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पानीपत निगम : अधिकारियों और नेताओं पर लगे मिलीभगत कर भ्रष्टाचार के आरोप

एक बार फिर नगर निगम पानीपत भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियों में है. इस बार आरोप निगम के अधिकारियों कमिश्नर और नेताओं पर लगे हैं.

सरदार भूपेंद्र सिंह, पूर्व मेयर.
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Published : Jun 4, 2019, 6:29 PM IST

पानीपत: पूर्व मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह ने एक प्रेस वार्ता में 2 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क के निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और जिनके तथ्य और सबूत पत्रकारों के सम्मुख रखे. सरदार भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 2 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क के ऑनलाइन टेंडर को लेकर जालसाजी के आरोप लगे हैं.

सरदार भूपेंदर सिंह ने बताया कि 23 तारीख को ऑनलाइन टेंडर मंगाया गया और 23 को ही 5:00 बजे उस टेंडर को बंद कर दिया गया, जब दूसरे ठेकेदारों ने ऑनलाइन टेंडर भरने की प्रक्रिया आरंभ की तो उसी तारीख में ऑनलाइन टेंडर बंद हो चुका था. जबकि 15 दिन का समय निश्चित होता है.

क्लिक कर सुनें पूर्व मेयर का बयान.

भूपेंदर सिंह ने बताया कि शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी जिसके मालिक विवेक हैं. उन्होंने बताया कि उनके समय भी इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए एडीसी को पत्र लिखा था लेकिन उस समय यह किसी तरह से ब्लैक लिस्ट नहीं हुई. जिससे हम मांग कर रहे हैं कि इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए.

सरदार भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले में डीसी रेट पर लगे कर्मचारियों पर गाज गिर रही है और अगर उन पर गाज गिरती है तो हम किसी भी अधिकारी को नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने मांग की कि मेयर को पावर दी जाए और अधिकारियों की ACR लिखने की पावर दी जाए .

पानीपत: पूर्व मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह ने एक प्रेस वार्ता में 2 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क के निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और जिनके तथ्य और सबूत पत्रकारों के सम्मुख रखे. सरदार भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 2 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क के ऑनलाइन टेंडर को लेकर जालसाजी के आरोप लगे हैं.

सरदार भूपेंदर सिंह ने बताया कि 23 तारीख को ऑनलाइन टेंडर मंगाया गया और 23 को ही 5:00 बजे उस टेंडर को बंद कर दिया गया, जब दूसरे ठेकेदारों ने ऑनलाइन टेंडर भरने की प्रक्रिया आरंभ की तो उसी तारीख में ऑनलाइन टेंडर बंद हो चुका था. जबकि 15 दिन का समय निश्चित होता है.

क्लिक कर सुनें पूर्व मेयर का बयान.

भूपेंदर सिंह ने बताया कि शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी जिसके मालिक विवेक हैं. उन्होंने बताया कि उनके समय भी इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए एडीसी को पत्र लिखा था लेकिन उस समय यह किसी तरह से ब्लैक लिस्ट नहीं हुई. जिससे हम मांग कर रहे हैं कि इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए.

सरदार भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले में डीसी रेट पर लगे कर्मचारियों पर गाज गिर रही है और अगर उन पर गाज गिरती है तो हम किसी भी अधिकारी को नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने मांग की कि मेयर को पावर दी जाए और अधिकारियों की ACR लिखने की पावर दी जाए .

Intro:एंकर ---एक बार फिर नगर निगम पानीपत भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियों में आ चुका है इस बार आरोप निगम के अधिकारियों कमिश्नर व नेताओं पर लगे हैं पूर्व मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह ने एक प्रेस वार्ता में 2 करोड रुपए की लागत से बनने वाली सड़क का निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और जिनके तथ्य और सबूत पत्रकारों के सम्मुख रखें सरदार भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 2 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क का ऑनलाइन टेंडर को लेकर जालसाजी सामने आई है।

Body:वीओ --- सरदार भूपेंदर सिंह ने बताया कि 23 तारीख को ऑनलाइन टेंडर मंगाया गया और 23 को ही 5:00 बजे उस टेंडर को बंद कर दिया गया जब दूसरे ठेकेदारों ने ऑनलाइन टेंडर भरने की प्रक्रिया आरंभ की तो उसी तारीख में ऑनलाइन टेंडर बंद हो चुका था जबकि 15 दिन का समय निश्चित होता है। किसी टेंडर को भरने का और इस टेंडर 60 ललाख अधिक बिलिंग करने का आरोप लगाया जा रहा है उन्होंने कहा कि शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी जिसके मालिक विवेक बता रहे हैं मेरे समय भी इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए एडीसी को पत्र लिखा था लेकिन उस समय यह किसी तरह से ब्लैक लिस्ट नहीं हुई। जिससे हम मांग कर रहे हैं कि इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए जब इसकी शिकायत हमने कमिश्नर मैडम को कि उन्होंने तुरंत प्रभाव से वर्क आर्डर को रोक दिया गया लेकिन बात यह है कि बिना अधिकारियों और नेताओं के मेम लाभ के लिए टेंडर ऑनलाइन कैसे 1 दिन में बंद कर दिया गया उन्होंने कहा कि अब हर हफ्ते जिस भी नेता की मिलीभगत से ऐसे भ्रष्टाचार पानीपत निगम में हो रहा है उसका खुलासा करेंगे उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री और सांसद ईमानदार है लेकिन विधायकों पर चुप हो गए उनका साफ इशारा विधायक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने का है सरदार भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले में डीसी रेट पर लगे कर्मचारियों पर गाज गिर रही है और अगर उन पर गाज गिरती है तो हम किसी भी अधिकारी को नहीं छोड़ेंगे उन्होंने मांग की कि मेयर को पावर दी जाए और अधिकारियों की एशियार लिखने की पावर दी जाए .


Conclusion:बाइट -सरदार भूपेंदर सिंह -पूर्व मेयर नगर निगम

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