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पुलवामा हमले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से मोदी सरकार का इंकार, RTI में बड़ा खुलासा

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Published : Feb 14, 2020, 6:27 PM IST

Updated : Feb 14, 2020, 7:15 PM IST

आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने बताया कि उन्होंने पुलवामा अटैक से संबंधित दो अलग-अलग आरटीआई केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत सीआरपीएफ के महानिदेशक को भेजकर कुल पांच बिंदुओं की सूचना मांगी थी, लेकिन RTI का जवाब देने से इंकार कर दिया गया

report of pulwama attack case
पुलवामा कांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से मोदी सरकार का इंकार

पानपीत: आरटीआई कार्यकर्त्ता पीपी कपूर ने एक और बड़ा खुलासा किया है. पिछले साल पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवानों अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था, लेकिन भारत सरकार अब शहीदों के नाम बताने को तैयार नहीं है और ना ही ये बताने को तैयार है कि भारत सरकार ने इन्हें शहीद माना भी या नहीं ?

इतना ही नहीं पुलवामा अकैट की जांच रिपोर्ट भी भारत सरकार ने सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया है. ये खुलासा हुआ है गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए आरटीआई के जवाब में. आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने बताया कि उन्होंने पुलवामा अटैक से संबंधित दो अलग-अलग आरटीआई केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत सीआरपीएफ के महानिदेशक को भेजकर कुल पांच बिंदुओं की सूचना मांगी थी.

पुलवामा कांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से मोदी सरकार का इंकार

RTI का ये दिया गया जवाब

सीआरपीएफ महानिदेशालय के डीआईजी (प्रशासन) और जन सूचना अधिकारी राकेश सेठी ने अपने जनवरी 2020 के जवाब में मांगी गई सूचना देने से इंकार कर दिया. सूचना सार्वजनिक ना करने के पीछे कारण बताया गया कि आरटीआई एक्ट-2005 के अध्याय-6 के पैरा-24(1) के प्रावधानों अनुसार सीआरपीएफ को भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार की सूचना देने से मुक्त रखा गया है.

ये भी पढ़िए: शहीदों के परिवार के लिए BSF की पहल, सूरजकुंड मेले में स्टॉल लगाकर बना रहे आत्मनिर्भर

पीपी कपूर ने कहा कि सरकार अपनी विफलता को छुपाने के लिए जान बूझकर सूचना सार्वजनिक नहीं कर रही है. एक ओर भारत के 40 से ज्यादा जवान देश की रक्षा के लिए बलिदान देते हैं, लेकिन सरकार उनके नाम तक बताने को तैयार नहीं है.

पीपी कूपर ने लगाए गंभीर आरोप

कपूर ने कहा कि पुलवामा कांड भ्रष्टाचार और सीआरपीएफ जवानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का सीधा मामला है, इसलिए मांगी गई सूचना से इंकार नहीं किया जा सकता. सूचना नहीं देने के पीछे कारण शायद शहीद जवानों की संख्या कहीं ज्यादा होना भी हो सकता है.

ये सूचना RTI के जरिए मांगी गई थी

1. पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के सभी जवानों के नाम, पदनाम की सूची

2. इन शहीदों के परिजनों को भारत सरकार द्वारा दी गई समस्त आर्थिक सहायता का ब्यौरा

3. पुलवामा आतंकी हमले की जांच रिपोर्ट की कॉपी

4. जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों की सूची

5. पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों को भारत सरकार शहीद मानती है या नहीं?

पानपीत: आरटीआई कार्यकर्त्ता पीपी कपूर ने एक और बड़ा खुलासा किया है. पिछले साल पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवानों अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था, लेकिन भारत सरकार अब शहीदों के नाम बताने को तैयार नहीं है और ना ही ये बताने को तैयार है कि भारत सरकार ने इन्हें शहीद माना भी या नहीं ?

इतना ही नहीं पुलवामा अकैट की जांच रिपोर्ट भी भारत सरकार ने सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया है. ये खुलासा हुआ है गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए आरटीआई के जवाब में. आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने बताया कि उन्होंने पुलवामा अटैक से संबंधित दो अलग-अलग आरटीआई केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत सीआरपीएफ के महानिदेशक को भेजकर कुल पांच बिंदुओं की सूचना मांगी थी.

पुलवामा कांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से मोदी सरकार का इंकार

RTI का ये दिया गया जवाब

सीआरपीएफ महानिदेशालय के डीआईजी (प्रशासन) और जन सूचना अधिकारी राकेश सेठी ने अपने जनवरी 2020 के जवाब में मांगी गई सूचना देने से इंकार कर दिया. सूचना सार्वजनिक ना करने के पीछे कारण बताया गया कि आरटीआई एक्ट-2005 के अध्याय-6 के पैरा-24(1) के प्रावधानों अनुसार सीआरपीएफ को भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार की सूचना देने से मुक्त रखा गया है.

ये भी पढ़िए: शहीदों के परिवार के लिए BSF की पहल, सूरजकुंड मेले में स्टॉल लगाकर बना रहे आत्मनिर्भर

पीपी कपूर ने कहा कि सरकार अपनी विफलता को छुपाने के लिए जान बूझकर सूचना सार्वजनिक नहीं कर रही है. एक ओर भारत के 40 से ज्यादा जवान देश की रक्षा के लिए बलिदान देते हैं, लेकिन सरकार उनके नाम तक बताने को तैयार नहीं है.

पीपी कूपर ने लगाए गंभीर आरोप

कपूर ने कहा कि पुलवामा कांड भ्रष्टाचार और सीआरपीएफ जवानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का सीधा मामला है, इसलिए मांगी गई सूचना से इंकार नहीं किया जा सकता. सूचना नहीं देने के पीछे कारण शायद शहीद जवानों की संख्या कहीं ज्यादा होना भी हो सकता है.

ये सूचना RTI के जरिए मांगी गई थी

1. पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के सभी जवानों के नाम, पदनाम की सूची

2. इन शहीदों के परिजनों को भारत सरकार द्वारा दी गई समस्त आर्थिक सहायता का ब्यौरा

3. पुलवामा आतंकी हमले की जांच रिपोर्ट की कॉपी

4. जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों की सूची

5. पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों को भारत सरकार शहीद मानती है या नहीं?

Last Updated : Feb 14, 2020, 7:15 PM IST
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