पानीपत की एकता विहार कॉलोनी का सरकारी स्कूल इन दिनों बदहाली पर आंसू बहा रहा है. ये सरकारी स्कूल साल 1998 से मंदिर में चल रहा है. जहां स्कूल के नाम पर एक बड़ा सा हॉल है. इस हॉल में तीन क्लासें चलती हैं. इस स्कूल में एक ही टॉयलेट है. लड़के, लड़कियां, टीचर और मंदिर के पुजारी सब इसी का इस्तेमाल करते हैं. इस टॉयलेट का दरवाजा भी टूटा हुआ है. जिससे छात्रों और टीचर्स को काफी परेशानी होती है.
ये स्कूल पांचवीं क्लास तक है. आसपास कोई दूसरा स्कूल भी नहीं है. यहां पांच अध्यापक है और 350 से ज्यादा बच्चे हैं. अधापकों ने बताया कि बच्चे धूप में बैठने को मजबूर हैं. बारिश के दिनों में तो स्कूल की छुट्टी करनी पड़ जाती है. मंदिर की वजह से कई बार यहां बारात रुकती है, तो कभी पूजा अर्चना होती है. जिस वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है. शोर ज्यादा होने की वजह से टीचर्स को भी बच्चों का पढ़ाने में काफी परेशानी होती है.
जब बच्चे ज्यादा हो जाते हैं तो उन्हें स्कूल की छत पर बैठाकर पढ़ाना पड़ता है. जब वहां धूप आ जाती है तो उन्हें छाया में लेकर जाना पड़ता है. पूरा दिन इसी प्रक्रिया में बीत जाता है. कई बार इसको लेकर शिकायत उच्च अधिकारियों तक की गई, लेकिन स्थिति जस की तस है. ना तो स्कूल में पढ़ाई का माहौल है और ना ही कोई सुविधा. अध्यापकों ने सरकार और प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि उन्हें स्कूल की नई बिल्डिंग उपलब्ध करवाई जाए, ताकि वो बिना किसी बाधा के बच्चों के भविष्य को संवार सकें.
बता दें कि 1998 से अब तक प्रदेश में 5 बार मुख्यमंत्री बदल चुके हैं. हर बार चुनाव में स्कूल का मुद्दा जरूर उठता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस स्कूल की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता. प्रदेश के शिक्षा मंत्री दावा करते हैं कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों की स्थिति दिल्ली से काफी अच्छी है. उनके दावे आप तस्वीरों में देख सकते हैं.