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सर्द रात में पुल के नीचे ठिठुरता है पूरा परिवार, बेटियों की हिफाजत के लिए बाप देता है पहरा

ये परिवार बिहार से आकर मजदूरी करता है. इस परिवार का मुखिया उनका पिता मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है. इस पुल के नीचे वह अपनी रात गुजारते हैं पिछले 3 महीने से उनकी यही दिनचर्या है.

negligence of administration for roofless family in panipat
सर्द रात में पुल के नीचे ठिठुरता है पूरा परिवार
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Published : Dec 18, 2019, 11:51 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 10:15 AM IST

पानीपत: लगातार गिरते पारे के बीच जहां शहर की फिजा में ठंडी बढ़ गई है, वहीं सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे फुटपाथों पर रात बिताने वाले बेघर लोग जैसे तैसे अपनी रातें गुजार रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम रात को शहर के दौरे के लिए निकली. शहर की सर्द रात में ठंडी हवाएं हाड़ कंपा रही थीं. शहर में इस सर्द रात में हमने कुछ लोगों को देखा जो हैरान कर देने वाला था.

हमारी टीम ने देखा कि गोहाना पुल के नीचे एक परिवार रहता है. जिसमें दिनेश यादव नाम का शख्स अपने तीन बच्चे भयंकर सर्दी में पुल के पिलर के नीचे अपना समय काटते नजर आये. हमने जब परिवार के बारे में जानना चाहा तो हमें पता चला कि ये परिवार बिहार से आकर मजदूरी करता है. इस परिवार का मुखिया उनका पिता मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है. जिसके बाद इस पुल के नीचे वह अपनी रात गुजारते हैं पिछले 3 महीने से उनकी यही दिनचर्या है.

सर्द रात में पुल के नीचे ठिठुरता है पूरा परिवार, देखिए रिपोर्ट

3 महीने से पुल के नीचे रह रहा है परिवार
पिछले 3 महीने से ये परिवार पुल के नीचे अपना बसेरा कर रहा है. उनके पास पहनने के लिए गरम कपड़े भी नहीं हैं. परिवार का मुखिया धुंध होने की वजह से सारी रात पहरा देकर अपने बच्चों की हिफाजत करता है और दिन होने पर अपने काम पर जाता है. दोनों तरफ हाईवे हमेशा चलता है पुल के नीचे किसी भी तरीके की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है.

ये भी पढ़ेंः अब हाई क्वालिटी कैमरे करेंगे दादरी की रखवाली, वायरलैस CCTV लगाने की तैयारी में प्रशासन

रैन बसेरे हैं तो बेसहारे सड़क पर क्यों ?
इस कड़ाके की ठंड में पूरे देश में रैन बसेरों को सुचारू रूप से चलाने के आदेश दिए गए हैं ताकि गरीब और बेसहारा लोग उसमें शरण ले सकें, लेकिन पानीपत में आज भी ऐसी तस्वीरें देखने को आम मिल जाती है जिसमें बेघर लोग ठंड में खुले आसमां के नीचे ठिठुरते सड़क किनारे सोये रहते हैं. हर नागरिक को सुरक्षा और सुविधा प्रदान करने का दावा करने वाली सरकार और प्रशासन दावे फेल नजर आते हैं.

ये भी जाने- परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा से मिला तालमेल कमेटी का प्रतिनिधिमंडल, सौंपा 26 सूत्रीय मांग पत्र

पानीपत: लगातार गिरते पारे के बीच जहां शहर की फिजा में ठंडी बढ़ गई है, वहीं सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे फुटपाथों पर रात बिताने वाले बेघर लोग जैसे तैसे अपनी रातें गुजार रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम रात को शहर के दौरे के लिए निकली. शहर की सर्द रात में ठंडी हवाएं हाड़ कंपा रही थीं. शहर में इस सर्द रात में हमने कुछ लोगों को देखा जो हैरान कर देने वाला था.

हमारी टीम ने देखा कि गोहाना पुल के नीचे एक परिवार रहता है. जिसमें दिनेश यादव नाम का शख्स अपने तीन बच्चे भयंकर सर्दी में पुल के पिलर के नीचे अपना समय काटते नजर आये. हमने जब परिवार के बारे में जानना चाहा तो हमें पता चला कि ये परिवार बिहार से आकर मजदूरी करता है. इस परिवार का मुखिया उनका पिता मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है. जिसके बाद इस पुल के नीचे वह अपनी रात गुजारते हैं पिछले 3 महीने से उनकी यही दिनचर्या है.

सर्द रात में पुल के नीचे ठिठुरता है पूरा परिवार, देखिए रिपोर्ट

3 महीने से पुल के नीचे रह रहा है परिवार
पिछले 3 महीने से ये परिवार पुल के नीचे अपना बसेरा कर रहा है. उनके पास पहनने के लिए गरम कपड़े भी नहीं हैं. परिवार का मुखिया धुंध होने की वजह से सारी रात पहरा देकर अपने बच्चों की हिफाजत करता है और दिन होने पर अपने काम पर जाता है. दोनों तरफ हाईवे हमेशा चलता है पुल के नीचे किसी भी तरीके की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है.

