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स्किल डेवलपमेंट में कैसे बढ़ेगा नूंह? पिनगवां ITI पर लटका है ताला

पिनगवां कस्बे में कई साल पहले शुरू की गई आईटीआई का हाल बेहाल है. आईटीआई में बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं है. वहीं पढ़ाई की बात करें तो कैंपस में न शिक्षक आते हैं और न ही प्रिंसिपल, छात्र कैंपस में इंतजार करने के बाद वापस चले जाते हैं.

pingwan iti locked due to negligence of staff
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Published : Feb 12, 2020, 5:25 PM IST

नूंह: केंद्र सरकार भले ही स्किल डेवलपमेंट का ढोल पीट रही हो, लेकिन नूंह जिले की आईटीआई स्टाफ और संसाधनों की कमी से जूझ रही है. वाहवाही लूटने के लिए नूंह जिले में पुरानी आईटीआई का जीर्णोद्धार कर दिया गया लेकिन उनमें स्टाफ और संसाधन मुहैया करना सरकारी तंत्र भूल गया.

कैसे होगा स्किल डेवलपमेंट?

नूंह जिले के पिनगवां कस्बे में कई साल पहले आईटीआई की शुरुआत कर दी गई. आईटीआई पिनगवां में हुनर सिखने के लिए करीब 300 बच्चों ने दाखिला लिया. आईटीआई में वैसे कागजों में तो दर्जनभर ट्रेड हैं, लेकिन अभी मौजूद वक्त में महज 6 ही वजूद में हैं.

स्किल डेवलपमेंट में कैसे बढ़ेगा नूंह? पिनगवां ITI पर लटका है ताला

आईटीआई में नहीं बिजली पानी की सुविधा

प्रिंसिपल तक आईटीआई को नसीब नहीं है. सुविधाओं की अगर बात करें तो बिजली, पानी, सफाई का उचित प्रबंध नहीं हैं. मशीनें धूल फांक रही हैं. आईटीआई प्रांगण में न तो सफाई है और ना ही हरियाली. ग्राउंड भी समतल तक नहीं है.

ये भी पढ़ेंः पंचकूला में सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की छापेमारी, शिकायतों के बाद की गई कार्रवाई

कैंपस से इंतजार कर वापस चले जाते हैं छात्र

हर रोज बच्चे गुरूजी से लेकर प्रिंसिपल के आने का इंतजार करते हैं, लेकिन कुछ घंटे कैंपस में बिताने के बाद वापस लौट जाते हैं. आईटीआई कागजों में भले ही अच्छी तरह चल रही हो, लेकिन यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के भविष्य का दम घुटने लगा है. बच्चों ने सरकार और सिस्टम से स्टाफ के साथ-साथ सुविधा मुहैया कराने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद HSVP कार्यालय पर रेड, सुबह से रिकॉर्ड खंगालने में जुटी सीएम फ्लाइंग टीम

नूंह: केंद्र सरकार भले ही स्किल डेवलपमेंट का ढोल पीट रही हो, लेकिन नूंह जिले की आईटीआई स्टाफ और संसाधनों की कमी से जूझ रही है. वाहवाही लूटने के लिए नूंह जिले में पुरानी आईटीआई का जीर्णोद्धार कर दिया गया लेकिन उनमें स्टाफ और संसाधन मुहैया करना सरकारी तंत्र भूल गया.

कैसे होगा स्किल डेवलपमेंट?

नूंह जिले के पिनगवां कस्बे में कई साल पहले आईटीआई की शुरुआत कर दी गई. आईटीआई पिनगवां में हुनर सिखने के लिए करीब 300 बच्चों ने दाखिला लिया. आईटीआई में वैसे कागजों में तो दर्जनभर ट्रेड हैं, लेकिन अभी मौजूद वक्त में महज 6 ही वजूद में हैं.

स्किल डेवलपमेंट में कैसे बढ़ेगा नूंह? पिनगवां ITI पर लटका है ताला

आईटीआई में नहीं बिजली पानी की सुविधा

प्रिंसिपल तक आईटीआई को नसीब नहीं है. सुविधाओं की अगर बात करें तो बिजली, पानी, सफाई का उचित प्रबंध नहीं हैं. मशीनें धूल फांक रही हैं. आईटीआई प्रांगण में न तो सफाई है और ना ही हरियाली. ग्राउंड भी समतल तक नहीं है.

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कैंपस से इंतजार कर वापस चले जाते हैं छात्र

हर रोज बच्चे गुरूजी से लेकर प्रिंसिपल के आने का इंतजार करते हैं, लेकिन कुछ घंटे कैंपस में बिताने के बाद वापस लौट जाते हैं. आईटीआई कागजों में भले ही अच्छी तरह चल रही हो, लेकिन यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के भविष्य का दम घुटने लगा है. बच्चों ने सरकार और सिस्टम से स्टाफ के साथ-साथ सुविधा मुहैया कराने की मांग की है.

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