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हिसार में बारिश ने तोड़ा 35 साल का रिकॉर्ड, 50 से अधिक गांवों में ओलावृष्टि - RAIN BREAKS RECORDS IN HARYANA

हिसार में बारिश ने 35 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. यहां 50 से अधिक गांवों में ओलावृष्टि हुई है.

Rain breaks records in Haryana
हरियाणा में बारिश के साथ ओलावृष्टि (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 14 hours ago

Updated : 12 hours ago

हिसार: हिसार में बारिश ने पैतीस सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है. हिसार के पचास से अधिक गांवों में ओलावृष्टि किसानों के लिए आफत बन कर आई है. ओलावृष्टि होने के कई फसलों जैसे सब्जियों को खासा नुकसान पहुंचा है.इस बीच हिसार शहर में बिजली का करंट लगने से एक युवक सुनील की मौत हो गई है. आदमपुर विधायक चंद्र प्रकाश ने ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग की है. इस बारे में कृषि विभाग के उपनिदेशक राजबीर ने कहा कि कुछ गांवों में ओले गिरने की जानकारी मिली है. खंड अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी. अधिकारियों को फिल्ड में जाकर जानकारी लेने के आदेश दिए गए हैं.

35 सालों का टूटा रिकॉर्ड: बात अगर हिसार की करें तो यहां दिसंबर में पैतीस साल बाद रिकार्ड तोड बारिश हुई है. चौबीस घंटे में बारह से तेरह एमएम बारिश रिकार्ड दर्ज की गई है. आदमपुर हांसी, हिसार के आपपास के पचास गांवों में तेज बारिश के साथ ओलाष्टि हुई है. बारिश के कारण शहर की कॉलोनियो में पानी भर गया है. ओलावृष्टि से आलू मैथी, कद्दू और टमाटर की फसले नष्ट हुई है. इससे किसान मायूस हैं. भारतीय किसान यूनियन के टिकैट से नेता कुलदीप ने मांग की है कि ओलावृष्टि से जो फसलें खराब हुई है, उनकी गिरादवरी करवा कर किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए. पहले ही किसानो की हालत दयनीय है. ऐसे में किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए.

हिसार में रिकॉर्ड तोड़ बारिश (ETV Bharat)

करंट लगने से एक की मौत: इस बीच बिजली कट जाने के कारण सेक्टर 14 निवासी सुनील लाइट का काम कर रहा था. इस दौरान करंट लगने से उसकी मौत हो गई. वहीं, शव को पोस्टमार्टम के लिए हिसार के सामान्य अस्पताल ले जाया गया. हरियाणा में पिछले तीन-चार दिनों से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है. शुक्रवार को भी सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही थी. कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई है.

जानिए क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक: इस बारे में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक मदनलाल खीचड़ ने बताया कि बारिश का सिलसिला शनिवार तक जारी रहेगा. पश्चिमी विक्षोभ की यह सक्रियता पूरे प्रदेश में दर्ज की गई है. रुक-रुक कर हो रही इस बारिश से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. बारिश से गेहूं, सरसों और चना की फसल को लाभ पहुंचेगा. सरसों की फसल को ओलावृष्टि से थोड़ा बहुत नुकसान हो सकता है. उत्तरी हरियाणा में बारिश की अधिकता देखने को मिल सकती है. 29 दिसंबर से सुबह के समय धुंध का असर देखने को मिल सकता है. पहाड़ों की तरफ से हवा चलने की संभावना है, जिसकी वजह से न्यूनतम तापमान में और गिरावट देखी जा सकती है. ऐसे में किसानों को मेरी सलाह है कि लगातार कम तापमान रहने की वजह से फसलों में कीट का प्रकोप हो सकता है, इसलिए समय-समय पर फसलों की निगरानी अवश्य करें.

कृषि वैज्ञानिक ने की खास अपील: वहीं, कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ओमप्रकाश बिश्नोई ने कहा कि इस बारिश से किसानों को काफी लाभ होगा. सबसे ज्यादा लाभ गेहूं की फसल को होगा, क्योंकि गेहूं की फसल के लिए यह बारिश सोने की तरह बरस रही है. किसानों से अपील है कि गेहूं की फसल में किसी प्रकार के रोग से बचने के लिए फसल की खास देखभाल करनी चाहिए. जो चना गेहूं आदि फसल है, उनको इस बारिश से काफी फायदा है. अगर यहां पर कोई ओलावृष्टि ना हो तो यह बारिश गेहूं के लिए बहुत फायदेमंद रहती है. ट्यूबेल नहर के पानी के साथ साथ बारिश का पानी भी फसलों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इस नमी वाले मौसम में गेहूं में पीला रतुवा नाम की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है.

