पंचकूला: गुजरात के नए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गुरुवार शाम पिंजौर के अमरावती एनक्लेव में आयोजित एक स्वागत समारोह में पहुंचे. इस मौके पर अपने संबोधन में आचार्य देवव्रत ने कहा कि मुझे बताया गया कि राजभवनों के दरवाजे अक्सर आम जनता के लिए बंद होते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने हिमाचल प्रदेश राजभवन के द्वार आम जनता के लिए खोले और जन मानस के लिए अपने कार्यालय में बैठता था.
ये भी पढ़ें- हिसारः बिजली निगम ने उपभोक्ताओं को दिया झटका, चुपके से बढ़ा दिए चार्ज
आचार्य देवव्रत ने कहा कि पीएम मोदी ने हरियाणा की धरती से 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' आंदोलन शुरू किया था और इसी आंदोलन की शुरुआत उन्होंने हिमाचल प्रदेश में की थी और वहां बेटियों का अनुपात बड़ा संतोषजनक रहा है. आचार्य देवव्रत ने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत हमने एक योजना बनाई, जिसमें कालका से शिमला तक जाने वाले रेलवे ट्रैक की सफाई वहां के लोगों के सहयोग से 2 घंटे में ही कर ली गई जो की 90 किलोमीटर का ट्रैक था और जिसके लिए 3 घंटे का समय निर्धारित किया गया था.
ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव में मेरी और खट्टर की सीधी लड़ाई: राजकुमार सैनी
उन्होंने कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश में छुआ-छूत को मिटाने की दृष्टि से मजबूती के साथ काम किया. साथ ही वहां पर जल संरक्षण के लिए चैक डैम बनाकर पानी को रोका, इसके अलावा जीरो बजट प्राकृतिक खेती की शुरुआत करवाई, जिसके फलस्वरुप 10 हजार किसानों ने अपने उत्पाद बाजार में बेच दिए. बता दें कि चार्य देवव्रत का स्वागत कालका विधायक लतिका शर्मा, भाजपा नेता कुलभूषण गोयल, पंचकूला के विधायक ज्ञान चंद गुप्ता सहित अन्य ने किया.