पानीपत: आपने लठ और कोड़े मार जैसी कई तरह की होली के बारे में सुना होगा, आज हम आपको पानीपत की मशहूर होली के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे डांट मार होली कहते हैं. ये डांट होली सालों से पानीपत के डाहर गांव में खेली जाती है.
कैसे खेली जाती है डांट होली ?
इस दौरान सारे गांव के पुरुष गली में इकट्ठा होते हैं और दो भागों में बढ़ जाता हैं. दो भागों में बंट जाने के बाद दोनों एक दूसरे को क्रॉस करते हुए निकलते हैं. इस दौरान महिलाएं ऊपर से रंग बरसाती हैं.
1288 ई. से चल रही है परंपरा
डाहर गांव में यह परंपरा 1288 ई. से चलती आ रही है. अंग्रेजों की ओर से गांव पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी गांव के लोग ये होली खेलते रहे. होली में 36 बिरादरी के लोग इकट्ठा होते हैं और भाईचारे की मिसाल इस गांव में आकर कायम होती है.
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डांट होली की खास बात ये है कि बुजुर्ग से लेकर जवान और बच्चे तक हर कोई इस होली में हिस्सा लेते हैं. इतने लोगों के एक साथ होली खेलने के बाद भी आजतक इस गांव से लड़ाई झगड़े की खबर सामने नहीं आई है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर गांव में किसी की मौत हो जाती है तो भी इस परंपरा को छोड़ा नहीं जाता है. जिस घर में मौत होती है उनके परिजन ही गांव के गणमान्य लोगों को बुला कर रंग लगा कर डांट होली मनाने के लिए कहते हैं.