पलवल: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध (Russia Ukraine war) के दौरान यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए कई भारतीय छात्र वहां फंसे हुए हैं. कुछ छात्रों की वतन वापसी (Indian student airlift) भी हुई है. उनमें हरियाणा के पलवल जिले की छात्रा महिमा चावला भी शामिल है. महिमा के वापस लौटने पर परिवार भी खुश है कि उनकी बेटी युद्ध जैसे हालात में घर वापस सुरक्षित पहुंच गयी. महिमा चावला यूक्रेन की बुकोविनियन यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं. ईटीवी भारत ने महिमा से वहां के हालात और किस तरह वह घर लौटी हैं, इन तमाम मुद्दों पर जानकारी ली.
कीव में हालात बेहद खराब- न्यू कॉलोनी की रहने वाली महिमा चावला जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब से वहीं पर रुकी हुई थी. रूस के हमले जैसे-जैसे यूक्रेन पर बढ़ते जा रहे थे ठीक वैसे ही महिमा चावला और उनके परिवार के दिलों की धड़कन भी बढ़ती जा रही थी क्योंकि यूक्रेन से निकलने का कोई रास्ता उनको नजर नहीं आ रहा था. ऐसे में भारतीय दूतावास की तरफ से उनको अपने स्थानों पर रुके रहने के लिए कहा गया. अपने घर लौटने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए महिमा चावला ने बताया कि यूक्रेन की राजधानी कीव में हालात बेहद खराब हैं.
सड़कों पर जाम, एटीएम के बाहर लगी लंबी लाइन- उन्होंने बताया कि जब वह रोमानिया की तरफ बढ़ रहे थे तो कीव में लोग घरों को छोड़ सड़कों पर बाहर निकल आए थे. चारों तरफ जाम ही जाम लगा हुआ था. उन्होंने बताया कि जैसे ही रूस ने पहला हमला किया उसके बाद से ही लोगों में पैनिक शुरू हो गया. लोगों ने राशन इकट्ठा करना शुरू कर दिया. एटीएम मशीन की लाइनों में घंटों खड़े रहने के बाद वह पैसा निकाल सके. रोमानिया बॉर्डर पर उनको कई घंटे इंतजार करने के बाद प्रवेश मिल सका और उसके बाद वह अपने घर पहुंचे हैं.
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डरे हुए हैं भारतीय छात्र- कुछ दिन पहले तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन अब वहां अफरा-तफरी का माहौल है. बमबारी की वजह से भारतीय छात्र डरे हुए हैं. स्टूडेंट वहां पर बंकरों में रह रहे हैं. कुछ विद्यार्थी पश्चिम बार्डर की ओर जा रहे हैं. कुछ तो बॉर्डर पार कर पोलैंड भी चले गए हैं. ऐसे हालात में भारतीय विद्यार्थी डरे हुए हैं. भारत में रहने वाले उनके माता-पिता भी चिंतित हैं. हालांकि लगातार मोबाइल फोन के माध्यम से संपर्क हो रहा है. इसके बावजूद बहुत ज्यादा डर का माहौल है. यूक्रेन में एटीएम बंद हैं और नकदी निकल नहीं रही है. भारतीय विद्यार्थी भारतीय दूतावास के भी लगातार संपर्क में हैं. दूतावास की ओर से सुरक्षित घर वापसी का भरोसा दिया जा रहा है.
अभी भी बंकरों में रह रहे कई छात्र- उन्होंने कहा कि अभी भी हजारों बच्चे दूसरे बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं जो बंकरों में शरण लिए हुए हैं. उन लोगों के पास ना तो पैसा बचा है ना ही खाद्य सामग्री बची है. वह केंद्र सरकार से चाहती है कि उन बच्चों को भी जल्द से जल्द वहां से निकाला जाए. साथ ही महिमा चावला के माता पिता ने अपनी बेटी के घर पहुंचने पर केंद्र सरकार का धन्यवाद किया है. उनके माता-पिता ने बताया कि जब उनको पता चला कि रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है तब से उनको नींद नहीं आई. वह लगातार अपनी बेटी से बात करते रहे और अपनी बेटी को लेकर वह बहुत चिंतित थे. उनकी बेटी तो घर पहुंच गई है, लेकिन अभी भी बहुत सारे बच्चे वहां पर फंसे हुए हैं और उनके माता-पिता बेहद चिंतित हैं. वह चाहते हैं कि सरकार उनको भी जल्द से जल्द वहां से निकाल कर लाए ताकि सभी बच्चे सुरक्षित अपने माता-पिता के पास पहुंच सके.
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