पलवल: जिला बागवानी विभाग अब पलवल में बागवानी खेती को बढ़ावा देने के लिए एक पहल की शुरूआत करने जा रहा है. इसमें बागवानी विभाग इस खेती को लेकर किसानों को जागरुक करेगा. विभाग पपीता की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस साल दो हेक्टेयर भूमि में पपीता की खेती करने का लक्ष्य रखा है.
बागवानी खेती की ओर पलवल
बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि जो किसान सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली और ड्रिप प्रणाली के माध्यम से पपीता की खेती करेगा. उस किसान को प्रति हेक्टेयर पर 80 हजार रुपये का अनुदान राशि दी जाएगी. पपीता की फसल तैयार करने के लिए जो ड्रिप प्रणाली में व्यय आएगा उस पर विभाग किसानों को 85 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाएगा.
ये है तरीका
बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने पपीता की खेती करने के लिए कई तरीके बताए. उन्होंने बताया पपीता को जैविक तरीके से उगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जून के महीने में गड्डे खोदकर उसमें गोबर की खाद और जैविक खाद डाल दें. उसके बाद में पपीते की रोपाई कर दे. पपीता की रोपाई के दौरान पौधे से पौधे की दूरी 2 मीटर रखी जानी चाहिए.
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उन्होंने बताया कि रेड लेडी किस्म का पपीता सबसे ज्यादा ऊपज देता है. रेड लेडी पौधे पर अधिक फल आता है और इस किस्म की पपीता की मार्किट में अच्छी मांग है. यह एक अच्छा फल है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. इस पपीता में रोगों से लड़ने की क्षमता होती है. उन्होंने बताया कि इस पपीता की फसल को एक बार लगाने के बाद इसे तीन साल तक फल लिया जा सकता है.
दोगुनी आय का सपना होगा पूरा
अधिकारी ने बताया कि हर साल किसानों को इस खेती के तरीके से प्रति एकड़ से तीन लाख रुपये की आमदनी हो सकती है. उन्होंने बताया कि फल, फूल और सब्जियों की खेती करने से किसान अपनी आय तीन गुना कर सकते हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय करने का जो सपना है, उसे पूरा करने में ये विधि किसानों के लिए काफी मददगार साबित होगा.