचिवालय भी बना दिया गया था, लेकिन लाखों रुपये की लागत से बने ग्राम सचिवालय में आज तक न तो कोई पटवारी बैठा है और ना ही कोई सरपंच, ना कोई ग्राम सचिव और ना ही चौकीदार और नंबरदार. लाखों रुपये की लागत से बना सचिवालय बदहाल है.

ये भी पढ़ेंः- सीएए का विरोध करने वालों पर संदीप सिंह का वार, कहा-राजनीति चमका रहे विरोधी

कर्मचारियों से मिलने मतलौडा जाना पड़ता है ग्रामीणों को
वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम सचिवालय में गांव के सचिव को बैठना होता है, लेकिन जब भी वो ग्राम सचिव को सचिवालय में बैठने के लिए कहते हैं तो वह गांव वालों से अभद्र भाषा में बात करता है. प्रशासन ने दावा किया था कि सचिवालय में पटवारी, ग्राम सचिव, चौकीदार, नंबरदार और सरपंच सभी बैठेंगे. लेकिन गांव वालों का आरोप है कि पिछले लंबे समय से सचिवालय पर ताला लगा हुआ है और गांव वाले कर्मचारियों से मिलने के लिए काफी दूर मतलौडा में चक्कर काटते हैं.

ग्राम सचिवालय में अवैध कब्जा
कर्मचारियों के सचिवालय में ना बैठने की वजह से उसकी हालत बदतर हो गई है. सचिवालय के अंदर गांव के लोगों ने अपना खेती बाड़ी का सामान रख कर कब्जा किया हुआ है, साथ ही टेंट का सामना रखा है. सचिवालय के आसपास भी गंदगी की अंबार है. जिसके चलते ग्रामीणों में खासा रोष है.

लीपापोती करते नजर आए सरपंच
गांव के मौजूदा सरपंच का दावा है कि जब से उनका कार्यकाल शुरू हुआ है तब से गांव में विकास कार्य हो रहे हैं. सड़कें बन रही हैं, गलियां पक्की हो चुकी हैं, बस अड्डा बनाया जा रहा है. सरपंच के मुताबिक गांव में जितना पैसा आता है. एक-एक पैसे का हिसाब उनके पास है. लेकिन गांव की जो हालत है उससे सरपंच को दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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Intro:इसराना विधानसभा का गांव नैन बहा रहा है अपनी बदहाली पर आंसू । पंचायत की करोड़ों रुपए की इनकम सालाना होने के बाद भी नहीं हो रहा गांव में विकास कार्य । ग्राम सचिवालय लोगों की सुविधाओं के लिए बनाया गया था लेकिन जब से ग्राम सचिवालय बना हैं तब से ग्रामीणों का आरोप की खोला ही नहीं गया ।
इसराना विधानसभा का गांव नैन करोड़ों रुपए की सालाना आय होने के बावजूद भी आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है ग्रामीणों की मानें तो हर वर्ष एक करोड़ से ज्यादा पैसा ग्राम पंचायत की जमीन की बोली से आता है
अब उसके बाद आप यह तस्वीरें देखकर हालत का अंदाजा खुद लगा सकते हैं गांव में कभी विकास हुआ है या नहीं। हर तरफ गंदगी, अवैध कब्जे, बदहाली कच्ची गलियां साफ-सफाई का अभाव। लेकिन अब गांव के युवाओं ने ठान लिया कि गांव की समस्याओं को उठाएंगे कहने को तो गांव में ग्राम सचिवालय भी बना दिया गया था सरकार द्वारा लेकिन आज तक लाखों रुपए की लागत से बने इस सचिवालय में न तो कोई पटवारी बैठा है ना ही कोई सरपंच ना कोई ग्राम सचिव और ना ही चौकीदार व नंबरदार लाखों रुपए की लागत का यह सचिवालय बदहाल है ।





Body:ईटीवी भारत की टीम गांव का जायजा लेने पहुंची तो गांव वालों की जुबानी गांव की दास्तां सुनकर हम भी हैरान थे क्योंकि करोड़ों रुपए की आय वाला गांव इतना बदहाल कैसे हो सकता है गांव वालों ने बताया कि उन्हें सरकार से ग्रांट की जरूरत नहीं है अगर ग्राम पंचायती जमीन की बोली से आए हुए पैसे ऐसे ही विकास में लगा दे तो गांव हरियाणा का नंबर वन गांव बन सकता है और इस ग्राम सचिवालय में ग्राम सचिवालय का बैठना था गांव वाले जब ग्राम सचिवालय ग्राम सचिव को सचिवालय में बैठने के लिए तो सचिव गांव वालों से अभद्र भाषा में बात करते हैं ।
इसके साथ ही गांव में सरपंच का दावा है कि जब से उनका कार्यकाल शुरू हुआ है तब से गांव में विकास कार्य हो रहे हैं सड़कें बन रही हैं गलियां पक्की हो चुकी हैं बस अड्डा बनाया जा रहा है। सरपंच के मुताबिक गांव में जितना पैसा आता है एक पैसे का हिसाब उनके पास है अब ऐसे में तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगा लिए कि क्या यह गांव निर्मल गांव है क्या इस काम में विकास कार्य हुए हैं। तमाम सवाल इस गांव की तस्वीरें अपने पीछे छोड़ देती है इसराना विधानसभा के गांव नैन में बने सचिवालय में कोई भी अधिकारी बैठने को तैयार नहीं है। कहने को तो प्रशासन ने दावा किया था कि सचिवालय में पटवारी ग्राम सचिव चौकीदार नंबरदार सरपंच सभी बैठेंगे लेकिन गांव वालों का आरोप है कि पिछले लंबे समय से सचिवालय पर ताला लगा हुआ है और गांव वाले अधिकारियों से मिलने के लिए काफी दूर मतलौडा में चक्कर काटते हैं ।


Conclusion:गांव नैन में लोगो की सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा बनाये गए ग्राम सचिवालय की हालत बद से बदतर है ,सचिवालय के अंदर गांव के लोगो ने अपना खेती बाड़ी का सामान रख कर कब्जा किया हुआ है ,साथ ही टेंट का सामना रखा है । आस पास व गांव में गंदगी का आलम है ।
ग्राम सचिवालय ना खुलने से ग्रामीणों में खासा रोष है ।

वन टू वन - अनिल कुमार ,ग्रामीण व सरपंच के साथ
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