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नूंह की 'खूनी' सड़क! जहां आए दिन लोग होते हैं सड़क दुर्घटनाओं के शिकार

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Published : Aug 5, 2019, 10:51 PM IST

बीते पांच सालों में नूंह के राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. इनमे पहले नंबर पर नूंह जिला मुख्यालय से फिरोजपुर झिरका की सड़क है.

नूंह की 'खूनी' सड़क

नूंहः जिले के बहुचर्चित गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग को खूनी मार्ग के नाम से जाना जाता है. वजह है यहां होने वाले हादसे. आए दिन बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर क्षेत्र के लोग इस मार्ग पर अब आने-जाने से भी कतराने लगे हैं.

नूंह की 'खूनी' सड़क पर हुई हजारों मौतें

इतने लोग गंवा चुके हैं जान
मिले आंकड़ों के मुताबिक, एनएच 248ए पर सड़क हादसों का अगर औसत निकाला जाए तो 1 दिन में इस मार्ग पर करीब 6 हादसे होते हैं. वहीं अब तक इस राष्ट्रीय मार्ग पर 2,150 दुर्घटनाओं में 1,061 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 2,425 लोग इन दुर्घटनाओं में घायल भी हुए हैं.

सड़क संकरी होने और ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है. यही नहीं सड़क दुर्घटनाओं से राहगीरों को सचेत करने के लिए सड़क पर बनी पुलियों पर पेंट से खूनी मार्ग तक लिखवा दिया गया है.

ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों के मुताबिक सड़क चौड़ीकरण का मुद्दा लोग पहले भी कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन अभी तक किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया. आला अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और लोगों की समस्या का समाधान करना चाहिए.

नूंहः जिले के बहुचर्चित गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग को खूनी मार्ग के नाम से जाना जाता है. वजह है यहां होने वाले हादसे. आए दिन बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर क्षेत्र के लोग इस मार्ग पर अब आने-जाने से भी कतराने लगे हैं.

नूंह की 'खूनी' सड़क पर हुई हजारों मौतें

इतने लोग गंवा चुके हैं जान
मिले आंकड़ों के मुताबिक, एनएच 248ए पर सड़क हादसों का अगर औसत निकाला जाए तो 1 दिन में इस मार्ग पर करीब 6 हादसे होते हैं. वहीं अब तक इस राष्ट्रीय मार्ग पर 2,150 दुर्घटनाओं में 1,061 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 2,425 लोग इन दुर्घटनाओं में घायल भी हुए हैं.

सड़क संकरी होने और ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है. यही नहीं सड़क दुर्घटनाओं से राहगीरों को सचेत करने के लिए सड़क पर बनी पुलियों पर पेंट से खूनी मार्ग तक लिखवा दिया गया है.

ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों के मुताबिक सड़क चौड़ीकरण का मुद्दा लोग पहले भी कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन अभी तक किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया. आला अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और लोगों की समस्या का समाधान करना चाहिए.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- राष्ट्रीय राजमार्ग 248 ए कब होगा चौड़ा , सैकड़ों लोगों की हो चुकी मौत