ये भी पढ़ें:जींद में बारिश के साथ पड़े ओले, सफीदों मंडी में भीगा हजारों क्विंटल धान, तापमान में गिरने से ठंड बढ़ी

हिसार: हिसार में बारिश ने पैतीस सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है. हिसार के पचास से अधिक गांवों में ओलावृष्टि किसानों के लिए आफत बन कर आई है. ओलावृष्टि होने के कई फसलों जैसे सब्जियों को खासा नुकसान पहुंचा है.इस बीच हिसार शहर में बिजली का करंट लगने से एक युवक सुनील की मौत हो गई है. आदमपुर विधायक चंद्र प्रकाश ने ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग की है. इस बारे में कृषि विभाग के उपनिदेशक राजबीर ने कहा कि कुछ गांवों में ओले गिरने की जानकारी मिली है. खंड अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी. अधिकारियों को फिल्ड में जाकर जानकारी लेने के आदेश दिए गए हैं.

35 सालों का टूटा रिकॉर्ड: बात अगर हिसार की करें तो यहां दिसंबर में पैतीस साल बाद रिकार्ड तोड बारिश हुई है. चौबीस घंटे में बारह से तेरह एमएम बारिश रिकार्ड दर्ज की गई है. आदमपुर हांसी, हिसार के आपपास के पचास गांवों में तेज बारिश के साथ ओलाष्टि हुई है. बारिश के कारण शहर की कॉलोनियो में पानी भर गया है. ओलावृष्टि से आलू मैथी, कद्दू और टमाटर की फसले नष्ट हुई है. इससे किसान मायूस हैं. भारतीय किसान यूनियन के टिकैट से नेता कुलदीप ने मांग की है कि ओलावृष्टि से जो फसलें खराब हुई है, उनकी गिरादवरी करवा कर किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए. पहले ही किसानो की हालत दयनीय है. ऐसे में किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए.

हिसार में रिकॉर्ड तोड़ बारिश (ETV Bharat)

करंट लगने से एक की मौत: इस बीच बिजली कट जाने के कारण सेक्टर 14 निवासी सुनील लाइट का काम कर रहा था. इस दौरान करंट लगने से उसकी मौत हो गई. वहीं, शव को पोस्टमार्टम के लिए हिसार के सामान्य अस्पताल ले जाया गया. हरियाणा में पिछले तीन-चार दिनों से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है. शुक्रवार को भी सुबह से रुक-रुक कर बारिश हो रही थी. कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई है.

जानिए क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक: इस बारे में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक मदनलाल खीचड़ ने बताया कि बारिश का सिलसिला शनिवार तक जारी रहेगा. पश्चिमी विक्षोभ की यह सक्रियता पूरे प्रदेश में दर्ज की गई है. रुक-रुक कर हो रही इस बारिश से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. बारिश से गेहूं, सरसों और चना की फसल को लाभ पहुंचेगा. सरसों की फसल को ओलावृष्टि से थोड़ा बहुत नुकसान हो सकता है. उत्तरी हरियाणा में बारिश की अधिकता देखने को मिल सकती है. 29 दिसंबर से सुबह के समय धुंध का असर देखने को मिल सकता है. पहाड़ों की तरफ से हवा चलने की संभावना है, जिसकी वजह से न्यूनतम तापमान में और गिरावट देखी जा सकती है. ऐसे में किसानों को मेरी सलाह है कि लगातार कम तापमान रहने की वजह से फसलों में कीट का प्रकोप हो सकता है, इसलिए समय-समय पर फसलों की निगरानी अवश्य करें.

कृषि वैज्ञानिक ने की खास अपील: वहीं, कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ओमप्रकाश बिश्नोई ने कहा कि इस बारिश से किसानों को काफी लाभ होगा. सबसे ज्यादा लाभ गेहूं की फसल को होगा, क्योंकि गेहूं की फसल के लिए यह बारिश सोने की तरह बरस रही है. किसानों से अपील है कि गेहूं की फसल में किसी प्रकार के रोग से बचने के लिए फसल की खास देखभाल करनी चाहिए. जो चना गेहूं आदि फसल है, उनको इस बारिश से काफी फायदा है. अगर यहां पर कोई ओलावृष्टि ना हो तो यह बारिश गेहूं के लिए बहुत फायदेमंद रहती है. ट्यूबेल नहर के पानी के साथ साथ बारिश का पानी भी फसलों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इस नमी वाले मौसम में गेहूं में पीला रतुवा नाम की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है.

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