पंचकूला: एफआईआर नंबर-345 में गुरमीत राम रहीम को आरोपी बनाए जाने को लेकर खट्टा सिंह द्वारा लगाई गई याचिका पर आज सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका पर आज स्टेट ऑफ हरियाणा ने अपना रिप्लाई फाइल किया.
सरकार राम रहीम को बचाना चाहती है- वकील
खट्टा सिंह के वकील महेंद्र सिंह जोशी ने बताया कि स्टेट ऑफ हरियाणा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि खट्टा सिंह द्वारा लगाई गई याचिका का एफआईआर नंबर-345 में कोई औचित्य नहीं बनता. वकील महेंद्र सिंह जोशी ने कहा कि स्टेट ऑफ हरियाणा के इस रिप्लाई से प्रतीत होता है कि सरकार गुरमीत राम रहीम को बचाना चाहती है.
खट्टा सिंह के वकील की दलील
खट्टा सिंह के वकील ने कहा कि एफआईआर नंबर-345 में दिखाए गए सबूतों के अलावा और भी कई सबूत हैं, जो कि राम रहीम को एफआईआर नंबर 345 में आरोपी सिद्ध करते हैं. वकील महेंद्र सिंह जोशी ने बताया कि सुनवाई में उन्होंने आईपीएस के.के राव को कोर्ट में पेश किए जाने की मांग की है.
उन्होंने बताया कि 25 अगस्त 2017 को जब राम रहीम को दोषी ठहराया गया था, तब आईपीएस के.के राव कोर्ट में ही मौजूद थे जिन्होंने दो चीजों को महसूस किया था. उस बारे में मीडिया को बयान भी दिया था. उन्होंने मीडिया को बताया था कि जिस समय आरोपी राम रहीम को दोषी ठहराया गया था उस समय गुरमीत राम रहीम ने एक लाल रंग का बैग मंगवाया था, जिसका ये संकेत था कि सजा हो गई है और अब पंचकूला में दंगे किया जाए.
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वहीं दूसरी बात आईपीएस के.के राव ने मीडिया को ये बताई थी कि राम रहीम को ऊपर से सीढ़ियों के माध्यम से जब नीचे ले जाया जा रहा था, तो उस दौरान राम रहीम बार-बार सीढ़ियों में रुक रहा था. राम रहीम समय बर्बाद कर रहा था, जिसका ये संकेत था कि राम रहीम को भगाकर ले जाना है, इसके लिए उसके साथी तैयार हो जाएं.
20 मार्च को होगी अगली सुनवाई
बहरहाल, इस मामले में अब अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी और 20 मार्च को एफआईआर नंबर-345 के साथ-साथ खट्टा की याचिका पर सुनवाई होगी. 20 मार्च को ही याचिका पर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.