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मलेरिया से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, रास्ते पर निकली डॉक्टर्स की टीम

मलेरिया जैसे बुखार पर काबू पाने के लिए नूंह का स्वास्थ्य विभाग इस बार अलर्ट है. एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण का कहना है कि डॉक्टरों की टीम घर-घर जाकर मलेरिया की जांच कर रही है. साथ ही मलेरिया को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.

मलेरिया से निपटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
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Published : Jul 28, 2019, 4:35 PM IST

नूंह: मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पिछले कई माह से अलर्ट है. लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए खून के नमूने लिए जा रहे तो कहीं फोगिंग की जा रही है. अगस्त माह में एक बार फिर से गांवों-शहरों में फोगिंग शुरू होगी. ग्राम पंचायतों का इसके लिए पूरा सहयोग लिया जा रहा है. सरपंचों ने फोगिंग मशीन भी खरीद ली है. नूंह जिले में नूंह सीएचसी, उजीना पीएचसी और पुन्हाना सीएचसी के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव हाई रिस्क जोन में घोषित किए हुए हैं.

मलेरिया से निपटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

इन गांवों में खास तौर से एहतियात बरते जाते हैं. स्टाफ-डॉक्टरों की नियुक्ति होने से काम करने में आसानी हुई है. एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने कहा कि ग्रामीणों का सहयोग बेहद जरूरी है. उनके सहयोग के बिना कोई भी कामयाबी हासिल नहीं हो सकती. डॉक्टर शरण ने बताया कि बड़ों के मुकाबले स्कूली छात्र-छात्राएं ज्यादा अच्छे तरीके से प्रचार करते हैं.

ऐसे करें बचाव...

उन्होंने कहा कि कूलर की सफाई जरुरी है. टायर, टंकी, प्लास्टिक बर्तन, मटका इत्यादि खुले व टूटे बर्तनों में बरसात के सीजन में पानी भर जाता है, जिसकी वजह से मच्छर अपना लार्वा उस स्थान पर जमा लेता है. लिहाजा सभी को सावधान रहने की जरूरत है.

नूंह: मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पिछले कई माह से अलर्ट है. लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए खून के नमूने लिए जा रहे तो कहीं फोगिंग की जा रही है. अगस्त माह में एक बार फिर से गांवों-शहरों में फोगिंग शुरू होगी. ग्राम पंचायतों का इसके लिए पूरा सहयोग लिया जा रहा है. सरपंचों ने फोगिंग मशीन भी खरीद ली है. नूंह जिले में नूंह सीएचसी, उजीना पीएचसी और पुन्हाना सीएचसी के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव हाई रिस्क जोन में घोषित किए हुए हैं.

मलेरिया से निपटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

इन गांवों में खास तौर से एहतियात बरते जाते हैं. स्टाफ-डॉक्टरों की नियुक्ति होने से काम करने में आसानी हुई है. एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने कहा कि ग्रामीणों का सहयोग बेहद जरूरी है. उनके सहयोग के बिना कोई भी कामयाबी हासिल नहीं हो सकती. डॉक्टर शरण ने बताया कि बड़ों के मुकाबले स्कूली छात्र-छात्राएं ज्यादा अच्छे तरीके से प्रचार करते हैं.

ऐसे करें बचाव...

