पानीपत: पानीपत के गांव दीवाना का उन्नत किसान जोगिंदर भोकर फसल विविधीकरण एक साथ खेत में तीन फसलें उगा रहा है जोगिंदर ने खेत में गन्ने की फसल के साथ-साथ होगी और धनिया की सब्जी उगाई है जो उसे डबल मुनाफा दे रही है. पहले शुरू शुरू में तो दूसरे किसान जोगिंदर का मजाक उड़ाते थे, लेकिन अब जोगिंदर से ही टिप्स लेने के लिए उसके खेतों में आते हैं.
ट्रेंच विधि से खेती करतें हैं प्रगतिशील किसान जोगिंदर: किसान जोगिंदर ने बताया कि वह ट्रेंच विधि से खेती करते हैं. जोगिंदर कहते हैं कि वह एक साथ खेत में तीन फसलों को उगाते हैं, जिससे खर्च भी कम आता है और मुनाफा भी अधिक होता है. 2 साल पहले जोगिंदर ने गन्ने की फसल के साथ-साथ गोभी और धनिया की सब्जी उगाना शुरू किया था. इस दौरान पड़ोसी किसानों ने जोगिंदर का मजाक उड़ाया कि यह नए तरीके से खेती कर कर कृषि वैज्ञानिक बनने की सोच रहा है और इससे गन्ने की उगाई हुई फसल को भी बर्बाद कर लेगा. साथ ही साथ वह परंपरागत खेती से भी अपना हाथ धो बैठेगा.
जोगिंदर कहते हैं कि लोगों के ताने उनके ऊपर कोई असर नहीं पड़ा और वह अपने इस विधि को जारी रखते हुए खेती करते गये. एक दो बार तो असफलता हाथ लगी, लेकिन बार-बार प्रयासों करने से आज उनकी गिनती एक प्रगतिशील किसान में होने लगी है. आज तंज कसने वाले किसान आज जोगिंदर से टिप्स लेने के लिए आते हैं.
एक साथ तीन फसलों की खेती से प्रति एकड़ ढाई लाख रुपए का मुनाफा: जोगिंदर को एक साथ तीन फसलों की खेती से प्रति एकड़ ढाई लाख रुपए का मुनाफा हो रहा है. खेत से ही दिल्ली आजादपुर मंडी के आढ़ती गाड़ी भेज कर उसकी धनिया गोभी की सब्जी मंगवा लेते हैं. कृषि विविधीकरण से जोगिंदर मौसमी सब्जियां भी उगाते हैं. जोगिंदर ने बताया कि वह लगभग इस विधि से 20 एकड़ में कृषि करते हैं. जोगिंदर 50 हजार रुपए प्रति एकड़ बटाई पर लेकर 60 एकड़ में खेती करते हैं.
ये हैं 5 फीट पर गन्ने की बिजाई के लाभ: जोगिंदर ने बताया कि खेती करना कोई घाटे का सौदा नहीं है, बस इसमें मेहनत और सही तरीके की जरूरत पड़ती है. जोगिंदर सोनीपत के भटगांव में जाकर गन्ने की खेती करने का यह तरीका सीख कर आए थे. ज्यादातर किसान ढाई फीट पर गन्ने की बिजाई करते हैं, जबकि जोगिंदर 5 फीट पर गन्ने की बिजाई करते हैं. इस विधि द्वारा जब उसने गन्ना लगाया तो दूसरे किसानों ने उसे गलत भी ठहराया. ज्यादा दूरी होने पर गन्ने का फुटाव भी ज्यादा हुआ और उसमें प्रति एकड़ 450 से लेकर 500 क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ. जोगिंदर के अनुसार गन्ने के साथ-साथ दूसरी सब्जियां लगाने का एक लाभ और भी मिलता है जो सब्जियों पर खाद दवाइयां छिड़की जाती हैं उससे गन्ने को भी फायदा मिलता है. यानी कि एक पंथ दो काज हो जाता है.
इस विधि से एक फसल की लागत से दो अन्य फसलों से लाभ: जोगिंदर के अनुसार क्षेत्र में कई किसानों ने गन्ने के खेतों में खीरा, घीया की सब्जी लगा रखी है. बेलदार सब्जी से गन्ने का विकास रुक जाता है. इसलिए उसने अपने खेतों में बेलदार सब्जी ना लगाकर गोभी और धनिया की खेती की, जिससे गन्ने के पौधों को भी नुकसान नहीं हुआ. इसके साथ ही तीनों फसलें एक ही खाद दवाई में अच्छी पैदावार के साथ हुई. यानी कि तीनों फसलों में से गोभी की फसल से तीनों फसलों की लागत पूरी हो गई और दो फसलें बचत में आ गई.
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