नूंह जिले का बहुचर्चित गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248 ए के चौड़ीकरण का मुद्दा हल होने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल यहां बढ़ते हादसों से लोग आहत हैं। अगर यहां हादसों के आंकड़ों की बात करें तो वो चौंकाने वाले हैं। अब तक जिले में घटित हुई 2150 दुर्घटनाओं में 1061 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 2425 लोग इन दुर्घटनाओं में घायल भी हुए हैं। मार्ग बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर क्षेत्र के लोग इस मार्ग पर अब आने जाने से भी कतराने लगे हैं। हालाकि इस मार्ग पर सफर करना लोगों की मजबूरी भी है। चूंकि जिला मुख्यालय नूंह शहर में है और इसीलिए लोग अपने कामों को लेकर इस मार्ग पर मजबूरीवश सफर भी करते हैं। लगातार हो रहे हादसों की वजह से इस मार्ग को खूनी मार्ग का नाम तक दिया जा चुका है। सड़क पर वाहन चलाते समय लोग सावधानी बरतें इसलिए सड़क पर बनी पुलियों पर पेंट से खूनी मार्ग लिखवा तक दिया गया है।
बता दें कि बीते पांच सालों में जिले में सडक़ दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। ऐसे में यदि हादसों की वजह जानी जाए तो अधिकांश हादसे सिंगल रूट वाली सडकों पर घटित हो रहे हैं। इनमें पहले नंबर पर नूंह जिला मुख्यालय से फिरोजपुर झिरका की सडक़ है। यहां आए दिन दो से तीन हादसे सामने आते हैं। जिनमें लोग जान गवां रहे हैं। वर्ष 2017 के आंकडों ने यहां रिकार्ड ही तोड़ दिया था। यहां 2017 में 545 हादसे हुए इनमें 247 लोग मरे और 417 घायल भी हुए।
केंद्रीय सडक़ मंत्रालय ने उठाए हाथ : बहुचर्चित मांग को लेकर भिवानी के सांसद धर्मबीर सिंह द्वारा केंद्रीय सडक़ मंत्रालय को उपरोक्त बहुचर्चित मामले को लेकर हाल ही में एक पत्र लिखा गया। पत्र के जवाब में केंद्रीय मंत्रालय ने जवाब देते हुए बताया कि उक्त मार्ग को चार लेन में परिवर्तित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सांसद धर्मबीर सिंह क्षेत्र की समस्या से काफी परिचित हैं। वो समय समय पर उपरोक्त मांग के विषय में सरकार को अवगत कराते रहते हैं। विधायक नसीम अहमद ने कहा कि निश्चित ही मेरी ओर से इस मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर विधानसभा में यह मुद्दा उठाकर सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा। मैं इस बारे में पहले भी मांग उठा चुका हूं। लेकिन सरकार जानबूझकर इस मामले को अटका रही है। लेकिन फिर भी पुन: मामले को उठाकर फोर लेन बनवाने की मांग रखी जाएगी। यहां यह भी बताना जरुरी है कि पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह तथा सीएम मनोहर लाल खट्टर भी इस मार्ग को नूंह से राजस्थान जिले के अलवर सीमा तक चारमार्गीय बनाने की घोषणा कर चुके हैं।
बाइट;- राजुद्दीन समाजसेवी
बाइट;- डॉक्टर अशफाक खूनी मार्ग लिखवाने वाले ग्रामीण
बाइट;- अरशद खान ग्रामीण
बाइट;- खुर्शीद आलम राहगीर
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- राष्ट्रीय राजमार्ग 248 ए कब होगा चौड़ा , सैकड़ों लोगों की हो चुकी मौत

नूंह जिले का बहुचर्चित गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248 ए के चौड़ीकरण का मुद्दा हल होने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल यहां बढ़ते हादसों से लोग आहत हैं। अगर यहां हादसों के आंकड़ों की बात करें तो वो चौंकाने वाले हैं। अब तक जिले में घटित हुई 2150 दुर्घटनाओं में 1061 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 2425 लोग इन दुर्घटनाओं में घायल भी हुए हैं। मार्ग बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर क्षेत्र के लोग इस मार्ग पर अब आने जाने से भी कतराने लगे हैं। हालाकि इस मार्ग पर सफर करना लोगों की मजबूरी भी है। चूंकि जिला मुख्यालय नूंह शहर में है और इसीलिए लोग अपने कामों को लेकर इस मार्ग पर मजबूरीवश सफर भी करते हैं। लगातार हो रहे हादसों की वजह से इस मार्ग को खूनी मार्ग का नाम तक दिया जा चुका है। सड़क पर वाहन चलाते समय लोग सावधानी बरतें इसलिए सड़क पर बनी पुलियों पर पेंट से खूनी मार्ग लिखवा तक दिया गया है।
बता दें कि बीते पांच सालों में जिले में सडक़ दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। ऐसे में यदि हादसों की वजह जानी जाए तो अधिकांश हादसे सिंगल रूट वाली सडकों पर घटित हो रहे हैं। इनमें पहले नंबर पर नूंह जिला मुख्यालय से फिरोजपुर झिरका की सडक़ है। यहां आए दिन दो से तीन हादसे सामने आते हैं। जिनमें लोग जान गवां रहे हैं। वर्ष 2017 के आंकडों ने यहां रिकार्ड ही तोड़ दिया था। यहां 2017 में 545 हादसे हुए इनमें 247 लोग मरे और 417 घायल भी हुए।
केंद्रीय सडक़ मंत्रालय ने उठाए हाथ : बहुचर्चित मांग को लेकर भिवानी के सांसद धर्मबीर सिंह द्वारा केंद्रीय सडक़ मंत्रालय को उपरोक्त बहुचर्चित मामले को लेकर हाल ही में एक पत्र लिखा गया। पत्र के जवाब में केंद्रीय मंत्रालय ने जवाब देते हुए बताया कि उक्त मार्ग को चार लेन में परिवर्तित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सांसद धर्मबीर सिंह क्षेत्र की समस्या से काफी परिचित हैं। वो समय समय पर उपरोक्त मांग के विषय में सरकार को अवगत कराते रहते हैं। विधायक नसीम अहमद ने कहा कि निश्चित ही मेरी ओर से इस मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर विधानसभा में यह मुद्दा उठाकर सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा। मैं इस बारे में पहले भी मांग उठा चुका हूं। लेकिन सरकार जानबूझकर इस मामले को अटका रही है। लेकिन फिर भी पुन: मामले को उठाकर फोर लेन बनवाने की मांग रखी जाएगी। यहां यह भी बताना जरुरी है कि पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह तथा सीएम मनोहर लाल खट्टर भी इस मार्ग को नूंह से राजस्थान जिले के अलवर सीमा तक चारमार्गीय बनाने की घोषणा कर चुके हैं।
बाइट;- राजुद्दीन समाजसेवी
बाइट;- डॉक्टर अशफाक खूनी मार्ग लिखवाने वाले ग्रामीण
बाइट;- अरशद खान ग्रामीण
बाइट;- खुर्शीद आलम राहगीर
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- राष्ट्रीय राजमार्ग 248 ए कब होगा चौड़ा , सैकड़ों लोगों की हो चुकी मौत

