नूंह: नूंह के आईएमटी सोहना में शुक्रवार को किसानों ने चीन की कंपनी द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य को रुकवा (Farmers protest in Nuh) दिया. साथ ही किसानों ने चीन की कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों पर चीन जिंदाबाद और भारतीय किसान यूनियन मुर्दाबाद के नारे लगाने के आरोप भी लगाये हैं. मामले को तूल पकड़ता देख आईएमटी सोहना में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. साथ ही मौके पर पहुंची नूंह SDM आईएएस सलोनी शर्मा ने गुस्साए किसानों से बातचीत की. साथ ही उपायुक्त से बैठक कराने का निमंत्रण दिया.
बता दें कि ये किसान उन 9 गांवों से आए हैं जिनकी जमीन का आईएमटी सोहना के लिए अधिग्रहण कर लिया गया था. ये किसान काफी समय से जमीन का ज्यादा मुआवजा देने और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की मांग कर रहे थे. वहीं जैसे ही इन्हें पता चला कि यहां किसी चीन की कंपनी का निर्माण कार्य चल रहा है तो किसान और गुस्सा हो गए. किसानों का कहना है कि जिस देश ने हमारे जवानों पर हमला किया हम यहां उसी कंपनी को नहीं आने देंगे.
इसके बाद शुक्रवार को सभी किसान चीन की कंपनी के निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए पहुंचे. इस दौरान कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों और किसानों का आमना-सामना हो गया. किसानों का आरोप है कि कंपनी के कर्मचारियों ने भारतीय किसान यूनियन मुर्दाबाद और चीन जिंदाबाद के नारे भी लगाए. जिसके उनके पास सबूत हैं. मामला तूल पकड़ने लगा तो आईएमटी सोहना में भारी तादाद में पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई.
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इतना ही नहीं नूंह SDM सलोनी शर्मा भी मौके पर पहुंची और गुस्साए किसानों से बातचीत की. हालांकि किसानों के तेवर देखकर SDM सलोनी शर्मा ने किसानों को बातचीत के लिए निमंत्रण दिया है. जिसमें 13 सदस्यों की कमेटी उपायुक्त कार्यालय में शाम को बैठक करने पहुंची. सलोनी शर्मा ने कहा कि किसानों के साथ कंपनी के जिन कर्मचारियों ने गुंडागर्दी की है. उसकी जांच कराई जाएगी और पुलिस अपना काम करेगी. गौरतलब है कि किसान चीन की कंपनी द्वारा कराए जा रहे कार्य से बेहद नाराज (Allegations against Chinese company in Nuh) हैं. किसानों का कहना है कि जो मुल्क हमारे देश का सबसे बड़ा दुश्मन है, उस देश की कंपनी को चोरी-छिपे भारत में काम दिया जा रहा है. जिसका खुलकर विरोध किया जाएगा.
इसके अलावा किसानों ने अपनी लंबित चल रही मांगों को भी मनवाने की बात कही है. जिसके लिए जिला प्रशासन व सरकार द्वारा गंभीरता दिखाकर मांगों पर मजबूती से अमल करने की चेतावनी दी है. कुल मिलाकर किसानों की भारी भीड़ इस समय आईएमटी प्रांगण में डटी हुई है और लगातार धरना प्रदर्शन व नारेबाजी की जा रही है. भारतीय किसान यूनियन ने साफ कर दिया है कि अगर कंपनी के गुंडों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई और किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो भारतीय किसान यूनियन यहां पर धरना प्रदर्शन शुरू कर सकता है और एक बड़ा रूप धरना प्रदर्शन ले सकता है.
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गौरतलब है कि तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के समय रोजकमेव, कंवरसिका, महरोला, खेड़ी, बड़ेलाकी इत्यादि 9 गांवों की करीब 1600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था. अधिग्रहण के समय किसानों से हलफनामा लिया गया था, जिसमें कोर्ट जाने के रास्ते बंद कर दिए गए थे. किसान उसी समय से नाराज चल रहे थे. जिसके चलते किसानों ने बहुत बार संघर्ष किया लेकिन उसका नतीजा अभी तक भी शून्य रहा है.
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