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नूंह: स्टेडियम बना खंडहर ! खिलाड़ी नहीं नशेड़ी कर रहे इस्तेमाल - स्टेडियम

हरियाणा सरकार आये दिन खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं का गुणगान करते नहीं थकती. सरकार का हर नेता कहता है कि सरकार खिलाड़ियों को पूरी सुविधा देती है, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल उलट नजर आती है. स्पेशल रिपोर्ट में देखिए कि फिरोजपुर झिरका शहर में बने एकमात्र स्टेडियम का क्या हाल है ?

स्टेडियम
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Published : Aug 4, 2019, 11:47 PM IST

नूंह: जिले के फिरोजपुर झिरका शहर में झिरका-तिजारा मार्ग पर लगभग 1 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से बना स्थानीय खेल का स्टेडियम रख रखाव नहीं होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है.

शहर के युवाओं का कहना है कि 11 वर्ष पहले प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अरावली की वादियों में 17 एकड़ भूमि में खेल का स्टेडियम बनाने के लिए आधारशिला रखी थी, लेकिन 11 साल बाद भी करोड़ों रूपए की राशि लगाने के बाद कोई अधिकारी और चौकीदार नहीं होने से स्टेडियम की हालत बद से बदतर हो गई है.

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ग्राउंड को कई बार अधिकारी हेलीकॉप्टर उतारने के लिए तो इस्तेमाल कर लेते हैं, लेकिन किसी को स्टेडियम की हालत दिखाई नहीं देती. लम्बा-चौड़ा मैदान है, लेकिन झाड़ इतनी की खेलना तो दूर वहां से गुजरना भी मुश्किल है.

वहीं खेल विभाग महज खानापूर्ति कर जिले के दफ्तर को चला रहा है. जिस प्रदेश को मैडल फैक्ट्री के रूप में देशभर में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पहचान मिली हुई है. उसी प्रदेश में स्टेडियम का हाल बेहाल है.

इलाके के लोगों का कहना है कि हरियाणा के अन्य जिलों में खेल को लेकर काफी सुविधाएं हैं और युवा नाम कमा रहे हैं, लेकिन मेवात जिले के इस स्टेडियम की बदहाल स्थिति के बाद भी भाजपा सरकार की आंख नहीं खुली है.

नूंह: जिले के फिरोजपुर झिरका शहर में झिरका-तिजारा मार्ग पर लगभग 1 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से बना स्थानीय खेल का स्टेडियम रख रखाव नहीं होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है.

शहर के युवाओं का कहना है कि 11 वर्ष पहले प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अरावली की वादियों में 17 एकड़ भूमि में खेल का स्टेडियम बनाने के लिए आधारशिला रखी थी, लेकिन 11 साल बाद भी करोड़ों रूपए की राशि लगाने के बाद कोई अधिकारी और चौकीदार नहीं होने से स्टेडियम की हालत बद से बदतर हो गई है.

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ग्राउंड को कई बार अधिकारी हेलीकॉप्टर उतारने के लिए तो इस्तेमाल कर लेते हैं, लेकिन किसी को स्टेडियम की हालत दिखाई नहीं देती. लम्बा-चौड़ा मैदान है, लेकिन झाड़ इतनी की खेलना तो दूर वहां से गुजरना भी मुश्किल है.

वहीं खेल विभाग महज खानापूर्ति कर जिले के दफ्तर को चला रहा है. जिस प्रदेश को मैडल फैक्ट्री के रूप में देशभर में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पहचान मिली हुई है. उसी प्रदेश में स्टेडियम का हाल बेहाल है.

