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अमेरिका से डिपोर्ट हिसार का अक्षय 3 दिन बाद पहुंचा घर, लाखों रुपये हड़पने वाले तीन ट्रेवल एजेंट पर FIR - HISAR AKSHAY DEPORTED FROM US

हिसार के अक्षय को फर्जी तरीके से अमेरिका भेजने वाले तीन एजेंट पर केस दर्ज किया गया. पीड़ित ने पुलिस को दुख भरी दास्तां बताई.

HISAR AKSHAY DEPORTED FROM US
HISAR AKSHAY DEPORTED FROM US (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 9, 2025, 12:53 PM IST

हिसार: अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे खरड़ का अक्षय कुमार तीन दिन बाद घर लौटा है. अक्षय को पुलिस ने घर पहुंचाया है. अक्षय ने तीन एजेंटों पर 50 लाख रुपये हड़पने का आरोप भी लगाया है. अक्षय 8 महीनों बाद अमेरिका पहुंचा था. अक्षय की शिकायत पर जींद में तीन ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ सदर पुलिस ने केस दर्ज कराया है. पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत: जींद पुलिस ने बताया कि अक्षय को पंजाब पुलिस ने उसके घर पहुंचाया था. डिपोर्ट के तीन दिन बाद अक्षय अपने घर पहुंचा था. जिसके बाद अक्षय ने जींद पुलिस के पास एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. अक्षय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एक माफिया ने उसे दूसरे माफिया के पास सौंप दिया था. 25 जनवरी 2025 को एजेंट ने जुनाना बॉर्डर में एंट्री करा दी.

एजेंटों पर लाखों रुपये हड़पने का आरोप: अमेरिका पुलिस ने एंट्री के दौरान अक्षय को पकड़ लिया था. उसे गाड़ी में सनडिगो स्थित डेस्टिनेशन सेंटर ले गए. वहां उसे दस दिन तक रखा और तीन फरवरी को यूएस आर्मी ने अक्षय को डिपोर्ट कर दिया. एजेंटों ने 50 लाख रुपये हड़पकर अमेरिका भेजा था. इस दौरान अक्षय को भूखा रखा गया, उसे पीटा गया और करंट लगाकर टॉर्चर भी किया गया.

डंकी के जरिए भेजा अमेरिका: आरोप है कि सीएंडवी इमिग्रेशन कंपनी के संचालक जींद के गांव शामली वासी दीपक मलिक, आरएंडएम इमिग्रेशन सफीदों रोड वासी रजत मोर व इसी कंपनी में कार्यरत नारनौद गांव पेटवाड़ वासी मुनीष शर्मा ने अवैध तरीके से फर्जीवाड़ा कर 50 लाख रुपये हड़पकर अमेरिका भेजा था. हिसार डंकी के जरिए अमेरिका जाने व डिपोर्ट होने वाले पीड़ित खरड़ वासी अक्षय की शिकायत पर जींद के तीन ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ सदर थाना में इमिग्रेशन एक्ट, बीएनएस की धारा के तहत केस दर्ज किया है.

लाखों रुपये की ठगी: आरोप है कि दुबई तक वैध तरीके से 18 जुलाई 2024 को भेजा गया था. वहां पर एक माह तक रखा गया और 23 अगस्त 2024 को दुबई से गिनी, वहां से कासाब्लांका, एम्सर्टडम, सूरीनाम वैध वीजा से भेजा था. आरोप है कि तीनों एजेंटों ने मेरे परिजनों से 30 लाख रुपये मांगे थे. पैसे मिलने के 5 दिन बाद ही डायरेक्ट वीजा लगवाकर अमेरिका की फ्लाइट में बैठा देंगे.

वैध तरीके से अमेरिका भेजने का झांसा: परिजनों ने एजेंट के झांसे में आकर 24 अगस्त 2024 को 30 लाख रुपये दिए थे. माफिया की प्रताड़ना और अवैध ट्रैवलिंग की पीड़ा अवैध भेजने के विरोध में सूरनाम में माफिया ने पकड़वाया. अक्षय ने बताया कि इन एजेंट्स से वैध तरीके से अमेरिका से वर्क वीजा पर जाने के लिए जून 2024 में संपर्क किया था. तब एजेंट ने 35 लाख रुपये मांगे थे. विश्वास दिलाया कि वैध तरीके से भारत से अमेरिका तक फ्लाइट भेजेंगे.

'भूखे-प्यासे रखा और मारपीट भी की': अक्षय का आरोप है कि एजेंटों ने बस सीट के नीचे छुपाया, कई दिनों तक भूखा रखा, पिटाई की और जंगलों से कई दिनों तक भूखे-प्यासे पैदल चलाया. जिससे उसकी हालत खराब हो गई और माफिया ने एजेंट्स के कहने पर उसके परिजनों को वीडियो कॉल कर 20 लाख रुपये की डिमांड की. 28 नवंबर 2024 को परिजनों ने ब्याज पर आढ़ती से 20 लाख रुपये लेकर एजेंट को दिए थे.

