नूंह: केंद्र सरकार भले ही स्किल डेवलपमेंट का ढोल पीट रही हो, लेकिन नूंह जिले की आईटीआई स्टाफ और संसाधनों की कमी से जूझ रही है. वाहवाही लूटने के लिए नूंह जिले में पुरानी आईटीआई का जीर्णोद्धार कर दिया गया लेकिन उनमें स्टाफ और संसाधन मुहैया करना सरकारी तंत्र भूल गया.
कैसे होगा स्किल डेवलपमेंट?
नूंह जिले के पिनगवां कस्बे में कई साल पहले आईटीआई की शुरुआत कर दी गई. आईटीआई पिनगवां में हुनर सिखने के लिए करीब 300 बच्चों ने दाखिला लिया. आईटीआई में वैसे कागजों में तो दर्जनभर ट्रेड हैं, लेकिन अभी मौजूद वक्त में महज 6 ही वजूद में हैं.
आईटीआई में नहीं बिजली पानी की सुविधा
प्रिंसिपल तक आईटीआई को नसीब नहीं है. सुविधाओं की अगर बात करें तो बिजली, पानी, सफाई का उचित प्रबंध नहीं हैं. मशीनें धूल फांक रही हैं. आईटीआई प्रांगण में न तो सफाई है और ना ही हरियाली. ग्राउंड भी समतल तक नहीं है.
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कैंपस से इंतजार कर वापस चले जाते हैं छात्र
हर रोज बच्चे गुरूजी से लेकर प्रिंसिपल के आने का इंतजार करते हैं, लेकिन कुछ घंटे कैंपस में बिताने के बाद वापस लौट जाते हैं. आईटीआई कागजों में भले ही अच्छी तरह चल रही हो, लेकिन यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के भविष्य का दम घुटने लगा है. बच्चों ने सरकार और सिस्टम से स्टाफ के साथ-साथ सुविधा मुहैया कराने की मांग की है.
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