इलाके के लोगों का कहना है कि हरियाणा के अन्य जिलों में खेल को लेकर काफी सुविधाएं हैं और युवा नाम कमा रहे हैं, लेकिन मेवात जिले के इस स्टेडियम की बदहाल स्थिति के बाद भी भाजपा सरकार की आंख नहीं खुली है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- स्टेडियम बना खंडहर , खिलाडी नहीं नशेड़ी कर रहे इस्तेमाल
नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका शहर में झिरका - तिजारा मार्ग पर लगभग 1 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से बना स्थानीय खेल का स्टेडियम रख रखाव नही होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है। शहर के युवाओं का कहना है कि 11 वर्ष पूर्व प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अरावली की वादियों में 17 एकड़ भूमि में खेल का स्टेडियम बनाने के लिए आधारशिला रखी , लेकिन 11 वर्ष बाद भी करोड़ों रूपए की राशि लगाने के बाद कोई अधिकारी व चौकीदार नही होने से स्टेडियम की हालत बद से बदतर हो गई है। कोच , ग्राउंड्समैन भेजना खेल विभाग इस स्टेडियम में भेजना शायद भूल गया। करोड़ों की राशि का खिलाडी नहीं बल्कि नशेड़ी , अय्याशी लाभ उठा रहे हैं। ग्राउंड की बजाय एक टूटे - फूटे कमरे में कुछ बच्चे क्रिकेट खेलने जरूर आ जाते हैं। स्टेडियम में दरवाजे , खिड़की , कांच कहीं दिखाई नहीं देते। स्टेडियम में बने हॉल की छत से आसमान देता है। ग्राउंड , पानी की बोतल , नमकीन पाउच , बोतल के कांच के कांच इस बात की ग्वाही देते हैं कि नशेड़ियों के लिए यह सबसे सुरक्षित ठिकाना है। ग्राउंड को कई बार अधिकारी हेलीकॉप्टर उतारने के लिए तो इस्तेमाल कर लेता है , लेकिन किसी को स्टेडियम की हालत दिखाई नहीं देती। लम्बा - चौड़ा मैदान है , लेकिन झाड़ इतनी की खेलना तो दूर वहां से गुजरना भी मुश्किल है। यह उस सूबे के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका स्टेडियम का है। स्टेडियम की एक तरफ से चारदीवारी नहीं हुई तो , कई जगह से चारदीवारी को तोड़ दिया गया है। खेल विभाग महज खानापूर्ति कर जिले के दफ्तर को चला रहा है। जिस प्रदेश को मैडल फैक्ट्री के रूप में देशभर में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पहचान मिली हुई है। खेल की नर्सरी जिस स्टेडियम को होना चाहिए था , वह सफ़ेद हाथी इलाके के लिए साबित हो रहा है। खास बात तो यह है की शिलान्यस और उद्घाटन का जो पत्थर ग्राउंड में लगाया था , उसे भी शरारती तत्वों में गायब कर दिया।
इलाके के लोगों का कहना है कि हरियाणा के अन्य जिलों में खेल को लेकर काफी सुविधा है ओर युवा नाम कमा रहे हैं ,लेकिन मेवात जिले के इस स्टेडियम की बदहाल स्थिति के बाद भी भाजपा सरकार की भी आंख नही खुली है। वही सरकार के 1 करोड़ा 66 लाख रूपए पानी में बह गए। आज इस इमारत में आवारा किस्म के लोगों ने शराब का मयखाना बनाया हुआ है। लगातार लोकनिर्माण व स्थानीय अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी हालत में कोई सुधार नही हुआ है। जबकि भाजपा सरकार का दावा सबकास साथ सबका विकास मेवात जिले में खेल स्टेडियम को लेकर रूखा सा लगता है। जिससे लोगों व युवाओं का सरकार व खेल विभाग के प्रति गहरा रोष है।
बाइट; अशोक सैनी खिलाडी
बाइट;- मनीष जैन भाजपा मिडिया जिला अध्यक्ष नूंह
बाइट;- रसीद खिलाडी
बाइट;- मुन्फेद खिलाडी
बाइट;- सद्दीक अहमद खिलाडी
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- स्टेडियम बना खंडहर , खिलाडी नहीं नशेड़ी कर रहे इस्तेमाल
नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका शहर में झिरका - तिजारा मार्ग पर लगभग 1 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से बना स्थानीय खेल का स्टेडियम रख रखाव नही होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है। शहर के युवाओं का कहना है कि 11 वर्ष पूर्व प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अरावली की वादियों में 17 एकड़ भूमि में खेल का स्टेडियम बनाने के लिए आधारशिला रखी , लेकिन 11 वर्ष बाद भी करोड़ों रूपए की राशि लगाने के बाद कोई अधिकारी व चौकीदार नही होने से स्टेडियम की हालत बद से बदतर हो गई है। कोच , ग्राउंड्समैन भेजना खेल विभाग इस स्टेडियम में भेजना शायद भूल गया। करोड़ों की राशि का खिलाडी नहीं बल्कि नशेड़ी , अय्याशी लाभ उठा रहे हैं। ग्राउंड की बजाय एक टूटे - फूटे कमरे में कुछ बच्चे क्रिकेट खेलने जरूर आ जाते हैं। स्टेडियम में दरवाजे , खिड़की , कांच कहीं दिखाई नहीं देते। स्टेडियम में बने हॉल की छत से आसमान देता है। ग्राउंड , पानी की बोतल , नमकीन पाउच , बोतल के कांच के कांच इस बात की ग्वाही देते हैं कि नशेड़ियों के लिए यह सबसे सुरक्षित ठिकाना है। ग्राउंड को कई बार अधिकारी हेलीकॉप्टर उतारने के लिए तो इस्तेमाल कर लेता है , लेकिन किसी को स्टेडियम की हालत दिखाई नहीं देती। लम्बा - चौड़ा