पानीपत: लगातार गिरते पारे के बीच जहां शहर की फिजा में ठंडी बढ़ गई है, वहीं सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे फुटपाथों पर रात बिताने वाले बेघर लोग जैसे तैसे अपनी रातें गुजार रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम रात को शहर के दौरे के लिए निकली. शहर की सर्द रात में ठंडी हवाएं हाड़ कंपा रही थीं. शहर में इस सर्द रात में हमने कुछ लोगों को देखा जो हैरान कर देने वाला था.
हमारी टीम ने देखा कि गोहाना पुल के नीचे एक परिवार रहता है. जिसमें दिनेश यादव नाम का शख्स अपने तीन बच्चे भयंकर सर्दी में पुल के पिलर के नीचे अपना समय काटते नजर आये. हमने जब परिवार के बारे में जानना चाहा तो हमें पता चला कि ये परिवार बिहार से आकर मजदूरी करता है. इस परिवार का मुखिया उनका पिता मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है. जिसके बाद इस पुल के नीचे वह अपनी रात गुजारते हैं पिछले 3 महीने से उनकी यही दिनचर्या है.
3 महीने से पुल के नीचे रह रहा है परिवार
पिछले 3 महीने से ये परिवार पुल के नीचे अपना बसेरा कर रहा है. उनके पास पहनने के लिए गरम कपड़े भी नहीं हैं. परिवार का मुखिया धुंध होने की वजह से सारी रात पहरा देकर अपने बच्चों की हिफाजत करता है और दिन होने पर अपने काम पर जाता है. दोनों तरफ हाईवे हमेशा चलता है पुल के नीचे किसी भी तरीके की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है.
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रैन बसेरे हैं तो बेसहारे सड़क पर क्यों ?
इस कड़ाके की ठंड में पूरे देश में रैन बसेरों को सुचारू रूप से चलाने के आदेश दिए गए हैं ताकि गरीब और बेसहारा लोग उसमें शरण ले सकें, लेकिन पानीपत में आज भी ऐसी तस्वीरें देखने को आम मिल जाती है जिसमें बेघर लोग ठंड में खुले आसमां के नीचे ठिठुरते सड़क किनारे सोये रहते हैं. हर नागरिक को सुरक्षा और सुविधा प्रदान करने का दावा करने वाली सरकार और प्रशासन दावे फेल नजर आते हैं.
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