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'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा' में किसान कराएं पंजीकरण, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान - मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पंजीकरण हरियाणा

नूंह जिले के जो किसान अपनी फसल को सरकार द्वारा निर्धारित न्यून्तम मूल्य पर बेचना चाहते हैं उन्हें सरकार के हिदायतों के अनुसार आगामी 29 फरवरी 2020 तक अपनी फसल का पंजीकरण मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के पोर्टल पर करवाना अनिवार्य है.

meri fasal mera byora yohna nuh
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Published : Feb 18, 2020, 11:40 PM IST

नूंह: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी डॉ. अजय तोमर ने बताया कि सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर उन्हीं किसानों की फसल को खरीदा जाएगा जिन्होंने अपनी फसल का पंजीकरण कराया हुआ है. फसल कीमत का भुगतान पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा.

फसल पंजीकरण करवाने वाले किसानों के लिए यह काफी सुविधाजनक होगा. पंजीकरण नहीं करवाने वाले किसानों की फसल या तो खरीदी ही नहीं जाएगी या फिर सबसे अंतिम पंक्ति में उन किसानों की फसल खरीद होगी.

'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा' में किसान कराएं पंजीकरण, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान.

कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से अनुरोध किया है कि जिन किसानों ने अभी तक किसी कारणवश अपनी गेंहू, सरसों इत्यादि फसल का पंजीकरण पोर्टल पर नहीं करवाया है वह किसान अपनी फसल का पंजीकरण नजदीकी अटल सेवा केंद्र (सीएससी ) या कृषि विपणन बोर्ड के कार्यालय में जाकर करवा सकते हैं.

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इसके लिए किसान अपने आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन की फर्द की फोटोकॉपी अवश्य साथ लेकर जाएं. बावजूद इसके किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो किसान कृषि विभाग में कृषि विपणन बोर्ड में जाकर अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं.

जब कृषि विभाग के अधिकारियों से मेरी फसल-मेरा ब्यौरा का पंजीकरण कम कराने का सवाल पूछा गया तो अधिकारियों ने कहा कि अधिकतर किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड बैंक से बनवाए हुए हैं जिन पर लोन लिया हुआ है. दरअसल अगर किसान पंजीकरण कराकर अपनी फसल अनाज मंडी में भेजता है तो उसका सारा पैसा उसके खाते में आएगा. किसानों को डर है कि बैंक से जो लोन उन्होंने लिया है उसमें उनकी फसल की रकम काट ली जाएगी.

अधिकारियों ने कहा कि किसानों को इस तरह डरने की जरूरत नहीं है उनकी फसल की जो कीमत खाते में आएगी उसको उनके बिना अनुमति के कोई नहीं काट सकता. लिहाजा बिना किसी भय के किसान खुलकर फसलों का ऑनलाइन पंजीकरण कराएं ताकि उनको फसल बेचने पर सही दाम मिल सके. किसानों की सुविधा को देखते हुए कृषि विभाग ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के माध्यम से पंजीकरण कराने के लिए आगामी 29 फरवरी तक अंतिम तिथि घोषित की है.

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नूंह: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी डॉ. अजय तोमर ने बताया कि सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर उन्हीं किसानों की फसल को खरीदा जाएगा जिन्होंने अपनी फसल का पंजीकरण कराया हुआ है. फसल कीमत का भुगतान पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा.

फसल पंजीकरण करवाने वाले किसानों के लिए यह काफी सुविधाजनक होगा. पंजीकरण नहीं करवाने वाले किसानों की फसल या तो खरीदी ही नहीं जाएगी या फिर सबसे अंतिम पंक्ति में उन किसानों की फसल खरीद होगी.

'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा' में किसान कराएं पंजीकरण, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान.

कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से अनुरोध किया है कि जिन किसानों ने अभी तक किसी कारणवश अपनी गेंहू, सरसों इत्यादि फसल का पंजीकरण पोर्टल पर नहीं करवाया है वह किसान अपनी फसल का पंजीकरण नजदीकी अटल सेवा केंद्र (सीएससी ) या कृषि विपणन बोर्ड के कार्यालय में जाकर करवा सकते हैं.

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इसके लिए किसान अपने आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन की फर्द की फोटोकॉपी अवश्य साथ लेकर जाएं. बावजूद इसके किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो किसान कृषि विभाग में कृषि विपणन बोर्ड में जाकर अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं.

जब कृषि विभाग के अधिकारियों से मेरी फसल-मेरा ब्यौरा का पंजीकरण कम कराने का सवाल पूछा गया तो अधिकारियों ने कहा कि अधिकतर किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड बैंक से बनवाए हुए हैं जिन पर लोन लिया हुआ है. दरअसल अगर किसान पंजीकरण कराकर अपनी फसल अनाज मंडी में भेजता है तो उसका सारा पैसा उसके खाते में आएगा. किसानों को डर है कि बैंक से जो लोन उन्होंने लिया है उसमें उनकी फसल की रकम काट ली जाएगी.

अधिकारियों ने कहा कि किसानों को इस तरह डरने की जरूरत नहीं है उनकी फसल की जो कीमत खाते में आएगी उसको उनके बिना अनुमति के कोई नहीं काट सकता. लिहाजा बिना किसी भय के किसान खुलकर फसलों का ऑनलाइन पंजीकरण कराएं ताकि उनको फसल बेचने पर सही दाम मिल सके. किसानों की सुविधा को देखते हुए कृषि विभाग ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के माध्यम से पंजीकरण कराने के लिए आगामी 29 फरवरी तक अंतिम तिथि घोषित की है.

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