नूंह जिले का बहुचर्चित गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग 248 ए के चौड़ीकरण का मुद्दा हल होने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल यहां बढ़ते हादसों से लोग आहत हैं। अगर यहां हादसों के आंकड़ों की बात करें तो वो चौंकाने वाले हैं। अब तक जिले में घटित हुई 2150 दुर्घटनाओं में 1061 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 2425 लोग इन दुर्घटनाओं में घायल भी हुए हैं। मार्ग बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर क्षेत्र के लोग इस मार्ग पर अब आने जाने से भी कतराने लगे हैं। हालाकि इस मार्ग पर सफर करना लोगों की मजबूरी भी है। चूंकि जिला मुख्यालय नूंह शहर में है और इसीलिए लोग अपने कामों को लेकर इस मार्ग पर मजबूरीवश सफर भी करते हैं। लगातार हो रहे हादसों की वजह से इस मार्ग को खूनी मार्ग का नाम तक दिया जा चुका है। सड़क पर वाहन चलाते समय लोग सावधानी बरतें इसलिए सड़क पर बनी पुलियों पर पेंट से खूनी मार्ग लिखवा तक दिया गया है।
बता दें कि बीते पांच सालों में जिले में सडक़ दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। ऐसे में यदि हादसों की वजह जानी जाए तो अधिकांश हादसे सिंगल रूट वाली सडकों पर घटित हो रहे हैं। इनमें पहले नंबर पर नूंह जिला मुख्यालय से फिरोजपुर झिरका की सडक़ है। यहां आए दिन दो से तीन हादसे सामने आते हैं। जिनमें लोग जान गवां रहे हैं। वर्ष 2017 के आंकडों ने यहां रिकार्ड ही तोड़ दिया था। यहां 2017 में 545 हादसे हुए इनमें 247 लोग मरे और 417 घायल भी हुए।
केंद्रीय सडक़ मंत्रालय ने उठाए हाथ : बहुचर्चित मांग को लेकर भिवानी के सांसद धर्मबीर सिंह द्वारा केंद्रीय सडक़ मंत्रालय को उपरोक्त बहुचर्चित मामले को लेकर हाल ही में एक पत्र लिखा गया। पत्र के जवाब में केंद्रीय मंत्रालय ने जवाब देते हुए बताया कि उक्त मार्ग को चार लेन में परिवर्तित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सांसद धर्मबीर सिंह क्षेत्र की समस्या से काफी परिचित हैं। वो समय समय पर उपरोक्त मांग के विषय में सरकार को अवगत कराते रहते हैं। विधायक नसीम अहमद ने कहा कि निश्चित ही मेरी ओर से इस मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर विधानसभा में यह मुद्दा उठाकर सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा। मैं इस बारे में पहले भी मांग उठा चुका हूं। लेकिन सरकार जानबूझकर इस मामले को अटका रही है। लेकिन फिर भी पुन: मामले को उठाकर फोर लेन बनवाने की मांग रखी जाएगी। यहां यह भी बताना जरुरी है कि पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह तथा सीएम मनोहर लाल खट्टर भी इस मार्ग को नूंह से राजस्थान जिले के अलवर सीमा तक चारमार्गीय बनाने की घोषणा कर चुके हैं।
बाइट;- राजुद्दीन समाजसेवी
बाइट;- डॉक्टर अशफाक खूनी मार्ग लिखवाने वाले ग्रामीण
बाइट;- अरशद खान ग्रामीण
बाइट;- खुर्शीद आलम राहगीर
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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