नूंह: मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पिछले कई माह से अलर्ट है. लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए खून के नमूने लिए जा रहे तो कहीं फोगिंग की जा रही है. अगस्त माह में एक बार फिर से गांवों-शहरों में फोगिंग शुरू होगी. ग्राम पंचायतों का इसके लिए पूरा सहयोग लिया जा रहा है. सरपंचों ने फोगिंग मशीन भी खरीद ली है. नूंह जिले में नूंह सीएचसी, उजीना पीएचसी और पुन्हाना सीएचसी के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव हाई रिस्क जोन में घोषित किए हुए हैं.
इन गांवों में खास तौर से एहतियात बरते जाते हैं. स्टाफ-डॉक्टरों की नियुक्ति होने से काम करने में आसानी हुई है. एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने कहा कि ग्रामीणों का सहयोग बेहद जरूरी है. उनके सहयोग के बिना कोई भी कामयाबी हासिल नहीं हो सकती. डॉक्टर शरण ने बताया कि बड़ों के मुकाबले स्कूली छात्र-छात्राएं ज्यादा अच्छे तरीके से प्रचार करते हैं.
ऐसे करें बचाव...
उन्होंने कहा कि कूलर की सफाई जरुरी है. टायर, टंकी, प्लास्टिक बर्तन, मटका इत्यादि खुले व टूटे बर्तनों में बरसात के सीजन में पानी भर जाता है, जिसकी वजह से मच्छर अपना लार्वा उस स्थान पर जमा लेता है. लिहाजा सभी को सावधान रहने की जरूरत है.