नूंह: एनजीटी से लेकर भारत सरकार तक एनसीआर के बड़े शहरों की जहरीली हवा का तोड़ नहीं निकाल पाई हो. देश में शहरों में हो रहे प्रदूषण को लेकर किसानों पर आरोप प्रत्यारोप जड़े जा रहे हैं लेकिन किसी का ध्यान वाहनों से निकलने वाले धूंए पर नहीं है, लेकिन अब वाहनों ने निकलने वाले धूएं की कोई चिंता नहीं है.
श्रवण ने बनाई प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस
वाहनों से निकलने वाले धूंए का तोड़ निकाल लिया गया है. काले धूंए से होने वाले प्रदूषण को अब रोका जा सकेगा. इसका हल देश की राजधानी दिल्ली से महज 70 किलोमीटर दूर नूंह के रहने वाले श्रवण कुमार ने निकाल लिया है. श्रवण कुमार पहले भी अपने आविष्कारों की वजह से चर्चा में रहे हैं. इस बार भी उन्होंने वो कर दिखाया जो अब तक बड़े-बड़े इंजीनियर नहीं कर पाए.
प्रदूषण में मिलेगी राहत
श्रवण कुमार ने प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस बनाई है. ये डिवाईस किसी भी इंजन से निकलने वाले काले धूंए से कार्बन को अलग करेगी. जब ये डिवाइस वाहनों में लगेगी तो इससे शहरों में होने वाले कार्बन प्रदूषण में कमी आएगी. दिल्ली जैसे शहर जिसमें बड़ी संख्या में वाहन हैं इसके लिए ये डिवाइस रामवाण साबित हो सकती है.
किसी भी इंजन से हो सकती है डिवाइस
श्रवण ने पहले भी डीजल इंजन और घरों की छतों पर रखी पानी की टंकियों को लेकर कई यंत्र बनाए हैं. देशी इंजीनियर श्रवण कुमार की इस उपलब्धि से नूंह मेवात इलाके का नाम दुनिया भर में रोशन हो सकता है. और अब श्रवण ने मोटरसाइकिल से लेकर रेल के इंजन से निकलने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस बनाई है.
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श्रवण कुमार ने दसवीं तक की पढ़ाई है. श्रवण गांव में ही खेती करता है. कृषि से संबंध रखने वाले श्रवण ने गत वर्ष 2002 से नए - नए उपकरण बनाने शुरू कर दिए थे. श्रवण कम पढ़ा लिखा होने के बावजूद अच्छे पढ़े लिखे इंजीनियरों के हुनर पर भारी पड़ता है. श्रवण का कहना है कि वो पुराने उपकरणों को यूज कर नए उपकरण बनाता है.