चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के समर में अब लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी आ रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की तर्ज पर राहुल गांधी भी अपने चुनावी रैली का आगाज जीटी रोड बेल्ट से करेंगे. 26 सितंबर को राहुल गांधी की रैली करनाल जिले की असंध विधानसभा क्षेत्र में होगी. राहुल करीब 12.10 मिनट पर हेलिकॉप्टर के जरिए दिल्ली से सीधा असंध पहुंचेगे. यहां वो अंसध समेत करनाल की सभी सीटों को साधने की कोशिश करेंगे. असंध से कांग्रेस ने शमशेर सिंह नेगी को टिकट दिया है.
करनाल के बाद हिसार जायेंगे राहुल गांधी
करनाल के बाद राहुल गांधी हेलिकॉप्टर से सीधे हिसार की बरवाला विधानसभा के लिए रवाना होंगे. बरवाला में करीब 2.30 बजे उनके पहुंचने का कार्यक्रम है. और 3 बजे के आसपास राहुल गांधी रैली को संबोधित करेंगे. बरवाला से कांग्रेस ने रामनिवास घोरेला को टिकट दिया है. बरवाला के साथ ही राहुल गांधी की रैली का मकसद हिसार और उसके आस-पास के जिलों को साधना है. राहुल गांधी बरवाला में एक बड़ी पब्लिक रैली को संबोधित करेंगे. बरवाला में रैली के बाद नेता विपक्षा राहुल गांधी करीब 4.30 बजे सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो जायेंगे.
मल्लिकार्जुन खड़गे की रैली हो चुकी रद्द
हरियाणा विधानसभा चुनाव में अभी तक कांग्रेस का बड़ा नेता रैली करने नहीं पहुंचा है. 23 सितंबर को अंबाला और करनाल में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रैली आयोजित थी लेकिन वो किन्हीं कारणों से रद्द कर दी गई. पीएम मोदी और अमित शाह के बाद अब राहुल गांधी के आने के बाद चुनावी गर्मी बढ़ना लाजमी है. हरियाणा में 2019 में बीजेपी ने 40 और कांग्रेस ने 30 सीटें जीती थी.
पीएम मोदी-अमित शाह कर चुके रैली
हरियाणा में विधानसभा चुनाव का प्रचार अब पूरे चरम पर पहुंच चुका है. बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी रैली कर चुके हैं. हरियाणा में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. इसीलिए दोनो दल सत्ता पाने के लिए पूरा जोर लगाये हुए हैं. बीजेपी जहां सत्ता की हैट्रिक लगाने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस 10 साल का बनवास खत्म करना चाह रही है.
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान
हरियाणा में एक ही चरण में सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को वोटिंग है. जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी. इस बार हरियाणा चुनाव में पांच प्रमुख पार्टियां चुनावी मैदान में हैं. सत्ता की लड़ाई जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच मानी जा रही है. लेकिन इसके अलावा कई छोटे दल भी अपना दमखम लगा रहे है. जो कई सीटों पर बड़ी पार्टियों के लिए मुसीबत बने हैं. जिनमें AAP, इनेलो-बसपा गठबंधन, जेजेपी-एएसपी गठबंधन प्रमुख है.