नूंह: जिले के फिरोजपुर झिरका शहर में झिरका-तिजारा मार्ग पर लगभग 1 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से बना स्थानीय खेल का स्टेडियम रख रखाव नहीं होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है.
शहर के युवाओं का कहना है कि 11 वर्ष पहले प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अरावली की वादियों में 17 एकड़ भूमि में खेल का स्टेडियम बनाने के लिए आधारशिला रखी थी, लेकिन 11 साल बाद भी करोड़ों रूपए की राशि लगाने के बाद कोई अधिकारी और चौकीदार नहीं होने से स्टेडियम की हालत बद से बदतर हो गई है.
ग्राउंड को कई बार अधिकारी हेलीकॉप्टर उतारने के लिए तो इस्तेमाल कर लेते हैं, लेकिन किसी को स्टेडियम की हालत दिखाई नहीं देती. लम्बा-चौड़ा मैदान है, लेकिन झाड़ इतनी की खेलना तो दूर वहां से गुजरना भी मुश्किल है.
वहीं खेल विभाग महज खानापूर्ति कर जिले के दफ्तर को चला रहा है. जिस प्रदेश को मैडल फैक्ट्री के रूप में देशभर में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पहचान मिली हुई है. उसी प्रदेश में स्टेडियम का हाल बेहाल है.
इलाके के लोगों का कहना है कि हरियाणा के अन्य जिलों में खेल को लेकर काफी सुविधाएं हैं और युवा नाम कमा रहे हैं, लेकिन मेवात जिले के इस स्टेडियम की बदहाल स्थिति के बाद भी भाजपा सरकार की आंख नहीं खुली है.