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रैन बसेरे हैं तो बेसहारे सड़क पर क्यों ?
इस कड़ाके की ठंड में पूरे देश में रैन बसेरों को सुचारू रूप से चलाने के आदेश दिए गए हैं ताकि गरीब और बेसहारा लोग उसमें शरण ले सकें, लेकिन पानीपत में आज भी ऐसी तस्वीरें देखने को आम मिल जाती है जिसमें बेघर लोग ठंड में खुले आसमां के नीचे ठिठुरते सड़क किनारे सोये रहते हैं. हर नागरिक को सुरक्षा और सुविधा प्रदान करने का दावा करने वाली सरकार और प्रशासन दावे फेल नजर आते हैं.

ये भी जाने- परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा से मिला तालमेल कमेटी का प्रतिनिधिमंडल, सौंपा 26 सूत्रीय मांग पत्र

Intro:




एंकर -- पानीपत के फुटपाथ पर वैसे तो सेकड़ो लोग लावारिसों की तरह जिंदगी जी रहे हे ,वंही एक मजबूर पिता भी आपने दो मासूम बेटो व् एक मासूम बेटी के साथ सर्दी में रात काटने को है मजबूर ,रैनबसेरा न होने के चलते फ्लाईओवर के निचे पिलर के सहारे रात काटते हे पिता व् बच्चे , समाजसेवी सविता आर्य ने उन्हें देखा और बच्चो को सर्दी से बचने के लिए दिया गर्म कंबल ,कोई अनहोनी इसके लिए पिता बच्चो को सुलाकर रातभर जागकर काटता हे रात और दिनभर करता हे मजदूरी।


Body:वीओ -- पानीपत शहर की अगर बात की जाए तो यहां पर छोटी बच्चियों के साथ छेड़छाड़ उनके साथ घिनौने कृत्य को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है यही कारण है छोटी छोटी बच्चों के साथ बड़ी-बड़ी दरिंदगी देखने को मिलीl आज रात सुरक्षा के मुद्दे पर पानीपत के हालात जानने के लिए निकले तो हमने देखा कि गोहाना पुल के पास एक परिवार जिसमें पिता दिनेश यादव और उनके तीन बच्चे भयंकर सर्दी में पुल के पिलर के नीचे अपना समय काटते नजर आये , वहीं समाजसेवीका सविता आर्य ने उस परिवार के लालन पोषण के लिए उसकी मदद की ,हमने जब परिवार के बारे में जानना चाहा तो हमें पता लगा कि यह परिवार बिहार से आकर जहां पर मजदूरी करता है और इस परिवार का मुखिया उनका पिता मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है जिसके बाद इस पुल के नीचे वह अपनी रात गुजारते हैं पिछले 3 महीने से उनकी यही दिनचर्या है

वीओ -- लेकिन जिस तरीके की घटनाएं हो रही है उसको लेकर यह प्रश्न भी खड़ा होता है कि आखिर प्रशासन इतना सजग क्यों नहीं , उसको यह परिवार क्यों नहीं दिखाई देता जो परिवार पिछले 3 महीने से पुल के नीचे अपना बसेरा कर रहा है ,ना ही उनके पास कपड़े हैं और सबसे बड़ी बात उस परिवार का मुखिया जिस तरीके की सर्दियों के दिन है और धुंध होने के कारण सारी रात उनका पहरा देकर अपने बच्चों की हिफाजत करता है, और दिन अपने काम पर चला जाता है और बच्चों को राम भरोसे छोड़ जाता है अगर यहां पर कोई अनहोनी होती है तो पहले प्रश्न यही उठा रहा है इसका जिम्मेदार कौन होगा। क्योंकि दोनों तरफ हाईवे हमेशा चलता है पुल के नीचे किसी भी तरीके की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है और जिस तरीके से छोटे-छोटे बच्चे बिना किसी सहारे के वहां पर रह रहे हैं कहीं ना कहीं चिंता का विषय है आखिर प्रशासन के बड़े-बड़े दावे फेल नजर आते है लेकिन यह परिवार प्रशासन को बौना साबित करता हुआ नजर आता हे , क्या इन बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं या प्रशासन किसी अनहोनी घटना की और निहार रहा है फिर इस परिवार की और इन बच्चों की कौन सुध लेगा यह सबसे बड़ा प्रश्न है.

Conclusion:बाईट -- दिनेश कुमार ,मजबूर पिता

बाईट --स्वेता आर्य , समाजसेविका
Last Updated : Dec 19, 2019, 10:15 AM IST
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