पानीपत: साइबर अपराध पुलिस थाना पानीपत की टीम ने न्यूड वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देकर रिटायर्ड कानूनगो से साढ़े 22 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान नरेंद्र उर्फ नंदू, जुबैर और प्रवीन उर्फ मोनू के रूप में हुई है. एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस थाना पानीपत की टीम ने गत दिनों गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों मंजीत निवासी ठोठी व भूपेंद्र निवासी बलोदा झूंझनू राजस्थान को गिरफ्तार किया था.
जानकारी के अनुसार पूछताछ में आरोपियों ने गिरोह के मास्टर माइंड राशिद निवासी सिरसबास नूंह व अपने उक्त तीनों साथी आरोपियों के साथ मिलकर पानीपत में साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया था. आरोपी मंजीत व भूपेंद्र के कब्जे से साढ़े 17 हजार रुपये व वारदात में प्रयुक्त एक सिम कार्ड बरामद किया था. पुलिस रिमांड अवधी पूरी होने पर पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.
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इसके बाद गिरोह के अन्य आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे. इस संबंध में इसराना क्षेत्र निवासी रिटायर्ड कानूनगो की शिकायत पर मुकदमा दर्ज है. थाना साइबर क्राइम में पीड़ित ने शिकायत देकर बताया था कि वह कानूनगो के पद से रिटायर्ड है. 25 फरवरी को उसके वॉट्सअप नंबर पर एक अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आई थी. उसने कॉल रिसीव की तो सामने एक लड़की की न्यूड वीडियो चल रही थी. उसने तुरंत कॉल को कट कर दिया.
इसके दो दिन बाद एक अज्ञात नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाला युवक अपने आप को सीबीआई का इंस्पेक्टर बताते हुए कहने लगा कि आपकी हमारे पास एक लड़की के साथ गलत फोटो है. लड़की आपके खिलाफ शिकायत कर रही है. हमने आप का सारा रिकार्ड जांच कर लिया है, आप एक शरीफ आदमी हो. आपको यू ट्यूब वालो का नंबर दे रहा हूं. कॉल कर अपनी वीडियो यूट्यूब से हटवा लें.
उसने उक्त मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो यूट्यूब के कर्मचारी बनकर बात कर रहे युवक ने फोटो वीडियो हटाने की एवज में एक लाख एक हजार रुपये जमा करवाने को कहा. इस पर रिटायर्ड कर्मचारी ने भेजे गए बैंक अकाउंट नंबर पर राशि ट्रांसफर करवा दी. आरोपी इसके बाद अन्य नंबर से फोन कर कहने लगे कि अन्य साइट पर भी वीडियो फोटो अपलोड हैं और उन्हें हटाने के लिए भी पैसों की डिमांड करने लगे.
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आरोपियों ने इस प्रकार न्यूड वीडियो हटाने का झांसा देकर 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच रिटायर्ड कर्मचारी से 22 लाख 54 हजार 48 रुपये अलग अलग बैंक खातों में जमा करवा लिए थे. इस पर पैसों की डिमांड बढ़ने पर पीड़ित ने इस मामले की शिकायत की. जिस पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी. एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया कि थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने वारदात में शामिल तीन अन्य आरोपी नरेंद्र, जुबैर और प्रवीन उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया है.
तीनों आरोपियों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई तो खुलासा हुआ कि गिरोह में आरोपी जुबैर पर बैंक खाते उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी थी. आरोपी जुबैर साथी आरोपी प्रवीन व नरेंद्र से खातों की पूरी किट जिसमें (एटीएम कार्ड, पेटीएम) इत्यादि लेकर साथी आरोपी राशिद को देता था. आरोपी जुबैर इसकी एवज में गिरोह के सरगना राशिद से मोटा पैसे लेता था. आरोपी राशिद उगाही की गई रकम जमा करवाकर उन्हें निकलवाने के साथ ही अन्य खातों में ट्रांसफर करता था.
एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया कि पुलिस टीम ने आरोपियों के दो खातों को फ्रीज भी करा दिया है. जिसमें 84-84 हजार रुपये हैं. पुलिस टीम ने तीनों आरोपियों के कब्जे से 16 हजार 300 रुपये बरामद किए हैं. मंगलवार को तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. गिरोह का सरगना राशिद अभी फरार चल रहा है, जिसकी तलाश की जा रही है.