उन्होंने कहा कि कूलर की सफाई जरुरी है. टायर, टंकी, प्लास्टिक बर्तन, मटका इत्यादि खुले व टूटे बर्तनों में बरसात के सीजन में पानी भर जाता है, जिसकी वजह से मच्छर अपना लार्वा उस स्थान पर जमा लेता है. लिहाजा सभी को सावधान रहने की जरूरत है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- मलेरिया से निपटने को तैयार स्वास्थ्य विभाग
मलेरिया नूंह जिले में अब शायद किसी की जान पर भारी नहीं पड़ेगा। मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पिछले कई माह से अलर्ट है। लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए खून के नमूने लिए जा रहे तो फोगिंग भी की जा रही है। अगस्त माह में एक बार फिर से गांवों - शहरों में फोगिंग शुरू होगी। ग्राम पंचायतों का इसके लिए पूरा सहयोग लिया जा रहा है। सरपंचों ने फोगिंग मशीन भी खरीद ली हैं। नूंह जिले में नूंह सीएचसी , उजीना पीएचसी तथा पुन्हाना सीएचसी के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव हाईरिस्क जॉन में घोषित किये हुए हैं। इन गांवों में खास तौर से एहतियात बरते जाते हैं। स्टाफ - डॉक्टरों की नियुक्ति होने से काम करने में आसानी हुई है। एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने पत्रकारवार्ता में कहा कि ग्रामीणों का सहयोग बेहद जरुरी है। उनके सहयोग के बिना कोई भी कामयाबी हांसिल नहीं हो सकती। डॉक्टर शरण ने बताया कि बड़ों के मुकाबले स्कूली छात्र - छात्राएं ज्यादा बढ़िया तरीके से प्रचार करते हैं। उन्होंने कहा कि कूलर की सफाई जरुरी है। टायर , टंकी , प्लास्टिक बर्तन , मटका इत्यादि खुले व टूटे बर्तनों में बरसात के सीजन में पानी भर जाता है , जिसकी वजह से मच्छर अपना लार्वा उस स्थान पर जमा लेता हे। लिहाजा सभी को सावधान रहने की जरूरत है। अपने आस पास पानी का जलभराव नहीं होने दें। जहां पानी भरता है , वहां पानी में डीजल इत्यादि डालें। अगर किसी को बुखार की शिकायत है , तो तुरंत अस्पताल या गांव में जांच करने वाली टीम से अपने खून की जांच अवश्य करवाएं। डॉक्टर गोविंद ने कहा कि साल दर साल मलेरिया बुखार के केसों में कमी आ रही है। नूंह जिले में सूबे में सबसे ज्यादा मलेरिया केस हजारों की संख्या में पाए जाते थे , लेकिन अब महज 700 के आस पास रह गए हैं। बरसात का सीजन है , तो कोताही बरतने के बजाय सावधान होकर काम करने की जरूरत है।
बाइट;- डॉक्टर गोविंद शरण एसएमओ नूंह
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- मलेरिया से निपटने को तैयार स्वास्थ्य विभाग
मलेरिया नूंह जिले में अब शायद किसी की जान पर भारी नहीं पड़ेगा। मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पिछले कई माह से अलर्ट है। लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए खून के नमूने लिए जा रहे तो फोगिंग भी की जा रही है। अगस्त माह में एक बार फिर से गांवों - शहरों में फोगिंग शुरू होगी। ग्राम पंचायतों का इसके लिए पूरा सहयोग लिया जा रहा है। सरपंचों ने फोगिंग मशीन भी खरीद ली हैं। नूंह जिले में नूंह सीएचसी , उजीना पीएचसी तथा पुन्हाना सीएचसी के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव हाईरिस्क जॉन में घोषित किये हुए हैं। इन गांवों में खास तौर से एहतियात बरते जाते हैं। स्टाफ - डॉक्टरों की नियुक्ति होने से काम करने में आसानी हुई है। एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने पत्रकारवार्ता में कहा कि ग्रामीणों का सहयोग बेहद जरुरी है। उनके सहयोग के बिना कोई भी कामयाबी हांसिल नहीं हो सकती। डॉक्टर शरण ने बताया कि बड़ों के मुकाबले स्कूली छात्र - छात्राएं ज्यादा बढ़िया तरीके से प्रचार करते हैं। उन्होंने कहा कि कूलर की सफाई जरुरी है। टायर , टंकी , प्लास्टिक बर्तन , मटका इत्यादि खुले व टूटे बर्तनों में बरसात के सीजन में पानी भर जाता है , जिसकी वजह से मच्छर अपना लार्वा उस स्थान पर जमा लेता हे। लिहाजा सभी को सावधान रहने की जरूरत है। अपने आस पास पानी का जलभराव नहीं होने दें। जहां पानी भरता है , वहां पानी में डीजल इत्यादि डालें। अगर किसी को बुखार की शिकायत है , तो तुरंत अस्पताल या गांव में जांच करने वाली टीम से अपने खून की जांच अवश्य करवाएं। डॉक्टर गोविंद ने कहा कि साल दर साल मलेरिया बुखार के केसों में कमी आ रही है। नूंह जिले में सूबे में सबसे ज्यादा मलेरिया केस हजारों की संख्या में पाए जाते थे , लेकिन अब महज 700 के आस पास रह गए हैं। बरसात का सीजन है , तो कोताही बरतने के बजाय सावधान होकर काम करने की जरूरत है।
बाइट;- डॉक्टर गोविंद शरण एसएमओ नूंह
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- मलेरिया से निपटने को तैयार स्वास्थ्य विभाग
मलेरिया नूंह जिले में अब शायद किसी की जान पर भारी नहीं पड़ेगा। मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पिछले कई माह से अलर्ट है। लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए खून के नमूने लिए जा रहे तो फोगिंग भी की जा रही है। अगस्त माह में एक बार फिर से गांवों - शहरों में फोगिंग शुरू होगी। ग्राम पंचायतों का इसके लिए पूरा सहयोग लिया जा रहा है। सरपंचों ने फोगिंग मशीन भी खरीद ली हैं। नूंह जिले में नूंह सीएचसी , उजीना पीएचसी तथा पुन्हाना सीएचसी के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव हाईरिस्क जॉन में घोषित किये हुए हैं। इन गांवों में खास तौर से एहतियात बरते जाते हैं। स्टाफ - डॉक्टरों की नियुक्ति होने से काम करने में आसानी हुई है। एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण ने पत्रकारवार्ता में कहा कि ग्रामीणों का सहयोग बेहद जरुरी है। उनके सहयोग के बिना कोई भी कामयाबी हांसिल नहीं हो सकती। डॉक्टर शरण ने बताया कि बड़ों के मुकाबले स्कूली छात्र - छात्राएं ज्यादा बढ़िया तरीके से प्रचार करते हैं। उन्होंने कहा कि कूलर की सफाई जरुरी है। टायर , टंकी , प्लास्टिक बर्तन , मटका इत्यादि खुले व टूटे बर्तनों में बरसात के सीजन में पानी भर जाता है , जिसकी वजह से मच्छर अपना लार्वा उस स्थान पर जमा लेता हे। लिहाजा सभी को सावधान रहने की जरूरत है। अपने आस पास पानी का जलभराव नहीं होने दें। जहां पानी भरता है , वहां पानी में डीजल इत्यादि डालें। अगर किसी को बुखार की शिकायत है , तो तुरंत अस्पताल या गांव में जांच करने वाली टीम से अपने खून की जांच अवश्य करवाएं। डॉक्टर गोविंद ने कहा कि साल दर साल मलेरिया बुखार के केसों में कमी आ रही है। नूंह जिले में सूबे में सबसे ज्यादा मलेरिया केस हजारों की संख्या में पाए जाते थे , लेकिन अब महज 700 के आस पास रह गए हैं। बरसात का सीजन है , तो कोताही बरतने के बजाय सावधान होकर काम करने की जरूरत है।
बाइट;- डॉक्टर गोविंद शरण एसएमओ नूंह
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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