मैदान है , लेकिन झाड़ इतनी की खेलना तो दूर वहां से गुजरना भी मुश्किल है। यह उस सूबे के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका स्टेडियम का है। स्टेडियम की एक तरफ से चारदीवारी नहीं हुई तो , कई जगह से चारदीवारी को तोड़ दिया गया है। खेल विभाग महज खानापूर्ति कर जिले के दफ्तर को चला रहा है। जिस प्रदेश को मैडल फैक्ट्री के रूप में देशभर में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पहचान मिली हुई है। खेल की नर्सरी जिस स्टेडियम को होना चाहिए था , वह सफ़ेद हाथी इलाके के लिए साबित हो रहा है। खास बात तो यह है की शिलान्यस और उद्घाटन का जो पत्थर ग्राउंड में लगाया था , उसे भी शरारती तत्वों में गायब कर दिया।
इलाके के लोगों का कहना है कि हरियाणा के अन्य जिलों में खेल को लेकर काफी सुविधा है ओर युवा नाम कमा रहे हैं ,लेकिन मेवात जिले के इस स्टेडियम की बदहाल स्थिति के बाद भी भाजपा सरकार की भी आंख नही खुली है। वही सरकार के 1 करोड़ा 66 लाख रूपए पानी में बह गए। आज इस इमारत में आवारा किस्म के लोगों ने शराब का मयखाना बनाया हुआ है। लगातार लोकनिर्माण व स्थानीय अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी हालत में कोई सुधार नही हुआ है। जबकि भाजपा सरकार का दावा सबकास साथ सबका विकास मेवात जिले में खेल स्टेडियम को लेकर रूखा सा लगता है। जिससे लोगों व युवाओं का सरकार व खेल विभाग के प्रति गहरा रोष है।
बाइट; अशोक सैनी खिलाडी
बाइट;- मनीष जैन भाजपा मिडिया जिला अध्यक्ष नूंह
बाइट;- रसीद खिलाडी
बाइट;- मुन्फेद खिलाडी
बाइट;- सद्दीक अहमद खिलाडी
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- स्टेडियम बना खंडहर , खिलाडी नहीं नशेड़ी कर रहे इस्तेमाल
नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका शहर में झिरका - तिजारा मार्ग पर लगभग 1 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से बना स्थानीय खेल का स्टेडियम रख रखाव नही होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है। शहर के युवाओं का कहना है कि 11 वर्ष पूर्व प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अरावली की वादियों में 17 एकड़ भूमि में खेल का स्टेडियम बनाने के लिए आधारशिला रखी , लेकिन 11 वर्ष बाद भी करोड़ों रूपए की राशि लगाने के बाद कोई अधिकारी व चौकीदार नही होने से स्टेडियम की हालत बद से बदतर हो गई है। कोच , ग्राउंड्समैन भेजना खेल विभाग इस स्टेडियम में भेजना शायद भूल गया। करोड़ों की राशि का खिलाडी नहीं बल्कि नशेड़ी , अय्याशी लाभ उठा रहे हैं। ग्राउंड की बजाय एक टूटे - फूटे कमरे में कुछ बच्चे क्रिकेट खेलने जरूर आ जाते हैं। स्टेडियम में दरवाजे , खिड़की , कांच कहीं दिखाई नहीं देते। स्टेडियम में बने हॉल की छत से आसमान देता है। ग्राउंड , पानी की बोतल , नमकीन पाउच , बोतल के कांच के कांच इस बात की ग्वाही देते हैं कि नशेड़ियों के लिए यह सबसे सुरक्षित ठिकाना है। ग्राउंड को कई बार अधिकारी हेलीकॉप्टर उतारने के लिए तो इस्तेमाल कर लेता है , लेकिन किसी को स्टेडियम की हालत दिखाई नहीं देती। लम्बा - चौड़ा मैदान है , लेकिन झाड़ इतनी की खेलना तो दूर वहां से गुजरना भी मुश्किल है। यह उस सूबे के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका स्टेडियम का है। स्टेडियम की एक तरफ से चारदीवारी नहीं हुई तो , कई जगह से चारदीवारी को तोड़ दिया गया है। खेल विभाग महज खानापूर्ति कर जिले के दफ्तर को चला रहा है। जिस प्रदेश को मैडल फैक्ट्री के रूप में देशभर में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पहचान मिली हुई है। खेल की नर्सरी जिस स्टेडियम को होना चाहिए था , वह सफ़ेद हाथी इलाके के लिए साबित हो रहा है। खास बात तो यह है की शिलान्यस और उद्घाटन का जो पत्थर ग्राउंड में लगाया था , उसे भी शरारती तत्वों में गायब कर दिया।
इलाके के लोगों का कहना है कि हरियाणा के अन्य जिलों में खेल को लेकर काफी सुविधा है ओर युवा नाम कमा रहे हैं ,लेकिन मेवात जिले के इस स्टेडियम की बदहाल स्थिति के बाद भी भाजपा सरकार की भी आंख नही खुली है। वही सरकार के 1 करोड़ा 66 लाख रूपए पानी में बह गए। आज इस इमारत में आवारा किस्म के लोगों ने शराब का मयखाना बनाया हुआ है। लगातार लोकनिर्माण व स्थानीय अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी हालत में कोई सुधार नही हुआ है। जबकि भाजपा सरकार का दावा सबकास साथ सबका विकास मेवात जिले में खेल स्टेडियम को लेकर रूखा सा लगता है। जिससे लोगों व युवाओं का सरकार व खेल विभाग के प्रति गहरा रोष है।
बाइट; अशोक सैनी खिलाडी
बाइट;- मनीष जैन भाजपा मिडिया जिला अध्यक्ष नूंह
बाइट;- रसीद खिलाडी
बाइट;- मुन्फेद खिलाडी
बाइट;- सद्दीक अहमद खिलाडी
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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