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नूंह: अस्पताल में रखी वैक्सीन नहीं होगी खराब, माई इविन ऐप के जरिए रखी जाएगी नजर

नूंह के सरकारी अस्पतालों में रखी गई वैक्सीन अब तापमान कम या ज्यादा होने की वजह से खराब नहीं होगी. स्वास्थ्य विभाग नूंह ने 'माई इविन ऐप' के माध्यम से कोल्ड चैन हैंडलर के पद पर स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति कर दी है, जो अब तापमान मापने वाली मशीन की घर बैठे ही अपने फोन पर डिवाइस के माध्यम से पल-पल की जानकारी जुटा सकेंगे.

vaccine kept in hospitals of nuh will be monitored through MYeVIN app
नूंह: अब खराब नहीं होगी अस्पताल में रखी वैक्सीन, माई इविन ऐप के जरिए रखी जाएगी नजर
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Published : Oct 23, 2020, 3:41 PM IST

नूंह: जिले के सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस बी सहित 7 से 8 बीमारियों के इलाज में काम आने वाली वैक्सीन अब तापमान कम या ज्यादा होने की वजह से खराब नहीं होगी. स्वास्थ्य विभाग नूंह ने 'माई इविन ऐप' के माध्यम से कोल्ड चैन हैंडलर के पद पर स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति कर दी है, जो अब तापमान मापने वाली मशीन की घर बैठे ही अपने फोन पर डिवाइस के माध्यम से पल-पल की जानकारी जुटा सकेंगे.

'माई इविन ऐप' के जरिए वैक्सीन पर रखी जाएगी नजर

वैक्सीन को जितने तापमान की जरूरत है अगर उससे कम या ज्यादा तापमान होता है तो मोबाइल पर ही तुरंत कोल्ड चैन हैंडलर को इसकी जानकारी मिल जाएगी और वो समय रहते दवाइयों का रखरखाव ठीक ढंग से कर सकता है. कोल्ड चैन हैंडलर का कामकाज फार्मासिस्ट देखेंगे या फिर किसी एएनएम की देखरेख में ये काम होगा.

जिला उपायुक्त धीरेंद्र खट्टा और सिविल सर्जन ने सीएचसी प्रांगण में डिवाइस की शुरुआत की. इसके बाद सिविल सर्जन सुरेंद्र यादव बिछोर,जमालगढ़, सिंगार और तिगांव गांव की पीएचसी में पहुंचे. उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि तिगांव की साफ सफाई और इंतजाम के साथ स्टाफ की मेहनत से बेहद प्रभावित हुए है, लेकिन बिछोर, सिंगार और जमालगढ़ कि पीएचसी में कुछ कमियां पाई गई है जिनको जल्द ही संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर दूर कराया जाएगा.

डीसी ने कहा कि जिले में जो भी अन्य पीएचसी है उनमें भी जल्द ही इस डिवाइस को लगाया जाएगा. खास बात तो ये है कि कोल्ड चैन हैंडलर के रूप में नियुक्त किए गए कर्मचारियों को मोबाइल फोन और इंटरनेट की सुविधा स्वास्थ्य विभाग ने उपलब्ध कराई है, ताकि माई इविन ऐप से वैक्सीन को खराब होने से पूरी तरह से बचाया जा सकेगा. इससे मरीजों और तीमारदारों के अलावा सरकार और स्वास्थ्य विभाग को भी फायदा होगा.

आपको बता दें कि इंजेक्शन की कीमत हजारों रुपए की है, कई बार सही तरीके से रखरखाव नहीं होने की वजह से वैक्सीन खराब हो जाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब एप के जरिए 24 घंटे वैक्सीन पर निगरानी रखी जा सकती है.

ये भी पढ़िए: नूंह: दो साल पहले तोड़े गए स्कूल में नहीं लगी एक भी ईंट, 4 कमरे में पढ़ रहीं 800 बेटियां

नूंह: जिले के सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस बी सहित 7 से 8 बीमारियों के इलाज में काम आने वाली वैक्सीन अब तापमान कम या ज्यादा होने की वजह से खराब नहीं होगी. स्वास्थ्य विभाग नूंह ने 'माई इविन ऐप' के माध्यम से कोल्ड चैन हैंडलर के पद पर स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति कर दी है, जो अब तापमान मापने वाली मशीन की घर बैठे ही अपने फोन पर डिवाइस के माध्यम से पल-पल की जानकारी जुटा सकेंगे.

'माई इविन ऐप' के जरिए वैक्सीन पर रखी जाएगी नजर

वैक्सीन को जितने तापमान की जरूरत है अगर उससे कम या ज्यादा तापमान होता है तो मोबाइल पर ही तुरंत कोल्ड चैन हैंडलर को इसकी जानकारी मिल जाएगी और वो समय रहते दवाइयों का रखरखाव ठीक ढंग से कर सकता है. कोल्ड चैन हैंडलर का कामकाज फार्मासिस्ट देखेंगे या फिर किसी एएनएम की देखरेख में ये काम होगा.

जिला उपायुक्त धीरेंद्र खट्टा और सिविल सर्जन ने सीएचसी प्रांगण में डिवाइस की शुरुआत की. इसके बाद सिविल सर्जन सुरेंद्र यादव बिछोर,जमालगढ़, सिंगार और तिगांव गांव की पीएचसी में पहुंचे. उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि तिगांव की साफ सफाई और इंतजाम के साथ स्टाफ की मेहनत से बेहद प्रभावित हुए है, लेकिन बिछोर, सिंगार और जमालगढ़ कि पीएचसी में कुछ कमियां पाई गई है जिनको जल्द ही संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर दूर कराया जाएगा.

डीसी ने कहा कि जिले में जो भी अन्य पीएचसी है उनमें भी जल्द ही इस डिवाइस को लगाया जाएगा. खास बात तो ये है कि कोल्ड चैन हैंडलर के रूप में नियुक्त किए गए कर्मचारियों को मोबाइल फोन और इंटरनेट की सुविधा स्वास्थ्य विभाग ने उपलब्ध कराई है, ताकि माई इविन ऐप से वैक्सीन को खराब होने से पूरी तरह से बचाया जा सकेगा. इससे मरीजों और तीमारदारों के अलावा सरकार और स्वास्थ्य विभाग को भी फायदा होगा.

आपको बता दें कि इंजेक्शन की कीमत हजारों रुपए की है, कई बार सही तरीके से रखरखाव नहीं होने की वजह से वैक्सीन खराब हो जाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब एप के जरिए 24 घंटे वैक्सीन पर निगरानी रखी जा सकती है.

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