पलवल: दिल्ली से फरीदाबाद के रास्ते बनाए जा रहे मुंबई वडोदरा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पलवल के सहराला गांव के किसानों 29 दिसंबर से लगातार बंद कर रखा है. गांव से खेतों के लिए बने रास्ते पर अंडरपास की मांग को लेकर किसान एक्सप्रेस वे पर धरने पर बैठे (farmer protest delhi mumbai expressway In palwal) हैं. गुस्साए किसानों ने प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
किसानों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने उन्हें अंडरपास बनाने का आश्वासन देकर सड़क का निर्माण कर दिया है. जो किसानों के साथ धोखा है. पिछले छह दिन से किसान धरने पर बैठे हैं उसके बावजूद प्रशासन सुन नहीं रहा है. किसानों का कहना है कि जब तक अंडरपास की मांग पूरी नहीं होगी तब तक किसानों का धरना जारी रहेगा.
दिल्ली से फरीदाबाद होते हुए मुंबई के लिए बनाए जा रहे वडोदरा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पलवल में किसानों के विरोध के चलते रुक गया है. यह एक्सप्रेसवे पलवल जिले के गदपुरी गावं, सोफ्ता, हरफली, सहराला, कलवाका, मंदपुरी, जैंदापुर, स्यारौली से होते हुए गुरुग्राम में प्रवेश करता है. पलवल जिले में इस एक्सप्रेस वे पर काफी स्थानों पर अंडरपास बनाए जाने का मांग की जा रही है.
सहराला गांव के ग्रामीण पिछले छह माह से अंडरपास की मांग को लेकर अधिकारियों, मंत्रियों और उप मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं. अधिकारियों ने अंडरपास बनाने का आश्वासन दिया. यही नहीं अंडरपास बनाने का उद्घाटन भी किया गया. मशीन से पानी के नमूने लिए गए, परंतु बाद में पुल की जगह सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया गया. सड़क बनाने के विरोध में बीती 29 दिसंबर को किसानों ने एक्सप्रेस वे पर विरोध प्रदर्शन किया.
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प्रदर्शन के दौरान एनएचएआई के अधिकारी व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया परंतु छह दिन बीत जाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं किया गया. सहरला गांव के रहने वाले पूर्व सरपंच राजन ने बताया कि जुलाई 2021 से वे अंडरपास की मांग को लेकर एडीसी पलवल से लेकर उपमुख्यमंत्री हरियाणा तक मिल चुके हैं.
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एनएचएआई के अधिकारियों और केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर से भी उन्होंने इस बारे में मांग की. इसके बाद अधिकारियों ने उन्हें अंडरपास बनाने का आश्वासन दिया और पुल का विधिवत उद्घाटन किया गया. इस दौरान एनएचएआई के अधिकारी भी मौजूद रहे. अंडरपास के लिए मिट्टी व पानी के नमूने लिए गए परंतु बाद में अंडर पास की जगह सड़क बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया.
अब मौके पर आरसीसी डालनी शुरू कर दी गई है जिसके बाद किसानों ने विरोध जताना शुरू किया है. किसानों की मानें तो अंडरपास न बनने से ग्रामीण अपने खेतों पर जाने में असमर्थ हो जाएंगे. फसलों को लाने-ले जाने और बुआई-जुताई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इसके अलावा पहाड़ की तरफ से आने वाले पानी से फसले खराब हो जाएंगी. पानी की निकासी का भी कोई प्रबंध नहीं किया किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि अभी रास्ते की जगह पर काम बंद करवाया गया है। यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो गांव के समीप चल रहे सभी निर्माण कार्यों को बंद करवाया जाएगा.
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