अंबाला/रेवाड़ी/हिसार: हरियाणा में बीते दो दिन जमकर बारिश और ओलावृष्टि हुई. जिसके चलते फसलों का खासा नुकसान हुआ है. बारिश और ओलावृष्टि के चलते सरसों की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है. किसानों के मुताबिक एक तरफ बारिश के चलते गेहूं की फसल को फायदा हुआ है वहीं ओलावृष्टि होने से सरसों की फसल खराब हो गई.
मुआवजे की मांग: इस बीच कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि बारिश और भारी ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार को प्रभावित हुई फसलों की विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करना चाहिए, ताकि किसान अगली बिजाई के तैयारी कर सके. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं के प्रति सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा. वैसे भी देश का किसान सरकार की मनमानी के चलते परेशान है.
सरसों की फसल को नुकसान: रेवाड़ी में भी बारिश और ओलावृष्टि से सरसों की फसल को नुकसान हुआ है. किसानों ने सरकार से मांग की है कि जल्द ही बारिश और ओलावृष्टि से खराब फसलों की गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा दिया जाए. शनिवार को आंधी के साथ सैकड़ों पेड़ टूट कर भी गिरे हैं. जिसके चलते बिजली भी थोड़ी देर के लिए प्रभावित रही. किसानों ने बताया कि 90 फीसदी से अधिक सरसों की फसल ओलावृष्टि के चलते बर्बाद हो गई.
कुमारी सैलजा की सरकार से अपील: कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के 11 जिलों में बारिश हुई. इनमें जींद, हिसार, भिवानी, रोहतक, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, फतेहाबाद, झज्जर, पानीपत और सोनीपत जिले शामिल हैं. कई जगह तड़के 3 बजे ही बारिश शुरू हो गई थी. इस दौरान हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी और कैथल में जमकर ओले भी गिरे. फतेहाबाद जिला में तो इतनी भारी ओलावृष्टि हुई कि सड़क पर मोटी चादर सी बिछ गई और फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई.
ओलावृष्टि से सब्जियों को भी नुकसान: बारिश और तेज हवा के बीच ओलावृष्टि से रबी की फसलों को नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा सरसों और गेहूं की फसल तबाह हुई. इसके साथ ही सब्जियों में आलू, मेथी, गोभी और टमाटर की फसलें बर्बाद हो गई है. उन्होंने कहा कि हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, जींद, और कैथल के करीब 70 गांवों में ओलावृष्टि से सब्जियों और सरसों की फसल को नुकसान हुआ.
हिसार के करीब 50 गांवों में ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. आदमपुर क्षेत्र के 15, नारनौल क्षेत्र के 25 और हांसी क्षेत्र के छह गांवों में ओलावृष्टि से फसलों बर्बाद हुई है, इन क्षेत्रों में चने की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है.