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पूर्व DGP के घर हुई डकैती का पर्दाफाश, पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी

कांटी गांव में रिटायर्ड डीजीपी की कोठी में डकैती डालने वाले चढ़े पुलिस के हत्थे चढ़े हैं.  इन आरोपियों पर की मुकदमे दर्ज हैं

पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी
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Published : May 20, 2019, 10:18 AM IST

महेंद्रगढ़: नारनौल के कांटी गांव में साल 2018 में पूर्व डीजीपी दुर्ग पाल वासी के मकान पर हथियारों के बल पर हुई डकैती में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सभी आरोपियों को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया. जहां से उन्हें न्यायाधीश ने न्यायिक हिरासत नसीबपुर जेल भेज दिया.

आरोपियों पर कई मुकदमे दर्ज
इस संबंध में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जिले में पिछले साल कांटी गांव में हुई डकैती पुलिस के लिए पहेली बनी हुई थी. कई दिनों से पुलिस आरोपियों का सुराग लगाने में लगी हुई थी. इन आरोपियों के खिलाफ करीब 1 दर्जन मुकदमे दर्ज हैं. फिलहाल इन सभी आरोपियों को नसीबपुर जेल भेज दिया है. इनमें से कुछ आरोपियों को जल्द ही अन्य मुकदमों में प्रोडक्शन वारंट पर लिया जाएगा.

महेंद्रगढ़: नारनौल के कांटी गांव में साल 2018 में पूर्व डीजीपी दुर्ग पाल वासी के मकान पर हथियारों के बल पर हुई डकैती में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सभी आरोपियों को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया. जहां से उन्हें न्यायाधीश ने न्यायिक हिरासत नसीबपुर जेल भेज दिया.

आरोपियों पर कई मुकदमे दर्ज
इस संबंध में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जिले में पिछले साल कांटी गांव में हुई डकैती पुलिस के लिए पहेली बनी हुई थी. कई दिनों से पुलिस आरोपियों का सुराग लगाने में लगी हुई थी. इन आरोपियों के खिलाफ करीब 1 दर्जन मुकदमे दर्ज हैं. फिलहाल इन सभी आरोपियों को नसीबपुर जेल भेज दिया है. इनमें से कुछ आरोपियों को जल्द ही अन्य मुकदमों में प्रोडक्शन वारंट पर लिया जाएगा.

रिटायर्ड डीजीपी की कोठी में डकैती डालने वाले चढ़े पुलिस के हत्थे
-आरोपियों से पास से जेवरात, चांदी के सिक्के, देशी कट्टा, 2 ब्रीफ  केस, लोहे की तिजोरी बरामद 
-न्यायालय में पकड़े गए आरोपियों को भेजा नसीबपुर जेल 
नारनौल। पिछले वर्ष पूर्व डीजीपी दुर्ग पाल वासी कांटी के मकान पर हथियारों के बल पर हुई डकैती में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने पकडऩे में कामयाबी हासिल की है। पकड़े गए आरोपियों में हरि राम वासी खटावली, अनु, बुध सिंह, तेजपाल वासी भोडा कलां, विनोद वासी सैदपुर, राजेन्द्र वासी खटावली, रेशमा वासी शाहपुर एवं मोती चंद वासी मोती नगर नारनौल को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को आज स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायाधीश ने न्यायिक हिरासत नसीबपुर जेल भेज दिया। 
इस संबंध में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष कांटी गांव में हुई डकैती पुलिस के लिए पहेली बनी हुई थी। कई दिन से पुलिस आरोपियों का सुराग लगाने में लगी हुई थी। पुलिस ने 26 अप्रैल को आरोपी हरी राम अपने लड़कों अनु व बुध सिंह, दामाद तेजपाल व विनोद कुमार किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए फैजाबाद चौकी के पास एक रोड़ पर पुराने कोठड़े में गाड़ी बाहर खड़ी करके योजना बनाते हुए पकड़े लिया। इनके पास एक देशी कट्टा ओर लोहे की राड बरामद हुई। इनके खिलाफ थाना सदर नारनौल में मुकदमा दर्ज गिरफ्तार किया गया। लेकिन जब इनसे अन्य वारदातों के बारे पूछताछ की तो इन्होंने कांटी गांव में हुई डकैती का सारा राज खोल दिया। आरोपियों को पहले इस मुकदमे में कोर्ट में पेश किया गया, जहां न्यायालय ने सभी को जेल भेज दिया।
इसके बाद अटेली पुलिस ने 8 मई को कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट लेकर इनको डकैती के आरोप में गिरफ्तार करके 5 दिन का पुलिस रिमांड लिया। रिमांड के दौरान इन्होंने आरोपी राजेन्द्र व डकैती का माल खरीदने वालों में नारनौल के मोती राम सोनी ओर रेशमा का नाम भी सामने आया। इनको भी डकैती का माल खरीदने के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपियों से डकैती का काफी माल भी बरामद हुआ है। जिसमें जेवरात, चांदी के सिक्के, इसके इलावा देशी कट्टा, 2 ब्रीफ  के स, लोहे की तिजोरी आदि शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार डकैती का मास्टर माइंड आरोपी हरि सिंह है इसने पहले गांव काटी में एक दिन रेकी करके रिटायर्ड डीजीपी की हवेली का जायजा लिया है। उसके बाद आरोपी हरि राम ने अपने दोनों लड़कों व दामाद तेज पाल व विनोद को साथ लिया। 10 अप्रैल 2018 की रात हवेली की पीछे की साइड से दीवार फांद कर इस घटना को अंजाम दिया है। इनके खिलाफ  मेवात, राजस्थान व हरियाणा में लूट व डकैती के करीब एक दर्जन मुकदमे दर्ज है। फिलहाल इन सभी आरोपियों को नसीबपुर जेल भेज दिया है। जल्द ही इनमें से कुछ आरोपियों को जल्द ही अन्य मुकदमों में प्रोडक्शन वारंट पर लिया जाएगा।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस अधीक्षक चन्द्र मोहन ने इस डकैती को सुलझाने के लिए स्वयं दिन रात मेहनत की है। पुलिस अधीक्षक ने कई वारदातों को सुलझाने के लिए जिले की पुलिस पर पूरा दवाब बना रखा था, क्योंकि पिछले महीने जब इन आरोपियों की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी तो तुरन्त संज्ञान लेकर हर पहलू पर इनकी पूछताछ के बारे में रिपोर्ट लेते रहे। पुलिस अधीक्षक ने भी आरोपियों से अपने सामने पूछताछ करवाते रहे और रिमांड अवधि के दौरान हर रोज की कार्यवाही के बारे में अपडेट लेते रहे। पुलिस अधीक्षक की मेहनत से ही यह सारा पर्दा फांस हुआ है तथा कई अन्य वारदातों का जल्द खुलासा होने की भी सम्भावना है।
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