ये भी पढ़ें: आंखों में आंसू, चेहरे पर गम, किसी ने जमीन बेची, किसी ने घर गिरवी रखा, सुनें अमेरिका से आए युवकों के परिजनों की दर्द भरी दास्तां

ये भी पढ़ें: फफक-फफक कर रोने लगे बाप-बेटे, युवक बोला- 45 लाख लोन लेकर अमेरिका भेजा, अब कभी नहीं जाऊंगा पिता से दूर

हिसार: अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे खरड़ का अक्षय कुमार तीन दिन बाद घर लौटा है. अक्षय को पुलिस ने घर पहुंचाया है. अक्षय ने तीन एजेंटों पर 50 लाख रुपये हड़पने का आरोप भी लगाया है. अक्षय 8 महीनों बाद अमेरिका पहुंचा था. अक्षय की शिकायत पर जींद में तीन ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ सदर पुलिस ने केस दर्ज कराया है. पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.

पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत: जींद पुलिस ने बताया कि अक्षय को पंजाब पुलिस ने उसके घर पहुंचाया था. डिपोर्ट के तीन दिन बाद अक्षय अपने घर पहुंचा था. जिसके बाद अक्षय ने जींद पुलिस के पास एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. अक्षय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एक माफिया ने उसे दूसरे माफिया के पास सौंप दिया था. 25 जनवरी 2025 को एजेंट ने जुनाना बॉर्डर में एंट्री करा दी.

एजेंटों पर लाखों रुपये हड़पने का आरोप: अमेरिका पुलिस ने एंट्री के दौरान अक्षय को पकड़ लिया था. उसे गाड़ी में सनडिगो स्थित डेस्टिनेशन सेंटर ले गए. वहां उसे दस दिन तक रखा और तीन फरवरी को यूएस आर्मी ने अक्षय को डिपोर्ट कर दिया. एजेंटों ने 50 लाख रुपये हड़पकर अमेरिका भेजा था. इस दौरान अक्षय को भूखा रखा गया, उसे पीटा गया और करंट लगाकर टॉर्चर भी किया गया.

डंकी के जरिए भेजा अमेरिका: आरोप है कि सीएंडवी इमिग्रेशन कंपनी के संचालक जींद के गांव शामली वासी दीपक मलिक, आरएंडएम इमिग्रेशन सफीदों रोड वासी रजत मोर व इसी कंपनी में कार्यरत नारनौद गांव पेटवाड़ वासी मुनीष शर्मा ने अवैध तरीके से फर्जीवाड़ा कर 50 लाख रुपये हड़पकर अमेरिका भेजा था. हिसार डंकी के जरिए अमेरिका जाने व डिपोर्ट होने वाले पीड़ित खरड़ वासी अक्षय की शिकायत पर जींद के तीन ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ सदर थाना में इमिग्रेशन एक्ट, बीएनएस की धारा के तहत केस दर्ज किया है.

लाखों रुपये की ठगी: आरोप है कि दुबई तक वैध तरीके से 18 जुलाई 2024 को भेजा गया था. वहां पर एक माह तक रखा गया और 23 अगस्त 2024 को दुबई से गिनी, वहां से कासाब्लांका, एम्सर्टडम, सूरीनाम वैध वीजा से भेजा था. आरोप है कि तीनों एजेंटों ने मेरे परिजनों से 30 लाख रुपये मांगे थे. पैसे मिलने के 5 दिन बाद ही डायरेक्ट वीजा लगवाकर अमेरिका की फ्लाइट में बैठा देंगे.

वैध तरीके से अमेरिका भेजने का झांसा: परिजनों ने एजेंट के झांसे में आकर 24 अगस्त 2024 को 30 लाख रुपये दिए थे. माफिया की प्रताड़ना और अवैध ट्रैवलिंग की पीड़ा अवैध भेजने के विरोध में सूरनाम में माफिया ने पकड़वाया. अक्षय ने बताया कि इन एजेंट्स से वैध तरीके से अमेरिका से वर्क वीजा पर जाने के लिए जून 2024 में संपर्क किया था. तब एजेंट ने 35 लाख रुपये मांगे थे. विश्वास दिलाया कि वैध तरीके से भारत से अमेरिका तक फ्लाइट भेजेंगे.

'भूखे-प्यासे रखा और मारपीट भी की': अक्षय का आरोप है कि एजेंटों ने बस सीट के नीचे छुपाया, कई दिनों तक भूखा रखा, पिटाई की और जंगलों से कई दिनों तक भूखे-प्यासे पैदल चलाया. जिससे उसकी हालत खराब हो गई और माफिया ने एजेंट्स के कहने पर उसके परिजनों को वीडियो कॉल कर 20 लाख रुपये की डिमांड की. 28 नवंबर 2024 को परिजनों ने ब्याज पर आढ़ती से 20 लाख रुपये लेकर एजेंट को दिए थे.

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